नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) की क्रिकेट समिति के अध्यक्ष अनिल कुंबले ने कहा है कि गेंद को चमकाने के लिए लार के इस्तेमाल पर प्रतिबंध अंतरिम कदम है और कोविड-19 महामारी से जुड़ी स्थिति नियंत्रित होने पर चीजें दोबारा सामान्य हो जाएंगी।
संक्रमण के खतरे को न्यूनतम करने के लिए कुंबले की अगुआई वाली समिति ने लार के इस्तेमाल को प्रतिबंधित करने की सिफारिश की है। आईसीसी ने शुक्रवार को क्रिकेट दोबारा शुरू करने के अपने दिशानिर्देशों में भी इसे प्रतिबंधित करने का सुझाव दिया।
कुंबले ने स्टार स्पोर्ट्स के शो ‘क्रिकेट कनेक्टेड’ से कहा, यह सिर्फ अंतरिम उपाय है और उम्मीद करते हैं कि कुछ महीनों या एक साल में चीजें नियंत्रित होंगी और मुझे लगता है कि चीजें पहले की तरह सामान्य होंगी।
उन्होंने कहा, अगर चीजें तीन-चार महीने में सामान्य हो जाती है और हम जिस तरह से फरवरी- मार्च में मैचों को आयोजित कर रहे थे उसी तरह से उनका आयोजन शुरू कर देते हैं तो फिर ए नियम लागू नहीं होंगे।
कुंबले ने कहा, जब तक चिकित्सा परामर्श नहीं बदलते, नियम बना रहेगा। अपने जमाने के इस दिग्गज स्पिनर ने हालांकि गेंदबाजों की लार पर निर्भरता को स्वीकार किया।
उन्होंने कहा, निश्चित तौर पर हम सभी जानते हैं कि लार इतने वर्षों तक क्रिकेट का अहम हिस्सा रहा है। गेंदबाज के तौर पर हम गेंद पर लार लगाते रहे हैं। कई बार ग्रिप बनाने के लिए भी हम लार लगाते थे। लेकिन यह बीमारी स्पर्श से फैलती है और इसलिए हमने इस पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया।
लार पर प्रतिबंध को लेकर गेंदबाजों ने मिश्रित प्रतिक्रिया दी है जिनका कहना है कि इससे निश्चित तौर पर स्विंग हासिल करने पर असर पड़ेगा लेकिन अधिकांश ने इससे इस्तेमाल से होने वाले संभावित स्वास्थ्य जोखिम को स्वीकार किया है।
इस तरह की भी चर्चा है कि आईसीसी को गेंद को चमकाने के लिए ‘वैक्स’ जैसे तत्वों के इस्तेमाल की स्वीकृति देनी चाहिए या नहीं। कुंबले ने कहा कि बाहरी पदार्थों के इस्तेमाल को लेकर चर्चा हुई थी।
कुंबले ने इस कयास पर कहा, अगर आप खेल के इतिहास को देखो, मेरे कहने का मतलब है कि हम काफी आलोचनात्मक रहे हैं और बाहरी पदार्थों को खेल में आने से रोकने पर हमारा काफी ध्यान रहा है।
उन्होंने कहा, अगर आप इसे वैध करने जा रहे हैं, अगर आप अब ऐसा कुछ करने जा रहे हैं जिसका कुछ वर्षों पहले गहरा असर रहा है।
कुंबले ने 2018 के गेंद से छेड़छाड़ प्रकरण का हवाला दिया जिसके कारण आस्ट्रेलियाई क्रिकेटरों स्टीव स्मिथ, डेविड वॉर्नर और कैमरन बेनक्रॉफ्ट पर प्रतिबंध लगे।
उन्होंने कहा, दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बीच श्रृंखला के दौरान जो हुआ उस पर आईसीसी ने फैसला किया लेकिन क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने इससे भी कड़ा रुख अपनाया इसलिए हमने इस पर भी विचार किया।