इंग्लैंड में मिताली होगी भारत की ट्रंप कार्ड

Webdunia
मंगलवार, 9 जून 2009 (10:54 IST)
महेंद्रसिंह धोनी की टीम के नक्शेकदम पर चलकर पहली आईसीसी विश्व ट्वेंटी-20 महिला चैंपियनशिप में परचम लहराने को बेताब भारतीय महिला क्रिकेट टीम के लिए 11 जून से शुरू हो रहे टूर्नामेंट में मिताली राज तुरुप का इक्का साबित हो सकती हैं, जिन्होंने इंग्लैंड में कई बेहतरीन पारियाँ खेली हैं।

PTI
मध्यक्रम की इस अनुभवी बल्लेबाज के अलावा गु प- बी में इंग्लैं ड, श्रीलंका और पाकिस्तान के साथ रखे गए भारत का दारोमदार अंजुम चोपड़ा, कप्तान झूलन गोस्वामी और ऑलराउंडर रूमेली धर पर भी टिका रहेगा। भारतीय टीम अपने अभियान की शुरुआत 11 जून को टाटन में मेजबान इंग्लैंड के खिलाफ होने वाले मैच से करेगी।

ऑस्ट्रेलिया में एकदिवसीय विश्वकप में अपेक्षानुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाने के बाद भारतीय टीम को पुरुषों की ट्वेंटी-20 चैंपियनशिप के साथ हो रहे इस टूर्नामेंट से काफी आशाएँ हैं। टीम की कोच सुधा शाह ने कहा कि हमारी टीम में अनुभवी और युवा खिलाड़ियों का मिश्रण है और यह काफी संतुलित है।

भारत को हालाँकि अपनी बल्लेबाजी पर अधिक ध्यान देना होगा, जिसकी रीढ़ मिताली हैं। हैदराबाद की इस बल्लेबाज को इंग्लैंड में खेलने का अच्छा खासा अनुभव है और उन्होंने वहाँ कई बेहतरीन पारियाँ भी खेली हैं। उन्होंने इंग्लैंड में तीन टेस्ट मैच में 87 रन की औसत से 348 रन बनाए, जिसमें 2002 में टाटन में खेली गई 214 रन की पारी भी शामिल है, जो तब महिला टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक स्कोर भी है।

मिताली ने इसके अलावा इंग्लैंड की धरती पर 17 एकदिवसीय मैचों में 42.75 की औसत से 513 रन बनाए हैं। इनमें 1999 में इंग्लैंड के खिलाफ खेली गई 114 रन की पारी भी शामिल है। पिछले साल भारतीय टीम ने इंग्लैंड में लचर प्रदर्शन किया था लेकिन मिताली अपवाद रही थीं। उन्होंने चार पारियों में 162 रन बनाए थे जिसमें दो अर्धशतक शामिल हैं।

भारतीयों के लिए हालाँकि ट्वेंटी-20 नया खेल है, लेकिन मिताली को विश्वास है कि वे इस नए प्रारूप के अनुरूप खुद को ढालने में सफल रहेंगी। उन्होंने इंग्लैंड रवाना होने से पहले कहा कि आपको रन बनाने के लिए अपने विश्वसनीय तरीकों से हटकर दूसरे तरीके ढूँढने होंगे, जिससे कि अधिक से अधिक रन बनें।

वैसे भारतीय महिला टीम ने इंग्लैंड में एक ट्वेंटी-20 मैच खेला है। पिछले साल खेले गए इस मैच में भारत ने इंग्लैंड को दो विकेट से हराया था। रूमेली धर ने तब 69 गेंद पर छह चौकों की मदद से 66 रन बनाए थे जबकि मिताली ने 28 रन का योगदान दिया था। झूलन ने 14 रन देकर दो विकेट लिए थे।

भारत का बल्लेबाजी में अंजुम चोपड़ा पर भी दारोमदार रहेगा, जिन्होंने अंग्रेजों की सरजमीं पर चार टेस्ट मैच में 195 और 13 वन डे में 311 रन बनाए हैं। चोपड़ा का मानना कि ट्वेंटी-20 में भले ही लप्पेबाजी अधिक चलती हो, लेकिन आखिर में तकनीक ही महत्वपूर्ण होती है।

अंजुम ने कहा कि आईपीएल में भी हमने देखा कि तकनीकी तौर पर कुशल बल्लेबाज इसमें सफल रहे। ट्वेंटी-20 भले ही नया प्रारूप हो, लेकिन मेरा मानना है कि बेहतर होगा कि आप क्रिकेटिया शॉट ही खेलें। मैं जानती हूँ कि इसमें गेंद पर कड़ा प्रहार करना होगा लेकिन इसके लिए टाइमिंग भी बहुत जरूरी है।

गेंदबाजी में भारतीय आक्रमण की अगुवाई झूलन गोस्वामी करेंगी। इंग्लैंड में उनका रिकॉर्ड भी प्रभावशाली रहा है। उन्होंने इंग्लैंड में तीन टेस्ट मैच में 18 विकेट लिए हैं, जिनमें से 2006 में टाटन टेस्ट में उन्होंने 78 रन पर दस विकेट लेकर भारत को पाँच विकेट से जीत दिलाई थी। उन्होंने वहाँ 14 वनडे में केवल आठ विकेट लिए हैं, लेकिन वे काफी किफायती साबित हुई हैं और उन्होंने प्रति ओवर तीन से भी कम रन खर्च किए।

भारतीय कप्तान ने अपनी खिलाड़ियों को मानसिक रूप से मजबूत होने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि यदि आप मानसिक रूप से मजबूत हो तो फिर उन्हें (ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसी मजबूत टीमों) हरा सकते हैं। हमें खुद पर पूरा विश्वास है।

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