मुंबई::शेफाली वर्मा को छक्के जड़ने में आनंद आता है लेकिन ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के खिलाफ करारे शॉट खेलने के आनंद का कोई सानी नहीं, क्योंकि इस सलामी बल्लेबाज को उनके खिलाफ खेलने से लगता है जैसे वह किसी पुरुष टीम का सामना कर रही है।
शेफाली ने 15 साल की उम्र में भारत की तरफ से पदार्पण करने के बाद लंबा रास्ता तय किया है और उन्होंने स्मृति मंधाना के साथ मिलकर महिला क्रिकेट की सबसे आक्रामक सलामी जोड़ी बनाई है।
पहले दो मैचों में असफल रहने के बाद शेफाली ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पिछले मैच में 41 गेंदों पर 52 रन बनाए थे जिसमें छह चौके और तीन छक्के शामिल हैं।
शेफाली ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे टी20 मैच की पूर्व संध्या पर कहा, मुझे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलना पसंद है। ऐसा लगता है कि लड़कों के खिलाफ ही खेल रहे हैं।
उन्होंने कहा, जब मैं (ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ) चौका जड़ती हूं तो मेरा मनोबल बढ़ता है और मुझे लगता है कि मैंने एक खिलाड़ी के रूप में सुधार किया है क्योंकि ऑस्ट्रेलिया महिला क्रिकेट की सर्वश्रेष्ठ टीम है।शेफाली ने कहा, जब मैं इंग्लैंड या किसी अन्य टीम के खिलाफ चौके लगाती हूं तो मुझे इतनी खुशी नहीं मिलती।
इस सलामी बल्लेबाज ने कहा, जब मैं ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलती हूं तो ऐसा लगता है जैसे पुरुष टीम का सामना कर रही हूं क्योंकि उनका खेल ही इस तरह का है। अगर उनको आपकी छोटी सी गलती का भी पता चलता है तो वे उसका फायदा उठाने की कोशिश करते हैं। इसलिए हमें उनके खिलाफ अपना सर्वश्रेष्ठ खेल खेलना होता है।(भाषा)