Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

चोट के बाद टिम पेन को हो गई थी क्रिकेट से नफरत, मनोवैज्ञानिक की ली थी मदद...

हमें फॉलो करें चोट के बाद टिम पेन को हो गई थी क्रिकेट से नफरत, मनोवैज्ञानिक की ली थी मदद...
, रविवार, 12 जुलाई 2020 (16:49 IST)
मेलबर्न। ऑस्ट्रेलिया के टेस्ट कप्तान टिम पेन ने बताया कि 2010 में करियर प्रभावित करने वाली चोट ने उन्हें इतना परेशान कर दिया कि वे क्रिकेट से नफरत करने लगे थे और रोने लगे थे। उन्होंने कहा कि खेल मनोवैज्ञानिक की मदद से उन्हें इससे छुटकारा मिला।

दक्षिण अफ्रीका में गेंद से छेड़छाड़ प्रकरण के बाद स्टीव स्मिथ की जगह टेस्ट टीम के कप्तान बनाए गए पेन को 2010 में यह चोट एक चैरिटी मैच में लगी थी। डर्क नानेस की गेंद पर उनके दाएं हाथ की अंगुली टूट गई थी।

चोट से उबरने के लिए पेन को सात बार सर्जरी करानी पड़ी जिसमें उन्हें आठ पिन, धातु की एक प्लेट और कूल्हे की हड्डी के एक टुकड़े का सहारा लेना पड़ा था। इसके कारण वे दो सत्र तक क्रिकेट से दूर रहे। पेन ने ‘बाउंस बैक पोडकास्ट’ पर कहा, जब मैंने फिर से खेलना और प्रशिक्षण शुरू किया तो मैं बहुत बुरा नहीं कर रहा था।

जब मैंने तेज गेंदबाजों का सामना करना शुरु किया तब मेरा ध्यान गेंद को मारने से ज्यादा अंगुली को बचाने पर रहता था। जब गेंदबाज रनअप शुरू करते थे तब मैं प्रार्थना करता था, ईसा मसीह (जीसस क्राइस्ट) मुझे उम्मीद है कि वह मुझे अंगुली पर नहीं मारेंगे।

उन्होंने कहा, यहां से मेरे खेल में गिरावट आने लगी। मैंने बिल्कुल आत्मविश्वास खो दिया था। मैंने इसके बारे में किसी को नहीं बताया। सच्चाई यह है कि मैं चोटिल होने से डर रहा था और मुझे नहीं पता था कि मैं क्या करने जा रहा हूं।पैंतीस साल के इस विकेटकीपर बल्लेबाज ने कहा कि इस संघर्ष ने उनके निजी जीवन को भी प्रभावित किया।

विकेटकीपर बल्लेबाज ने कहा, मुझे नींद नहीं आ रही थी, मैं ठीक से खा नहीं पा रहा था। मैं खेल से पहले इतना घबरा गया था, मुझमें कोई ऊर्जा नहीं थी। इसके साथ जीना काफी भयानक था। मैं हमेशा गुस्से में रहता था और उसे दूसरे पर निकालता था।

पेन ने कहा, मैं शर्मिंदा था कि मैं क्या बन गया था। मुझे क्रिकेट के लिए प्रशिक्षण पसंद है, और मुझे क्रिकेट देखना बहुत पसंद है। लेकिन मुझे यकीन था कि मैं असफल होने जा रहा हूं।

उन्होंने कहा, किसी को मेरे संघर्ष के बारे में पता नहीं था। मेरी पार्टनर को भी नहीं, जो अब मेरी पत्नी भी है। ऐसा भी समय था कि जब वह मेरे साथ नहीं थी तब मैं काउच पर बैठकर रोता था। यह अजीब था और यह दर्दनाक था।इसके बाद उन्होंने क्रिकेट तस्मानिया में एक खेल मनोवैज्ञानिक से संपर्क किया जिसका सकारात्मक असर पड़ा।
पेन ने कहा, पहली बार मैं उसके साथ केवल 20 मिनट के लिए बैठा और मुझे याद है कि उस कमरे से बाहर निकलकर मैं बेहतर महसूस कर रहा था। उन्होंने कहा, इससे उबरने का पहला कदम यही था कि मुझे अहसास हुआ कि मुझे मदद की जरूरत है। इसके छह महीने बाद मैं पूरी तरह ठीक हो गया था।(भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

पूर्व भारतीय क्रिकेटर चेतन चौहान Coronavirus पॉजिटिव