गांगुली को न चुनने पर सवाल क्यों?

शराफत खान
सोमवार को ईरानी ट्रॉफी के लिए घोषित शेष भारत की टीम में भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान सौरव गांगुली को जगह नहीं दी गई। यह गांगुली के साथ-साथ उनके प्रशंसकों के लिए यह एक बड़ा झटका है।

गांगुली की वनडे टीम में वापसी की संभावनाएँ लगभग नगण्‍य हैं और अब उन्हें ईरानी ट्रॉफी के लिए टीम में नहीं चुनकर चयनकर्ताओं ने साफ संकेत दे दिए हैं कि टेस्ट टीम में भी उनके विकल्प पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।

वेंगसरकर की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने गांगुली को प्रदर्शन के आधार पर बाहर रखा है। उसके इस फैसले का स्वागत होना चाहिए। पिछली सात पारियों में गांगुली ने अर्धशतक नहीं लगाया है और इस दौरान उनका स्कोर 18, 35, 16, 0, 4, 23, 13 रहा है।

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गांगुली 12 वर्षों से भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल रहे हैं और इस दौरान उन्होंने 109 टेस्ट मैचों में 41.74 की औसत से 6888 रन बनाए हैं, जिसमें 15 शतक और 34 अर्धशतक शामिल हैं। यह कोई मामूली रिकॉर्ड नहीं है और ये आँकड़े साबित करते हैं कि गांगुली भी गैरमामूली खिलाड़ी हैं।

इसमें कोई शक नहीं कि गांगुली जबरदस्त खिलाड़ी हैं और उन्होंने भारतीय क्रिकेट को बहुत कुछ दिया है, लेकिन हर क्रिकेटर का एक जमाना होता है, जिसमें वह अपने सर्वोत्तम रूप में होता है। गांगुली को मान लेना चाहिए कि क्रिकेट में उनका सर्वोत्तम समय बीत चुका है और अब उनके स्थान पर किसी युवा खिलाड़ी को टीम में होना चाहिए।

गौर करने वाली बात है कि चयनकर्ताओं ने गांगुली की ही बैच के एक अन्य खिलाड़ी राहुल द्रविड़ को टीम में बनाए रखा। पिछली दस पारियों में द्रविड़ का प्रदर्शन उनकी ख्याति के अनुरूप नहीं रहा और उन्होंने इस दौरान 68, 10, 44, 2, 10, 14, 18, 29, 17 और 3 के स्कोर बनाए। द्रविड़ को शुरुआत से ही एक परिपक्व बल्लेबाज माना जाता है और उन जैसे टेस्ट क्रिकेटर को बाहर रखना किसी भी टीम के लिए घातक साबित हो सकता है।

वीवीएस लक्ष्मण भी सीनियर खिलाड़ियों की फहरिस्त में हैं। लक्ष्मण ने अपनी पिछली 10 पारियों में 61, 25, 13, 39, 21, 56, 50, 35, और 3 के स्कोर बनाए हैं। पिछली श्रृंखलाओं के आधार पर लक्ष्मण का रिकॉर्ड बेहतर नजर आता है, इस लिहाज से लक्ष्मण के पास टीम में बने रहने के लिए अपेक्षाकृत अधिक अवसर हैं।

ईरानी ट्रॉफी के लिए गांगुली के स्थान पर मोहम्मद कैफ को स्थान मिला है। कैफ वनडे टीम में बाहर होने के बाद से ही घरेलू क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। पिछले दिनों ऑस्ट्रलिया ए के खिलाफ भी उन्होंने 94 रनों की कीमती पारी खेली थी। यदि प्रदर्शन में निरंतरता रही तो टेस्ट टीम में कैफ गांगुली के अच्छे विकल्प साबित हो सकते हैं।

दूसरी तरफ गांगुली को अब कुछ साबित करने की जरूरत नहीं है। वे भारतीय क्रिकेट के दिग्गजों में हैं। टीम से बाहर होना एक खिलाड़ी के जीवन की सामान्य प्रक्रिया है। गांगुली के टीम में न होने पर हो-हल्ला मचाने के बजाए इसे भविष्य की टीम बनाने की दिशा में सकारात्मक कदम की तरह देखना चाहिए।

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