सुनील गावस्कर के बेटे रोहन ने रणजी खिलाड़ियों के मुआवजे को लेकर की बोर्ड की आलोचना

Webdunia
गुरुवार, 27 मई 2021 (13:43 IST)
नई दिल्ली: पूर्व भारतीय क्रिकेटर रोहन गावस्कर ने देश के राज्य क्रिकेट संघों को भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) की तरह अपने खिलाड़ियों को वार्षिक अनुबंध की पेशकश शुरू करने का सुझाव दिया है।
 
बीसीसीआई राष्ट्रीय टीम की ओर से खेलने वाले क्रिकेटरों को वार्षिक अनुबंध की पेशकश करता है और उन्हें पिछले 12 महीने में प्रदर्शन के आधार पर विभिन्न ग्रेड में बांटा जाता है।
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All state associations should have annual contracts with their players like the bcci does with the Indian team . A,B,C categories . If state contracts are not there then it’s impossible to make payments to domestic players in such a situation . https://t.co/FAOV5cDRWx

— Rohan Gavaskar (@rohangava9) May 26, 2021 >
गावस्कर ने बुधवार को ट्वीट किया, ‘‘सभी राज्य संघों को अपने खिलाड़ियों को वार्षिक अनुबंध देना चाहिए जैसा बीसीसीआई भारतीय टीम के साथ करता है। ए, बी, सी वर्ग। अगर राज्य अनुबंध नहीं होंगे तो ऐसी स्थिति में घरेलू खिलाड़ियों को भुगतान करना असंभव होगा। ’’
 
महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर के बेटे 45 साल के रोहन गावस्कर भारत के लिए 11 वनडे खेलने के अलावा 2010 में दो आईपीएल मैच भी खेले। वह हालांकि घरेलू क्रिकेट में बंगाल की ओर से खेले और सफल रहे।
 
प्रथम श्रेणी क्रिकेटरों की आजीविका पर चिंता जताते हुए पूर्व क्रिकेटर गावस्कर ने ट्वीट किया, ‘‘कोई कैसे फैसला करेगा कि कौन सा खिलाड़ी पूरा सत्र खेलता? क्या कुछ सीनियर खिलाड़ियों को बीच में हटाया जा सकता था?’’
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How does one determine who would have played the entire season ? Could some senior players have been dropped midway ? What about the youngsters who may have made their debuts ? Will they not get anything ? What happens to the white ball specialists ? The red ball specialists ?

— Rohan Gavaskar (@rohangava9) May 26, 2021 >
उन्होंने लिखा, ‘‘उन युवाओं का क्या जिन्हें पदार्पण का मौका मिल सकता था? क्या उन्हें कुछ नहीं मिलेगा? सीमित ओवरों के विशेषज्ञों का क्या? लाल गेंद के विशेषज्ञ?’
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The state associations need to look after their players . The domestic players are the ones who really keep the game going . They have to be taken care of . Start annual contracts for them .

— Rohan Gavaskar (@rohangava9) May 26, 2021 >
गावस्कर ने लिखा, ‘‘राज्य संघों को अपने खिलाड़ियों की देखभाल करने की जरूरत है। घरेलू खिलाड़ी वे हैं जो खेल को आगे बढ़ाते हैं। उनक ख्याल रखने की जरूरत है। उनके लिए वार्षिक अनुबंध शुरू कीजिए।’’
 
गावस्कर जूनियर का सुझाव उस समय आया है जब घरेलू खिलाड़ियों को बीसीसीआई से मुआवजे का इंतजार है क्योंकि राज्य संघों ने अब तक जरूरी जानकारी नहीं भेजी है।
 
कोविड-19 महामारी और इसके कारण बीसीसीआई मुख्यालय के बंद होने से वेतन और मुआवजे के भुगतान में विलंब हो रहा है जबकि इसके अलावा अधिकतर घरेलू खिलाड़ियों को पिछले कुछ सत्र में बीसीसीआई के राजस्व में भी हिस्सा नहीं मिला है।
 
बीसीसीआई हमेशा टीवी प्रसारण से मिलने वाले राजस्व का हिस्सा घरेलू क्रिकेटरों को देता है और ऐसा आम तौर पर सितंबर में वार्षिक खाते तैयार करने के बाद होता है।(भाषा)
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