एडिलेड। भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया की धरती पर कभी टेस्ट सीरीज नहीं जीत पाई। विराट कोहली की कप्तानी में पहली बार ऐसा सुनहरा अवसर हाथ आया है, जब भारतीय टीम यह कारनामा कर सकती है। डेविड वॉर्नर, स्टीव स्मिथ जैसे बल्लेबाजों का न होना ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी क्रम को खोखला कर गया है।
हालांकि इससे भारतीय टीम अति आत्मविश्वास में नहीं रह सकती। ऑस्ट्रेलिया को उसकी धरती पर कमजोर आंकना भारी भूल हो सकता है। टीम इंडिया को सीरीज अपने नाम करनी है तो इन 5 खिलाड़ियों को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देना होगा।
1) विराट कोहली- कप्तान कोहली इस टीम के सबसे अहम खिलाड़ी है। दुनिया में अपनी बल्लेबाजी का लोहा मनवा चुके विराट कोहली के इर्द गिर्द भारतीय बल्लेबाजी रहेगी। विराट कोहली ने 2012 की सीरीज में ऑस्ट्रेलिया की धरती पर अपना पहला शतक बनाया था। टीम अपेक्षा करेगी कि विराट दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड और अब ऑस्ट्रेलिया में भी अपना प्रदर्शन जारी रखें, जिससे टीम को हमेशा अच्छा स्कोर मिल सके।
2) चेतेश्वर पुजारा- चेतेश्वर पुजारा को कुछ साल पहले क्रिकेट विशेषज्ञ दूसरा राहुल द्रविड़ कह चुके थे। उनका प्रदर्शन भारतीय पिचों पर तो खासा अच्छा रहा है लेकिन विदेशी पिचों पर वह अपेक्षा अनूरूप प्रदर्शन नहीं कर पाए। टीम को चाहिए कि विराट कोहली के साथ दूसरे छोर पर स्थिर खड़े रहने वाला बल्लेबाज मिले ताकि टीम का हाल वैसा न हो जैसा इंग्लैंड में हुआ।
3) जसप्रीत बुमराह. जबसे जसप्रीत बुमराह भारतीय टीम में आए हैं , टेस्ट हो या वनडे मैच भारतीय गेंदबाजी आक्रमण में धार आयी है। उनका अलग गेंदबाजी एक्शन और नपी तुली गेंदबाजी के कारण बल्लेबाज को खेलने में काफी दिक्कत आती है। अगर पिच पर घास हो तो वह और ज्यादा खतरनाक हो जाते हैं। जसप्रीत के सामने एक कमजोर ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी क्रम है। अब देखना होगा कि वह इसका कितना फायदा उठा पाते हैं। यह उनका पहला ऑस्ट्रेलियाई दौरा होगा।
4) भुवनेश्वर कुमार- बिना गति से गेंद फेंके भी विकेट कैसे निकाले जा सकते हैं यह भुवनेश्वर कुमार ने भारतीय गेंदबाजों को सिखाया। शुरुआती विकेट निकालने में वह माहिर हो चुके हैं। ऑस्ट्रेलियाई पिचों पर गेंदबाजी करना उनके लिए एक नया अनुभव होगा। गौरतलब है कि बुमराह कि तरह भुवनेश्वर के लिए भी यह पहला ऑस्ट्रेलिया दौरा है। भारत में भी भुवी ने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों के सामने मुशकिल खड़ी की थी तो यहां अनुमान है भुवी को गेंदबाजी में ज्यादा मजा आएगा।
5) रिषभ पंत - इस बार एमएस धोनी को नहीं ग्लब्स के साथ रिषभ पंत दिखेंगे। यह सुनने में ही लगता है कि उनके पास कितनी बड़ी जिम्मेदारी है। इंग्लैंड में तो उनका बल्ला खूब बोला पर क्या वह ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के सामने भी वैसा खेल दिखा पाएंगे। यह एक बड़ा सवाल है। इसके साथ ही विकेट कीपिंग में उनका लचर प्रदर्शन भी चिंताजनक है। इस सीरीज में 2 कैच या स्टंपिग छोडना भी सीरीज के लिए निर्णायक साबित हो सकता है।