साल 2008 के अंत में भारत ने इंग्लैंड से टेस्ट श्रृंखला 1-0 से जीतकर आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में अपनी स्थिति में सुधार कर लिया। अब भारत रैंकिंग में दूसरे स्थान पर है।
व्यक्तिगत प्रदर्शन के लिहाज से यह टेस्ट सिरीज गौतम गंभीर, जहीर खान, एंड्रयू स्ट्रॉस, एंड्रयू फ्लिंटॉफ, ग्रीम स्वान, युवराजसिंह, सचिन तेंडुलकर, हरभजनसिंह के लिए यादगार रही। सिरीज में प्रमुख खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर एक नजर- बल्लेबाजी-
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गौतम गंभीर- गंभीर ने दो टेस्ट मैचों की चार पारियों में दो अर्धशतक और एक शतक के साथ 90.25 के औसत से कुल 361 रन बनाए। गंभीर के लिए यह यादगार टेस्ट श्रृंखला रही।
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एंड्रयू स्ट्रॉस- इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाज एंड्रयू स्ट्रॉस ने चेन्नई टेस्ट की दोनों पारियों में शतक जमाकर नया रिकॉर्ड बनाया। स्ट्रॉस ने दो टेस्ट मैचों की चार पारियों में एक बार नाबाद रहते हुए 84.00 के औसत से 252 रन बनाए। स्ट्रॉस ने इस दौरान दो शतक भी जमाए।
युवराजसिंह- इस श्रृंखला से पहले युवराजसिंह का टेस्ट टीम में स्थान पक्का नहीं माना जा रहा था, लेकिन युवी ने चेन्नई टेस्ट की चौथी पारी में अर्धशतक लगाकर अपने आलोचकों को करारा जवाब दिया। दो टेस्ट मैचों की चार पारियों में युवराज ने एक बार बिना आउट हुए दो अर्धशतकों की सहायत से 70.66 की औसत दर्ज करते हुए कुल 212 रन बनाए।
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सचिन तेंडुलकर- सचिन तेंडुलकर ने इस श्रृंखला में दो टेस्ट मैचों की चार पारियों में एक बार नाबाद रहते हुए 52.00 की औसत से कुल 156 रन बनाए। इस दौरान सचिन ने चेन्नई में नाबाद शतक लगाकर भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई।
केविन पीटरसन- केविन पीटरसन ने दो टेस्ट मैचों की तीन पारियों के दौरान 49.66 की औसत से कुल 149 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने एक शतक भी जड़ा।
गेंदबाजी- श्रेष्ठ गेंदबाजी के लिहाज से यह श्रृंखला जहीर खान, हरभजनसिंह, एंड्रयू फ्लिंटॉफ, ग्रीम स्वान, ईशांत शर्मा, अमित मिश्रा, मोंटी पनेसर और जेम्स एंडरसन ने उल्लेखनीय प्रदर्शन किया।
जहीर खान- जहीर खान ने इस टेस्ट श्रृंखला में 21.00 की औसत से कुल आठ विकेट झटके। जहीर ने इस दौरान रिवर्स स्विंग का बेहतरीन प्रदर्शन किया। जहीर खान ने न केवल खुद विकेट लिए बल्कि एक छोर से इतनी कसी हुई गेंदबाजी की कि दूसरे छोर पर गेंदबाज को इसका फायदा मिला।
हरभजनसिंह- हरभजनसिंह ने भी इस श्रृंखला में आठ विकेट लिए और उनका औसत 35.00 रहा। हरभजन ने मोहाली टेस्ट में इंग्लैंड की पहली पारी में 68 रन देकर चार विकेट चटकाए, जो श्रृंखला में सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी है।
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ग्रीम स्वान- इंग्लैंड के ऑफ स्पिनर ग्रीम स्वान की यह पहली टेस्ट श्रृंखला थी। इस मौके का स्वान नौ साल से इंतजार कर रहे थे और उन्होंने इसका भरपूर फायदा भी उठाया। स्वान ने दो टेस्ट मैचों में 39.50 की औसत से आठ विकेट चटकाए।
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एंड्रयू फ्लिंटॉफ- बेहतरीन ऑलराउंडर के रूप में दुनिया भर में अपनी पहचान बना चुके एंड्रयू फ्लिंटॉफ ने दो टेस्ट मैचों की इस श्रृंखला में 29.42 की औसत से सात विकेट लिए।
ईशांत शर्मा- इस श्रृंखला में ईशांत शर्मा ने 25.16 की बेहतरीन औसत दर्ज करते हुए छह विकेट लिए।
अमित मिश्रा- दिल्ली के होनहार ऑफ स्पिनर ने अपनी प्रतिभा की झलक इस श्रृंखला में दिखाई है। मिश्रा ने इस श्रृंखला में 42.66 की औसत से छह विकेट लिए।
शतक- इस टेस्ट श्रृंखला में कुल सात शतक लगे, जिसमें इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने चार शतक लगाए और तीन शतक भारतीय बल्लेबाजों ने बनाए। इंग्लैंड की तरफ से एंड्रयू स्ट्रॉस ने दो शतक लगाए। पॉल कॉलिंगवुड और केविन पीटरसन ने भी शतक जमाए।
भारत की तरफ से कुल तीन शतक जमाए गए जो गौतम गंभीर, सचिन तेंडुलकर और राहुल द्रविड़ ने लगाए।
अर्धशतक- इस सिरीज में कुल 10 अर्धशतक बने, जिसमें छह अर्धशतक भारतीय बल्लेबाजों ने बनाए और चार अर्धशतक इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने बनाए। भारत की तरफ से गौतम गंभीर, युवराजसिंह (दो-दो अर्धशतक), वीरेंद्र सहवाग और महेंद्रसिंह धोनी ने अर्धशतक लगाए। इंग्लैंड की तरफ से एलिस्टर कुक (दो अर्धशतक), मैट प्रायर और एंड्रयू फ्लिंटॉफ ने अर्धशतक जमाए।