शशांक मनोहर ने बीसीसीआई अध्यक्ष पद से दिया इस्तीफा

Webdunia
मंगलवार, 10 मई 2016 (17:04 IST)
नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष शशांक मनोहर ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। मनोहर अक्टूबर 2015 में जगमोहन डालमिया के निधन के बाद बीसीसीआई के अध्यक्ष बने थे। यह बीसीसीआई अध्यक्ष के रूप में उनका दूसरा कार्यकाल था। मनोहर इस समय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के चेयरमैन भी हैं।
मनोहर ने यह इस्तीफा ऐसे समय दिया है जब बीसीसीआई जस्टिस लोढ़ा समिति की बोर्ड के ढांचे में सुधार लाने की सिफारिशों को लेकर उच्चतम न्यायालय में कानूनी लड़ाई लड़ रही है। 
 
बीसीसीआई के वकीलों ने सर्वोच्च अदालत में तर्क दिया है कि इस रिपोर्ट को लागू करने से खेल की गुणवत्ता में गिरावट आएगी। इस पर अदालत का कहना था कि आप इस बात को लेकर इतने चिंतित क्यों है।

मनोहर ने अपने सभी साथियों का शुक्रिया अदा करते हुए पत्र में लिखा कि मेरे बीसीसीआई प्रमुख पद पर रहते हुए जिन भी सपोर्ट स्टाफ और साथियों ने मेरा समर्थन किया मैं उनका भी धन्यवाद करना चाहता हूं। मैं सभी को क्रिकेट को और ऊंचाइयों पर ले जाने के लिये भविष्य के लिये शुभकामनाएं देता हूं।
 
विदर्भ क्रिकेट संघ (वीसीए) के भी अध्यक्ष मनोहर के इस्तीफे का मतलब है कि यह किसी बीसीसीआई अध्यक्ष का सबसे छोटा कार्यकाल होगा। पिछले कुछ समय से अटकलें चल रही थीं कि आईसीसी के स्वतंत्र चेयरमैन पद के चुनाव में उतरने के लिये मनोहर बीसीसीआई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे सकते हैं।
 
पूर्व बोर्ड अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन से नवंबर 2015 में आईसीसी चेयरमैन का पद संभालने वाले 58 वर्षीय मनोहर यदि बीसीसीआई अध्यक्ष पद पर बने रहते ताे वह आईसीसी चेयरमैन का आगामी चुनाव नहीं लड़ सकते थे। 
 
बीसीसीआई लोढा समिति की सिफारिशों को लेकर सर्वोच्च अदालत में कानूनी लड़ाई लड़ रही है। लोढ़ा समिति ने बीसीसीआई के प्रशासनिक ढांचे में क्रांतिकारी सुधार लाने के लिये कई सुझाव दिये हैं और बीसीसीआई ने हाल में अपना पहला सीईओ भी नियुक्त कर दिया है। इन सुझावों में हितों के टकराव का मामला भी शामिल था। (वार्ता) 
Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

लीड्स की हार का एकमात्र सकारात्मक पहलू: बल्लेबाजी में बदलाव पटरी पर

ICC के नए टेस्ट नियम: स्टॉप क्लॉक, जानबूझकर रन पर सख्ती और नो बॉल पर नई निगरानी

बर्फ से ढंके रहने वाले इस देश में 3 महीने तक फुटबॉल स्टेडियमों को मिलेगी 24 घंटे सूरज की रोशनी

The 83 Whatsapp Group: पहली विश्वकप जीत के रोचक किस्से अब तक साझा करते हैं पूर्व क्रिकेटर्स

क्या सुनील गावस्कर के कारण दिलीप दोषी को नहीं मिल पाया उचित सम्मान?

अगला लेख