टी-20 से डैथ ओवरों में बेहतर गेंदबाजी में मदद मिलेगी : विराट कोहली

Webdunia
सोमवार, 23 जनवरी 2017 (17:33 IST)
कोलकाता। भारतीय टीम को 5 महीने बाद होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी से पहले अब कोई वनडे मैच नहीं खेलना है लेकिन कप्तान विराट कोहली इससे चिंतित नहीं हैं और उन्होंने कहा कि ज्यादा टी-20 मैच खेलने से टीम 50 ओवरों के प्रारूप में डैथ ओवरों में बेहतर गेंदबाजी कर सकेगी।
भारतीय टीम रविवार को आखिरी वनडे में 5 रन से हार गई जिससे 3 मैचों की श्रृंखला में इंग्लैंड का सफाया करने से चूक गई। अब भारत को जून में इंग्लैंड में होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी से पहले कोई वनडे मैच नहीं खेलना है।
 
कोहली ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। हम जितने टी-20 मैच खेलेंगे, वनडे में डैथ ओवरों में गेंदबाजी उतनी बेहतर होगी। हमें इसका फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा कि जहां तक बल्लेबाजी का सवाल है तो हमें अपनी तकनीक पर फोकस करना है। इसके मायने यह नहीं है कि हर गेंद को पीटना जरूरी है। प्रतिस्पर्धी हालात में रन बनाने का महत्व समझना जरूरी है। 
 
इंग्लैंड के हालात के बारे में उन्होंने कहा कि यह समझना जरूरी है कि उन हालात में रन कैसे बनेंगे? आपकी तकनीक पक्की होनी जरूरी है ताकि ऐसे हालात में रन बनाए जा सकें। बल्लेबाजों की ऐशगाह रही श्रृंखला में भारत के सलामी बल्लेबाज प्रभाव नहीं छोड़ सके लेकिन कप्तान ने शिखर धवन एंड कंपनी का बचाव किया। 
 
उन्होंने कहा कि आपको कई बार फॉर्म में आने के लिए खिलाड़ी को समय देना होता है। आपको अपने सलामी बल्लेबाजों को आत्मविश्वास देना होगा। 1 या 2 चीजों की बात है और यह कमी दूर करके आप लय हासिल कर सकते हैं।
 
चैंपियंस ट्रॉफी 2013 में भारत की खिताबी जीत में अहम भूमिका निभाने वाले धवन और रोहित शर्मा की साझेदारी का जिक्र करते हुए कोहली ने कहा कि हमने देखा कि पिछली चैंपियंस ट्रॉफी में रोहित और शिखर ने कैसा प्रदर्शन किया। एक बल्लेबाजी इकाई के रूप में हम अपनी क्षमता का 70-75 प्रतिशत प्रदर्शन ही कर पाए हैं। यदि हम अपनी क्षमता का 100 फीसदी खेल सके तो पता नहीं कितने रन बनेंगे। 
 
कोहली ने 'प्लेयर ऑफ द सीरीज' केदार जाधव की तारीफ करते हुए कहा कि केदार की बल्लेबाजी देखकर बहुत अच्छा लगा। हार्दिक पंड्या ने भी हरफनमौला प्रदर्शन किया। युवी और माही की बल्लेबाजी देखकर बहुत अच्छा लगा, जब दोनों ने इतनी बड़ी साझेदारी की। एक टीम के तौर पर कई सकारात्मक बातें रहीं। 
 
उन्होंने आगे कहा कि ईडन गार्डन के हालात चैंपियंस ट्रॉफी की तैयारी के लिए परफेक्ट थे। उन्होंने कहा कि यदि विकेट में घास होती और यह कड़ा होता तो इंग्लैंड के गेंदबाज बेहतर प्रदर्शन कर पाते। उन्होंने काफी चतुराई से गेंदबाजी की। हमें पता था कि उनके तेज गेंदबाजों को खेलने में दिक्कत आएगी और इसलिए मुझे अच्छा लगा कि हमारे 2 खिलाड़ी टिके रहे और मैच को अंत तक ले गए। इससे टीम का आत्मविश्वास काफी बढ़ा है। (भाषा)
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