दिग्गज स्पिनर अनिल कुंबले को मलाल...Team India के पूर्व चीफ कोच का इंस्टाग्राम पर छलका दर्द

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
गुरुवार, 23 जुलाई 2020 (22:40 IST)
अनिल कुंबले (Anil Kumble) अपने वक्त के निहायत बेहतरीन लेग ब्रेक गुगली गेंदबाज रहे हैं और दुनिया के सूरमा बल्लेबाज उनकी जादुई स्पिन गेंदबाजी के सामने भयभीत रहते थे कि कब गेंद कहां से टर्न ले ले, कोई नहीं जानता था। जून 2017 को उन्हें टीम इंडिया (Team India) का कोच पद छोड़े 3 बरस से ज्यादा समय हो गया है लेकिन आज भी उन्हें पद छोड़ने की कसक है। सवाल यह है कि उनका कसूर क्या था? कुंबले का यह दर्द इंस्टाग्राम पर उजागर हुआ है।
 
कुंबले भी कामयाबी के हकदार : आप भले ही विराट कोहली (Virat Kohli) के सिर टीम इंडिया की तमाम कामयाबियों का सेहरा बांधें, कोई आपत्ति नहीं है लेकिन इन तमाम सफलताओं के पीछे कुंबले की अनुशासन वाली मेहनत को नजर अंदाज करना बेमानी ही होगी। आज भी कुंबले को इस बात का मलाल हैं कि मेरी विदाई सम्मानजनक तरीके से नहीं हुई।
 
कुंबले को पद छोड़ने का अफसोस नहीं : जिम्बाब्वे के मध्यम गति के गेंदबाज एमपुमेलेलो मबांग्वा के साथ इंस्टाग्राम चैट के दौरान कुंबले का यह दर्द भी छलका। उन्होंने कहा कि 2016 से 2017 तक भारतीय टीम के साथ मेरा सफर शानदार रहा। टीम ने उस 1 साल में बेहतरीन प्रदर्शन किया था। मुझे बहुत खुशी है कि टीम इंडिया के प्रदर्शन में मेरा कुछ योगदान रहा और मुझे पद छोड़ने का कोई अफसोस नहीं है। मुझे पता है कि कोच पद से हटने का तरीका और बेहतर हो सकता था।
क्यों नहीं पटी विराट और कुंबले में : पूरी दुनिया को पता है कि जब टीम इंडिया के चीफ कोच कुंबले थे, उनकी कप्तान विराट कोहली के साथ नहीं पटती थी क्योंकि कुंबले अनुशासनप्रिय थे जबकि कोहली आजाद खयालों के...वे 2016 में टीम इंडिया के चीफ कोच बने थे और जून 2017 तक कार्यकाल खत्म होने के पहले ही उन्होंने अपना पद छोड़ दिया था। 
 
17 में से 12 टेस्ट मैच जीते :  कुंबले के कार्यकाल में ही भारतीय क्रिकेट टीम टेस्ट में नंबर एक टीम बनी थी। और भारत ने वेस्टइंडीज को उनके घर में हराने के अलावा न्यूजीलैंड, इंग्लैंड तथा ऑस्ट्रेलिया को घरेलू मैदान में हराया था। कुंबले की मेहनत का ही नतीजा था कि भारतीय टीम ने 17 टेस्ट मैच में से 12 मुकाबलों में जीत हासिल की थी जबकि 1 मैच में उसे हार का सामना करना पड़ा था जबकि 5 टेस्ट मैच ड्रॉ पर खत्म हुए थे।
लार पर प्रतिबंध लगाने का फैसला : बहरहाल, फिलहाल अनिल कुंबले आईसीसी तकनीकी समिति के अध्यक्ष भी हैं और उनके 9 साल के कार्यकाल को खत्म होने में अभी 1 साल बाकी है। उनकी अध्यक्षता में ही कोरोना के संकट के समय क्रिकेट की वापसी के लिए नए दिशा निर्देश लाए गए हैं, जिसमें गेंद पर लार के इस्तेमाल का प्रतिबंध शामिल है।
 
अनिल कुंबले का क्रिकेट करियर : 17 अक्टूबर 1970 को बेंगलुरु में जन्में अनिल कुंबले ने देश के लिए 132 टेस्ट मैच खेलकर 619 विकेट लिए जिसमें फिरोजशाह कोटला टेस्ट में पाकिस्तान के 74 रन देकर पूरे 10 विकेट लेने का रिकॉर्ड भी शामिल हैं। 271 वनडे में उनके नाम 337 विकेट (बेस्ट12/6) हैं। यही नहीं प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 244 मैच में उन्होंने 1136 विकेट चटखाए (बेस्ट 74/10)। कुंबले ने टेस्ट मैच में 2506 रन (बेस्ट 110 नाबाद) भी बनाए हैं। (इनपुट एजेंसी) 

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