विकेटकीपर संजू सैमसन ने भले ही 7 साल पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण कर लिया हो लेकिन कल जाकर उनको भारतीय जमीन पर अपना पहला वनडे मैच खेलने का मौका मिला।
क्रीज पर आते साथ ही उनको पगबाधा करार दिया गया और उन्होंने रिव्यू की मदद से जीवनदान पाया। इसके बाद संजू सैमसन ने मुड़कर नहीं देखा। घरेलू जमीन पर 49 गेंदो में पचास जड़ने वाले सैमसन अंत तक आउट नहीं हुए और भारतीज जीत की एकमात्र उम्मीद रहे। अंत में शम्सी पर प्रहार करने वाले संजू सैमसन ने 63 गेंदो में कुल 86 रन बनाए। जिससे भारत सिर्फ 9 रनों से मुकाबला हारा।
7 साल के लंबे अंतराल में कल खेला करियर का आठवां वनडे मैच
किशोरावस्था में ही अपने प्रदर्शन से सुर्खियां बटोरने वाले सैमसन ने 2015 में जिंबाब्वे के खिलाफ टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया लेकिन तब से केरल के इस क्रिकेटर ने अब तक सिर्फ 8 वनडे और 16 टी20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबले ही खेले हैं।
सैमसन को अंतत: हाल में आयरलैंड, वेस्टइंडीज और जिंबाब्वे के दौरे पर जाने वाली दूसरे दर्जे की भारतीय टीम में जगह मिली इस कारण टी-20 की संख्या दोहरे अंक में गई, वहीं पिछले साल श्रीलंका से खेले गए 3 वनडे और टी-20 भी इसमें शामिल हैं।
अगले मैच में दो बड़े शॉट की भरपाई करने की कोशिश करूंगा : संजू सैमसन
विकेटकीपर बल्लेबाज संजू सैमसन ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में भारत केवल दो बड़े शॉट नहीं खेल पाने के कारण जीत से चूक गया और वह अगले मैच में इसकी भरपाई करने की कोशिश करेंगे।
सैमसन ने नाबाद 86 रन की धमाकेदार पारी खेली लेकिन इसके बावजूद बारिश से प्रभावित इस मैच में भारतीय टीम को नौ रन से हार का सामना करना पड़ा।
सैमसन के अलावा श्रेयस अय्यर ने 50 और शार्दुल ठाकुर ने 33 रन का योगदान दिया लेकिन भारत 40 ओवर में 250 रन के लक्ष्य तक पहुंचने में नाकाम रहा। भारत ने आठ विकेट पर 240 रन बनाए।
सैमसन ने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, मुझे क्रीज पर समय बिताना अच्छा लगता है विशेषकर भारत की तरफ से खेलते हुए। हम मैच जीतने के लिए खेल रहे थे। मैं केवल दो बड़े शॉट से चूक गया। हमें केवल एक छक्के और एक चौके की जरूरत थी। मैं अगले मैच में इसकी भरपाई करने की कोशिश करूंगा लेकिन मैं अपने योगदान से खुश हूं।
भारत को अंतिम ओवर में 30 रन की जरूरत थी। सैमसन ने स्पिनर तबरेज शम्सी पर एक छक्का और तीन चौके लगाकर 20 रन बटोरे लेकिन यह पर्याप्त नहीं था। उन्हें 19वें ओवर में एक भी गेंद खेलने को नहीं मिली और संभवत: इसी ने अंतर पैदा किया।
सैमसन ने कहा, दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों ने वास्तव में बहुत अच्छी गेंदबाजी की लेकिन तबरेज शम्सी थोड़ा महंगा साबित हो रहा था और हमें लगा कि हम उसको निशाना बना सकते हैं। मुझे पता था कि उसका एक ओवर बचा हुआ है और अगर हमें 24 रन की जरूरत होती तो मुझे पूरा विश्वास था कि मैं चार छक्के लगा सकता हूं। हम आखिर तक जीतने का प्रयास करना चाहते थे। यही हमारी रणनीति थी।
लखनऊ में पिछले तीन दिनों से लगातार बारिश हो रही थी जिसके कारण पिच में शुरू में नमी थी और गेंदबाजों को मूवमेंट मिल रहा था।
सैमसन ने कहा, आपने दक्षिण अफ्रीकी पारी में देखा होगा कि नई गेंद से रन बनाना आसान नहीं था। डेविड मिलर (नाबाद 75) और हेनरिक क्लासेन (नाबाद 74) ने 15 ओवर के बाद वास्तव में अच्छी बल्लेबाजी की। तब गेंद मूव नहीं कर रही थी और 15 से 20 ओवर के बाद बल्लेबाजी करना आसान था।
उन्होंने कहा, मैंने 80 से अधिक रन बनाए लेकिन मैंने भी गलतियां की। यह हम सभी के लिए सबक है और अगले मैच में हम इसकी भरपाई करने की कोशिश करेंगे।