भारतीय खिलाड़ियों का फिटनेस परीक्षण पहले यो यो टेस्ट से होता था लेकिन अब रग्बी के खेल में फिटनेस जांचने का टेस्ट जिसे BRONCO कहते हैं वह अब भारतीय क्रिकेट टीम अपनाने वाली है। यह टेस्ट योयो टेस्ट से भी काफी कठिन होने वाला है।
ब्रोंको टेस्ट एक प्रशिक्षण अभ्यास है जिसमें खिलाड़ी 20 मीटर शटल रन से शुरुआत करता है, जिसके बाद 40 मीटर और 60 मीटर की दौड़ भी होती है। ये तीन रन मिलकर एक सेट बनाते हैं। गौरतलब है कि एक खिलाड़ी को ऐसे पाँच सेट करने होते हैं, जो बिना रुके कुल 1200 मीटर दौड़ के बराबर होंगे। खिलाड़ियों को यह टेस्ट छह मिनट में पूरा करना होता है।
समझा जाता है कि टीम के कुछ खिलाड़ी पहले ही बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड) के बेंगलुरु स्थित उत्कृष्टता केंद्र में ब्रोंको टेस्ट दे चुके हैं। ब्रोंको टेस्ट के अलावा, बीसीसीआई भारतीय टीम के सितारों के लिए फिटनेस टेस्ट के तौर पर यो-यो टेस्ट और 2 किलोमीटर का टाइम ट्रायल भी आयोजित करता है।
गौरतलब है कि ले रॉक्स जून 2025 में भारतीय टीम में स्ट्रेंथ और कंडीशनिंग कोच के रूप में शामिल हुए थे; जनवरी 2002 से मई 2003 तक टीम इंडिया में भी वह इसी पद पर थे और दक्षिण अफ्रीका के कोचिंग स्टाफ का भी हिस्सा रहे। इसके अलावा, उन्होंने कोलकाता नाइट राइडर्स और पंजाब किंग्स जैसी आईपीएल टीमों में भी काम किया।
भारत के कई अनुबंधित खिलाड़ी इस टेस्ट के लिए बेंगलुरु पहुंचे
गौरतलब है कि भारत के कुछ अनुबंधित खिलाड़ी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में शुरू किए गए ब्रोंको टेस्ट के लिए बेंगलुरु पहुँच चुके हैं। यह टेस्ट फिटनेस मानकों को बनाए रखने के लिए शुरू किया गया है और कोच तेज़ गेंदबाज़ों के लिए वेट ट्रेनिंग की बजाय रनिंग ड्रिल को ज़्यादा प्राथमिकता देने पर विचार कर रहे हैं।
एक प्रतिश्ठित अंग्रेजी अखबार के सूत्र के हवाले से बताया, "सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में ब्रोंको टेस्ट शुरू किया गया है। भारत के कुछ अनुबंधित खिलाड़ी बेंगलुरु पहुँच चुके हैं और उन्होंने यह टेस्ट दिया है। ब्रोंको टेस्ट का इस्तेमाल यह सुनिश्चित करने के लिए किया जा रहा है कि फिटनेस मानक स्पष्ट हों।"