रविचंद्रन अश्विन ने आखिरी बार सीमित ओवरों का क्रिकेट वेस्टइंडीज दौरे पर खेला था। उन्होंने 46 टी20 मैचों में 52 विकेट लिये हैं।अश्विन आखिरी बार टी 20 में जुलाई 2017 में वेस्ट इंडीज के खिलाफ खेले थे। लेकिन उन्हें टी-20 टीम में 4 साल बाद शामिल किया गया वह भी सीधे विश्वकप में।
ऐसे में सभी पूर्व क्रिकेटरों की अलग अलग राय है। सुनील गावस्कर को यह हैरान करने वाला निर्णय लगा। उनकी माने तो रविचंद्रन अश्विन को सिर्फ औपचारिकता के लिए लिया गया है क्योंकि अंतिम ग्यारह में उनकी जगह अभी तो बनती नहीं दिखायी दे रही है।
स्पोर्ट्स तक कार्यक्रम में गावस्कर ने कहा कि- अश्विन की वापसी अच्छी बात है लेकिन क्या उन्हें प्लेइंग इलेवन में खेलने का मौका मिलेगा। यह देखने वाली बात होगी। इंग्लैंड दौरे पर भी वह टीम का हिस्सा जरूर थे लेकिन अंतिम ग्यारह में उनको मौका नहीं मिला। उन्हें शायद इंग्लैंड दौरे की निराशा दूर करने के लिए टीम में शामिल किया गया है। गावस्कर का यह बयान जल्द ही सुर्खियों में आ गया।
गौरतलब है कि रविचंद्रन अश्विन इंग्लैंड दौरे पर पवैलियन में ही बैठे रह गए और एक मैच में भी उनको विराट कोहली ने टेस्ट में खेलने का मौका नहीं दिया था।
इयान चैपल का मानना अश्विन है बल्लेबाजी क्रम में जरूरी
इससे पहले इयान चैपल ने कहा कि भारत का सही टीम संतुलन वही है, जिसमें ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन अनिवार्य रूप से शामिल हों। वह सभी परिस्थितियों के गेंदबाज़ हैं, जैसा कि उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में साबित किया था। इसलिए भारतीय टीम मैनेजमेंट को उन्हें अंतिम एकादश में फ़िट करने की ज़रूरत है।
उन्होंने लिखा कि निचले मध्य क्रम में जडेजा, पंत, पांड्या और अश्विन की उपस्थिति भारतीय बल्लेबाज़ी को मज़बूती और गहराई प्रदान करेगी। इसके बाद तीन तेज़ गेंदबाज़ खिलाने का विकल्प हमेशा खुला रहेगा, जो स्पिनर्स और पांड्या के साथ किसी भी पिच और परिस्थितियों में 10 विकेट लेने का माद्दा रखते हैं।
चैपल ने कहा कि जडेजा-पंत-पांड्या-अश्विन की चौकड़ी की सबसे अच्छी बात है कि ये बल्लेबाज़ी में विविधता प्रदान करेंगे। पंत इस चौकड़ी के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ हैं, वह नंबर पांच पर आ सकते हैं, ख़ासकर तब जब भारत पहले बल्लेबाज़ी करे। लेकिन अगर भारत दूसरे नंबर पर बल्लेबाज़ी करता है और पंत विकेटकीपिंग के कारण थके होते हैं, तो जडेजा या पांड्या में से कोई नंबर पांच पर आ सकता है। पंत, जडेजा और पांड्या की सबसे ख़ास बात यह है कि ये तीनों आक्रामक खिलाड़ी हैं और मैच के किसी भी मोड़ पर रन गति बढ़ाने की क्षमता रखते हैं। अगर भारत ने अच्छी शुरूआत की हो, तो वे इसे बड़ी पारी में बदल सकते हैं। वहीं लक्ष्य का पीछा करने की स्थिति में भी वे उपयोगी हैं।