मुंबई। पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने राष्ट्रीय टीम के क्रिकेटरों के वेतन में बढ़ोतरी का समर्थन करते हुए कहा कि खिलाड़ी बीसीसीआई के लगातार बढ़ रहे राजस्व का हिस्सा पाने के हकदार हैं। उन्होंने कहा जब मैं 1991 में खेला तो ऑस्ट्रेलिया के संपूर्ण दौरे के लिए मुझे 30,000 रुपए मिले थे और जब मैंने 2013 में करियर समाप्त किया तो आमूलचूल बदलाव आ चुका था।
भारतीय कप्तान विराट कोहली और उनके पूर्ववर्ती महेंद्र सिंह धोनी की खिलाड़ियों के वेतन में बढ़ोतरी की मांग को आज प्रशासकों की समिति (सीओए) ने स्वीकार कर दिया।
गांगुली ने एक प्रचार कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा, निश्चित तौर पर खिलाड़ियों को पैसा मिलना चाहिए। उन्हें क्यों नहीं मिले। बोर्ड इतना अधिक पैसा बना रहा है। खिलाड़ियों को भी मिलना चाहिए। जब विराट कोहली खेलते हैं तो पूरा देश उन्हें देखता है।
इस पूर्व बल्लेबाज ने कहा कि क्रिकेट संघों को खिलाड़ियों का ध्यान रखना चाहिए क्योंकि उनका करियर छोटा होता है। उन्होंने कहा, खिलाड़ियों का अच्छी तरह से ध्यान रखा जाना चाहिए क्योंकि उनका करियर 15 साल का ही होता है। अधिकतर खिलाड़ी 15 साल तक नहीं खेल पाते हैं। बहुत कम ऐसे होते हैं जो 20 साल तक खेलते हैं, इसलिए मैं वेतन में बढ़ोतरी का धुर समर्थक हूं।
गांगुली ने कहा, बीसीसीआई ऐसा कर रहा है। आजकल जिस तरह से खिलाड़ियों का ध्यान रखा जा रहा है, वह शानदार है। जब मैं 1991 में खेला तो ऑस्ट्रेलिया के संपूर्ण दौरे के लिए मुझे 30,000 रुपए मिले थे और जब मैंने 2013 में करियर समाप्त किया तो आमूलचूल बदलाव आ चुका था। ऐसा हर पेशे में होता है। (भाषा)