भारत के टॉप फाइव क्रिकेटर

शराफत खान

Webdunia
अगर यह पूछा जाए कि भारत के टॉप फाइव क्रिकेटर कौन हैं? तो इसका जवाब मुश्किल होगा। क्योंकि भारतीय क्रिकेट इतिहास देखें तो किन्हीं पांच क्रिकेटर को चुनना बेहद मुश्किल होगा। फिर कई ऐसे महान खिलाड़ी होंगे जो टॉप फाइव में नहीं आ सकेंगे। विज्डन ने कुछ साल पहले (2002 में) भारत के क्रिकेटर ऑफ द सेंचुरी के रूप में कपिल देव को चुना था। कपिल को सुनील गावस्कर और सचिन तेंडुलकर जैसे खिलाड़ियों पर तरजीह देकर क्रिकेटर ऑफ द सेंचुरी चुना गया था। कपिल के इंडियन क्रिकेटर ऑफ द सेंचुरी चुने जाने से भारत के अन्य महान क्रिकेटरों का महत्व कम नहीं हो जाता।

भारत में कई महान क्रिकेटर हुए हैं। हमने कोशिश की है कि भारत के टॉप फाइव क्रिकेटर के बारे में चर्चा की जाए।

कपिल देव


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भारत के इस पूर्व कप्तान को हमेशा मैदान पर दिलेरी भरा खेल दिखाने के लिए याद किया जाता है। 1983 के विश्व कप का खिताब जिताने वाले कपिल देव ने क्लाइव लॉयड की महाशक्तिशाली टीम को पटखनी देकर भारतीय क्रिकेट इतिहास में 25 जून 1983 का दिन सुनहरे अक्षरों में लिख दिया।

कपिल ने 131 टेस्ट मैचों में 434 विकेट लेकर विश्व की‍र्तिमान बनाया। साथ ही एक आदर्श ऑलराउंडर की कसौटी पर खरा उतरते हुए उन्होंने 31.05 की औसत से 5248 रन भी बनाए। उन्होंने आठ शतक और 27 अर्धशतक भी लगाए। कपिल का जिक्र आते ही इंग्लैंड के खिलाफ उनके लगातार चार छक्के भी याद आते हैं। कपिल निश्चित ही भारत के टॉप फाइव क्रिकेटरों में से एक हैं।

सुनील गावस्क र


भारतीय क्रिकेट में सन्नी के नाम से मशहूर इस पूर्व कप्तान और सलामी बल्लेबाज का दुनिया भर में सम्मान किया जाता है। गावस्कर अपनी बल्लेबाजी के दौरान पूरी तरह खेल में डूब जाते थे। मैदान में उन्हें सिर्फ खेल ही याद रहता।

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बिना हेलमेट के दुनिया के महानतम तेज गेंदबाजों का सामना करने वाले गावस्कर ने 125 टेस्ट की 214 पारियों में 51.12 की बेहतरीन औसत से 10122 रन बनाए हैं। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा शतक (34) बनाने का रिकॉर्ड भी बनाया, जिसे बाद में सचिन तेंडुलकर, रिकी पोंटिंग, राहुल द्रविड़ जैसे बल्लेबाजों ने तोड़ा।

महान सलामी बल्लेबाज के रूप में सुनील गावस्कर को पूरी दुनिया मानती है, लेकिन कप्तान के रूप में भी वे चर्चित रहे। गावस्कर ने 47 टेस्ट में भारत की कप्तानी की, जिसमें उन्होंने 9 मैचों में जीत का स्वाद चखा। 8 टेस्ट गावस्कर बतौर कप्तान हार गए, लेकिन टेस्ट क्रिकेट के मामले में वे उनके समय के सफलतम कप्तान रहे। हालांकि समीक्षक इन्हें जोखिम न लेने वाला कप्तान मानते हैं।

सचिन तेंडुलक र


मास्टर ब्लास्टर सचिन रमेश तेंडुलकर के नाम वनडे और टेस्ट क्रिकेट में इतने रिकॉर्ड हैं कि इनके नाम सचिन आर तेंडुलकर को सचिन रिकॉर्ड तेंडुलकर कहा जाने लगा है। वनडे और टेस्ट में सबसे ज्यादा शतक, सबसे ज्यादा रन, सबसे ज्यादा मैच, सबसे ज्यादा मैन ऑफ द मैच जैसे कई और रिकॉर्ड बनाने वाले सचिन तेंडुलकर को पूरी दुनिया के महान बल्लेबाजों में शीर्ष स्थान प्राप्त है। फादर ऑफ क्रिकेट सर डॉन ब्रेडमैन भी सचिन की तारीफ करते थे। वनडे क्रिकेट के इतिहास में एकमात्र दोहरा शतक सचिन के नाम है।

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181 टेस्ट की 298 पारियों में 56.25 के लाजवाब औसत से 14965 रन बना चुके सचिन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 100 शतक बनाने से केवल एक कदम दूर हैं। सचिन ने टेस्ट में 51 शतक और 61 अर्धशतक लगाए हैं।

अनिल कुंबले


लेग स्पिनर अनिल कुंबले ने अपनी गेंदबाजी से भारत को कई मैच जितवाए। कुंबले ने एक क्रिकेटर के तौर पर लंबा सफर तय किया। 132 टेस्ट में 619 विकेट चटकाने वाले कुंबले ने लगभग 18 साल तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भारत का प्रतिनिधित्व किया। इस दौरान वे टेस्ट टीम के कप्तान भी रहे।

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कुंबले ने न सिर्फ 619 विकेट लेने का रिकॉर्ड बनाया बल्कि ऐसे समय में भारतीय स्पिन गेंदबाजी का झंडा उठाया, जब लगने लगा था कि चंद्रशेखर, प्रसन्ना, बेदी के बाद भारत का स्पिन गेंदबाजी का युग बीत चुका है। कुंबले को दुनिया भर के मैदानों में सफलता मिली। लंबे कद का यह स्पिन गेंदबाज कभी कभी अपना पेस भी आजमा लेता था, इसीलिए पूर्व भारतीय विकेट कीपर नयन मोंगिया के रूप में पहली बार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में किसी विकेट कीपर को हेलमेट पहनकर कीपिंग करते देखा गया।

राहुल द्रविड़


भारतीय क्रिकेट के टॉप फाइव क्रिकेटर में पांचवें नंबर पर कई दावेदार हैं, लेकिन चुनना तो एक को ही था। पिछले 15 सालों से भारतीय टीम की दीवार और 'द वॉल' के रूप में मशहूर राहुल द्रविड़ भारत के टॉप फाइव क्रिकेटरों में इसलिए शुमार किए जाने चाहिए, क्योंकि उन्होंने फटाफट क्रिकेट के दौर में भी 'क्लासिकल बैटिंग' की पहचान को कायम रखा। जब भी भारतीय टीम विदेशी पिचों पर रन बनाने के लिए चिंता करती है तो द्रविड़ हमेशा ही इस समस्या का समाधान होते हैं। हाल के इंग्लैंड दौरे में यह एक बार फिर साबित हो गया।

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द्रविड़ की बल्लेबाजी की शैली, उनका शॉट सिलेक्शन, धैर्य, कमिटमेंट उन्हें एक महान बल्लेबाज का दर्जा दिलवाते हैं। द्रविड़ ने 157 टेस्ट की 273 पारियों में 53 की औसत से 12775 रन बनाए हैं। सचिन की तरह अभी उनका टेस्ट क्रिकेट करियर जारी है। द्रविड़ ने अपनी बल्लेबाजी से दुनिया भर में अपना एक अलग मुकाम बनाया है।

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