क्लार्क ने ‘डेली टेलीग्राफ’ से कहा, ‘‘यह युवाओं और उनके उत्साह का भारत के चतुर उम्रदराज खिलाड़ियों का मुकाबला है।’’ क्लार्क ने स्वीकार किया कि पुनर्निर्माण की प्रक्रिया में ऑस्ट्रेलिया ने एक कदम आगे और दो कदम पीछे लिए हैं जिससे पिछले कुछ महीने में खराब नतीजे देखने को मिले हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हम इस समय अच्छा नहीं खेल पा रहे हैं। केपटाउन में हम 47 रन पर आउट हो गए। इसके बाद न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरी पारी में अच्छा नहीं खेल सके।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसके बावजूद प्रदर्शन में सुधार हो रहा है। हम सही दिशा में जा रहे हैं। हमें लगातार अच्छा खेलना होगा। बॉर्डर गावस्कर श्रृंखला के जरिये हम वापसी कर सकते हैं।’’
भारतीय चुनौती के बारे में क्लार्क ने कहा कि भारत के मजबूत बल्लेबाजी क्रम का सामना करना उनके गेंदबाजों के लिए मुश्किल होगा लेकिन बल्लेबाजों को भारत के अनुभवहीन गेंदबाजों का सामना करने में कोई दिक्कत नहीं होगी।
उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय टीम काफी मजबूत है और इस समय आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में इंग्लैंड के बाद दूसरे स्थान पर है। सचिन तेंडुलकर, राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण और वीरेंद्र सहवाग के रूप में उनके पास अपार अनुभव और रन हैं।’’
क्लार्क ने कहा, ‘‘भारत के गेंदबाजों के पास अनुभव नहीं है और वे इस समय फिटनेस समस्याओं से भी जूझ रहे हैं। जहीर खान पर वे बहुत हद तक निर्भर हैं।’’ उन्होंने यह भी कहा कि ‘मंकीगेट प्रकरण’ के कारण 2008 की श्रृंखला में देखी गई कड़वाहट इस बार नहीं होगी।
उन्होंने कहा,‘‘मुझे सौ फीसदी यकीन है कि इस बार वैसा नहीं होगा। दोनों टीमें प्रतिस्पर्धी हैं और जीतना चाहती हैं। इस बार अच्छा क्रिकेट देखने को मिलेगा। मैदान के बाहर दोनों टीमें एक दूसरे का सम्मान करती हैं।’’ (भाषा)