गंभीर का यह पहला ऑस्ट्रेलियाई दौरा है। हालांकि उनका टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण नवंबर 2003 में ही हो गया था, लेकिन वे इस दौरे से पहले कभी भी भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान टेस्ट टीम में शामिल नहीं रहे।
गंभीर के लिए यह ऑस्ट्रेलियाई दौरा एक कड़ी परीक्षा की तरह है। उन्हें न केवल ऑस्ट्रेलियाई धरती पर रन बनाना है, बल्कि भारत की टेस्ट टीम के सलामी बल्लेबाज के तौर पर खुद को साबित भी करना है।
गंभीर ने अपने टेस्ट करियर में 44 टेस्ट की 79 पारियों में 47.71 की औसत से 3531 रन बनाए हैं, इनमें नौ शतक और 18 अर्धशतक शामिल हैं। गंभीर ने मार्च 2009 से जनवरी 2010 तक लगातार पांच टेस्ट में शतक बनाने का रिकॉर्ड भी बनाया, लेकिन तब से गंभीर 29 पारियों में शतक नहीं लगा सके हैं।
ऑस्ट्रेलिया में उनके पास बड़ी पारी खेलने का बेहतरीन मौका है और कैनबरा के खिलाफ अभ्यास मैच में गंभीर टच में भी नजर आए। गंभीर पर सहवाग के साथ भारत को अच्छी शुरुआत देने जिम्मेदारी है। हालांकि यह जिम्मेदारी वे पिछले कुछ सालों से अच्छी तरह निभा रहे हैं, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के हालातों में सफल होने के लिए गौतम को गंभीर प्रयास करने होंगे।