मुंबई की ओर से पृथ्वी शॉ ने असम के खिलाफ खेले जा रहे मैच में 379 रन बनाए। यह रणजी ट्रॉफी में अब तक का दूसरा सर्वोच्च स्कोर है। पृथ्वी शॉ के पास में 400 रन पार करने का मौका था लेकिन वह 21 रन दूर रह गए।
मंगलवार के दिन का खेल खत्म होने तक वह 240 रनों पर थे और बुधवार को उन्होंने ताबड़तोड़ 99 गेंदो में 139 रन बनाकर अपनी टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया। रणजी ट्रॉफी में 350 रनों के पार जाने वाले पृथ्वी शॉ 11वें बल्लेबाज बने।
रणजी ट्रॉफी का सर्वाधिक स्कोर बाबसाहेब निम्बालकर के नाम है जिन्होंने महाराष्ट्र की ओर से कैथियावर के खिलाफ दिसंबर 1948 में लगाया था।
पृथ्वी शॉ की मदद से मुंबई ने असम के खिलाफ रणजी ट्रॉफी के ग्रुप-बी मुकाबले के दूसरे दिन बुधवार को 687 रन का विशाल स्कोर खड़ा कर दिया। मुंबई के पारी घोषित करने के बाद असम ने दिन का खेल खत्म होने से पूर्व एक विकेट के नुकसान पर 129 रन बना लिये। सलामी बल्लेबाज शुभम मंडल 40 रन बनाकर आउट हो गये, हालांकि राहुल हज़ारिका (60) और ऋषव दास (26) विकेट पर मौजूद हैं।शॉ ने सिर्फ 383 गेंदें खेलकर 98.96 के दमदार स्ट्राइक रेट से 379 रन बनाये। उन्होंने अपने प्रथम श्रेणी करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी में 49 चौके और चार छक्के जड़े।
शॉ ने इसी के साथ रणजी ट्रॉफी के इतिहास का दूसरा सबसे बड़ा स्कोर बनाया, जबकि सबसे बड़ा स्कोर (443) महाराष्ट्र के बीबी निंबलकर ने 1984-49 में बनाया था। सलामी बल्लेबाज ने रणजी ट्रॉफी में मुंबई के लिये सबसे बड़ा स्कोर बनाने का संजय मांजरेकर (377) का 32 साल पुराना रिकॉर्ड भी तोड़ दिया।
शॉ का साथ देते हुए कप्तान अजिंक्य रहाणे ने भी शतक जड़ा, हालांकि वह अपने दोहरे शतक से नौ रन दूर रह गये। रहाणे ने 302 गेंदों पर 15 चौकों और दो छक्कों के साथ 191 रन बनाते हुए शॉ के साथ 401 रन की साझेदारी की। दोनों बल्लेबाजों का विकेट रियान पराग (167/2) ने लिया।
शॉ ने इस रिकॉर्डतोड़ तिहरे शतक के साथ बीसीसीआई का दरवाजा खटखटाया है, जिसने फिलहाल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाली चार मैचों की टेस्ट शृंखला के लिये टीम की घोषणा नहीं की है।