भाग्य ने मेरे लिए कुछ अलग योजना बनाई थी : धवन

Webdunia
बुधवार, 26 जुलाई 2017 (23:09 IST)
गाले। शिखर धवन को जब भारतीय टेस्ट टीम से बाहर किया गया तो वह काफी आहत थे लेकिन उन्होंने आज यहां कहा कि वह जल्द ही इस प्रारूप में वापसी करने के प्रति आश्वस्त थे।
 
बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने श्रीलंका के खिलाफ पहले टेस्ट मैच के शुरुआती दिन आज 190 रन बनाए जो उनके करियर का सर्वोच्च स्कोर है। इससे पहले भारत ने दिन का खेल समाप्त होने तक तीन विकेट पर 399 रन बनाए। दिन का खेल समाप्त होने के बाद धवन ने उस समय को याद किया जब वह टेस्ट टीम का हिस्सा नहीं थे।
 
उन्होंने कहा, जब मैं बुरे दौर से गुजर रहा था तो मुझे पता था कि अगर मैं रन नहीं बनाऊंगा तो मुझे टीम से बाहर किया जा सकता है। निश्चित तौर पर एक समय मैं यह दबाव महसूस कर रहा था और जब मुझे टेस्ट टीम से बाहर किया गया तो मैं काफी आहत था।  
 
धवन ने कहा, लेकिन मैं जल्द से उबर गया और मैंने दिल्ली के लिए घरेलू क्रिकेट खेलनी शुरू कर दी और मैंने वहां खेलने का पूरा मजा लिया। मुझे हमेशा दुखी रहना पसंद नहीं है। मुझे खुश रहना पसंद है और इसलिए मैंन वहां खेल का पूरा लुत्फ उठाया और मैं जानता था कि वक्त जब करवट लेगा तो फिर वह मेरा होगा। 
 
उन्होंने कहा, मैं इन चीजों के बारे में बहुत अधिक नहीं सोचना चाहता था। मैं अपने काम को पूरी तल्लीनता से कर रहा था और मैंने प्रक्रिया का अनुसरण किया। मुझे फिटनेस की अपनी ड्रिल करना और अपने कौशल के स्तर को बढ़ाना पसंद है। मैं जानता था कि मेरा वक्त फिर से जरूर आएगा। धवन श्रीलंका दौरे की मूल टीम का हिस्सा नहीं थे लेकिन चोटिल मुरली विजय के बाहर होने के कारण उन्हें आखिरी क्षणों में टीम में लिया गया।
 
उन्होंने कहा, मेरी योजना मेलबर्न जाकर अपने परिवार के साथ कुछ समय बिताने तथा अभ्यास करके खुद को वनडे श्रृंखला के लिए फिट रखने की थी। मैं असल में हांगकांग में छुट्टियां मना रहा था और वहां से मैं वापस भारत आया और टीम से जुड़ा।  धवन ने कहा, यह मेरी योजना थी लेकिन भाग्य ने मेरे लिए कुछ भिन्न योजना बना रखी थी। मैं ईश्वर का आभारी हूं।  
 
धवन ने कहा, मैं टेस्ट टीम में वापसी करके खुश था। दुर्भाग्य से विजय फिट नहीं था। इस टेस्ट श्रृंखला से पहले मेरा प्रदर्शन अच्छा रहा था और मैं यहां उसी मानसिकता और आत्मविश्वास के साथ आया था। नेट्स पर मैंने वहीं प्रक्रिया अपनायी और खुद को मैच के लिए तैयार किया।  बाएं हाथ के इस बल्लेबाज का यह गाले में दूसरा शतक है। इससे पहले उन्होंने 2015 में भी यहां सैकड़ा जड़ा था।
 
उन्होंने कहा, यह स्थल को लेकर खास बात यह है कि मैं यहां रन बनाता रहा हूं। इसलिए यह मेरे लिए खास है। मेरी पदार्पण वाली पारी भी इसी तरह की थी। यहां तक कि बांग्लादेश के खिलाफ (2015) में भी मैंने तेजतर्रार शतक जमाया था लेकिन यह बांग्लादेश के खिलाफ जमाए गए शतक की तुलना में थोड़ा बेहतर था।  धवन की पारी की खासियत उनका श्रीलंकाई स्पिनरों को अच्छी तरह से खेलना रहा। उन्होंने उन पर नियमित स्वीप शाट खेले।
 
उन्होंने कहा, विकेट भी अच्छा था और गेंद ज्यादा स्पिन नहीं हो रही थी। लेकिन तब भी इसमें अच्छी उछाल और तेजी थी। गेंद अधिक टर्न नहीं हो रही थी और इसलिए मुझे लगा कि मैं स्पिनरों के खिलाफ अधिक आक्रामक होकर खेल सकता हूं। मैंने इसी तरह से अपनी रणनीति बनायी। मुझे लगता है कि मैंने अच्छी बल्लेबाजी की।  धवन दोहरा शतक नहीं जमा पाने के कारण थोड़ा निराश थे।
 
उन्होंने कहा, हां जब मैं 190 रन पर आउट हुआ तो निराश था। अगर में 200 रन तक पहुंचता तो अच्छा होता। हो सकता था कि 300 भी पहुंच जाता लेकिन इसके लिए 100 रन और चाहिए थे और मैंने इस बारे में नहीं सोचा था। मैं गलत समय पर आउट हुआ। (भाषा)
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