रोहित शर्मा और विराट कोहली न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लचर बल्लेबाजी के कारण निशाने पर आए और टीम का इन दो सीरीज में बल्लेबाजी क्रम लगातार ढहा। न्यूजीलैंड के खिलाफ कभी बैंगलोर के 46 ऑलआउट से लेकर सिडनी के 155 रनों पर ऑलआउट में कुल 8 पारियां रही जिसमें टेस्ट की कम से कम एक पारी में भारतीय पारी जरूर लड़खड़ाई।
इसमें से न्यूजीलैंड के खिलाफ 3 मैचों की 6 पारियों में बल्लेबाजी ढही वहीं ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टेस्ट की दूसरी पारी को छोड़ दे तो सभी पारियों में भारतीय बल्लेबाजी ढही। लेकिन इंग्लैंड में सूरत ए हाल बदला।
सिर्फ 3 बार ढही बल्लेबाजी
इंग्लैंड के गेंदबाजों ने पहले टेस्ट में भारत ने पहली पारी में आखिरी छह विकेट 41 रन के भीतर गंवा दिये और दूसरी पारी में भी आखिरी छह विकेट 34 रन के भीतर गिर गए। हालांकि यह विकेटों का पतन तब हुआ जब भारतीय टीम पहली पारी में 369 और दूसरी पारी में 369 बनाकर आउट हुई। भले ही उसको 5 विकेट से हार मिली लेकिन बल्लेबाजी क्रम का ऐसा ढहना आलोचना के घेरे में नहीं आया।
लॉर्ड्स में मिली हार
लॉर्ड्स में ढही बल्लेबाजी भारतीय टीम को सबसे ज्यादा अखरी। 192 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत एक समय 41 पर 1 था। लेकिन इसके बाद चौथे दिन स्कोर 58 पर 4 हुआ। अगले दिन यही स्कोर 82 पर 7 हो गया। रविंद्र जड़ेजा का अर्धशतक भी भारत को 22 रनों की हार से नहीं बचा पाया। अगर यहां बल्लेबाजी नहीं ढहती तो शायद भारत 3-1 से सीरीज जीत जाती।
ओवल टेस्ट की पहली पारी में 20 रनों पर गिरे अंतिम 4 विकेट
इंग्लैंड के खिलाफ पांचवें टेस्ट मैच के दूसरे दिन शुक्रवार को भारत की पहली पारी 224 रन पर सिमट गयी।भारत ने दिन की शुरुआत छह विकेट पर 204 रन से की लेकिन टीम ने महज 20 रन जोड़ के अपने बाकी के चारों विकेट गंवा दिये।भारत के लिए करुण नायर ने सबसे ज्यादा 57 रन का योगदान दिया।इंग्लैंड के लिए गस एटकिंसन ने पांच जबकि जोस टंग ने तीन विकेट चटकाये।