नई दिल्ली। पूर्व भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ ने मंगलवार को कहा कि बल्ले की मोटाई सीमित करने को लेकर आईसीसी के नए नियमों का क्रिकेट के खेल पर असर होगा।
नए नियमों के तहत बल्ले की मोटाई को सीमित किया गया है। बल्ले और गेंद के बीच संतुलन बनाने की कवायद के तहत बल्ले की चौड़ाई 108 मिलीमीटर से अधिक नहीं होगी, जबकि किनारों पर इसकी मोटाई 40 मिलीमीटर और बीच में 67 मिलीमीटर से अधिक नहीं होगी।
द्रविड़ ने कहा, हां, इसका (बल्ले के आकार में बदलाव का) असर होगा। खेल के नतीजों पर असर पड़ेगा। हालांकि बदलाव काफी बड़े नहीं हैं, क्योंकि कुछ ही खिलाड़ी हैं, जो ऐसे बल्लों का इस्तेमाल करते हैं तो नए नियमों के तहत नहीं आते। यह अच्छा फैसला है। दाएं हाथ के इस पूर्व बल्लेबाज ने हालांकि कहा कि बल्ले के आकार के अलावा भी कई ऐसे चीजें है, जो खेल को प्रभावित करती हैं।
भारतीय महिला टीम की कप्तान मिताली राज और पूर्व कप्तान झूलन गोस्वामी के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम के दौरान द्रविड़ ने कहा, पिच की प्रकृति और बाउंड्री का आकार भी मायने रखता है। आईसीसी ने खेलने के हालात में कई बदलाव किए हैं जिसमें बल्ले के आकार को सीमित करना भी शामिल है जिससे डेविड वार्नर जैसे बल्लेबाजों को अपने बल्ले में बदलाव करने को बाध्य होना होगा।
यह पूछने पर कि क्या वह भविष्य में भारतीय महिला टीम को कोचिंग देना चाहेंगे, भारत ए और अंडर 19 पुरुष टीम के कोच द्रविड़ ने कहा कि महिला टीम के पास पहले ही सर्वश्रेष्ठ सहयोगी स्टाफ है। कार्यक्रम के दौरान मिताली ने अपने बचपन और क्रिकेट करियर के अनुभव साझा किए।
महिला आईपीएल टूर्नामेंट के फायदों पर द्रविड़ ने कहा, हां, यह अच्छा विचार है। इससे खिलाड़ियों का बड़ा पूल बनेगा तथा घरेलू और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को फायदा होगा। मिताली को हालांकि मलाल है कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2005 महिला विश्व कप के फाइनल का वीडियो मौजूद नहीं है। इस मैच में मिताली ने टीम की अगुआई की थी लेकिन ऑस्ट्रेलिया चैंपियन बना था। (भाषा)