शिखर धवन-मुरली विजय : टेस्ट में भारत का भविष्य

वेबदुनिया डेस्क

Webdunia
सोमवार, 18 मार्च 2013 (19:21 IST)
गौतम गंभीर और वीरेंद्र सहवाग के लगातार असफल होने से टीम इंडिया की परेशा‍नी बढ़ गई थी। मोहाली टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया में मिली दमदार जीत से उसे एक दमदार ओपनिंग जोड़ी भी मिल गई। टीम इंडिया की बल्लेबाजी करने उतरे शिखर धवन और मुरली विजय ने अपनी बल्लेबाजी से यह जता दिया कि सिलेक्टर्स ने उन पर भरोसा यूं ही नहीं जताया है ।

PTI
घरेलू क्रिकेट में कई सीज़न से रन बना रहे धवन को आखिर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में मौका मिल ही गया और मोहाली टेस्ट में उन्होंने वह सब किया, जो वे बरसों से करने का सपना सजोये बैठे थे। मुरली विजय ने भी मौके का फायदा उठाकर लगातार दो शतक बनाए और खुद को साबति कर ही दिया। लेकिन धवन और विजय के लिए आगे का रास्ता आसान नहीं है, क्योंकि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू सीरीज के बाद भारतीय टीम को दक्षिण अफ्रीका का कठिन दौरा करना है।

विजय-धवन की जोड़ी ऐसे समय फॉर्म में आई है, जबकि सहवाग के लगातार खराब प्रदर्शन के बाद गौतम गंभीर के बल्ले से भी रन नहीं निकल रहे थे। गंभीर टेस्ट में लगातार फेल हो रहे थे। पिछले तीन सालों में गंभीर ने 24 टेस्ट की 42 पारियों में 30.43 की औसत से सिर्फ 1248 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने कोई सैकड़ा भी नहीं जमाया। गंभीर ने अपना आखार शतक जनवरी 2010 में बांग्लादेश के खिलाफ चिटगांव में लगाया था।

सहवाग का हाल तो इससे भी ज्यादा खराब था। वे इंग्लैंड के खिलाफ भी कोई खास प्रदर्शन नहीं कर पाए पिछले दो सालों में वीरू ने 15 टेस्ट खेले और उनके 32.02 के औसत से रहे 865 रन। दोनों के बीच ओपनिंग में कोई बड़ी साझेदारी भी नहीं हुई। सहवाग ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टेस्ट में पहली पारी में 2 और दूसरी पारी में 19 रन बनाए।

हैदराबाद में हुए दूसरे टेस्ट में भी उन्होंने सिर्फ 6 रन बनाए। हां इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में अहमदाबाद टेस्ट में सहवाग ने 117 की पारी के अलावा कोई बड़ी पारी नहीं खेली। गंभीर और सहवाग के बीच इस टेस्ट में 134 रनों की साझेदारी हुई थी।

लेकिन अब भारत को पीछे मुड़कर देखने की जरूरत नहीं, क्योंकि टेस्ट क्रिकेट में सलामी बल्लेबाजी के लिए उसके पास कई विकल्प हैं। शिखर धवन, मुरली विजय तो प्रफॉर्म कर ही चुके हैं, जबकि अजिंक्य रहाणे और अभिनव मुकुंद मौके की तलाश में हैं।

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

WTC Cycle में भारत का सबसे खराब प्रदर्शन, कुल 10 मैच भी नहीं जीत पाई टीम इंडिया

भारतीय टेस्ट टीम का भविष्य: बल्लेबाजी से ज्यादा चिंताजनक स्थिति गेंदबाजी की

रोहित शर्मा और रविंद्र जड़ेजा आखिरी बार टेस्ट क्रिकेट खेल चुके हैं

विराट कोहली का 'Ego' प्रॉब्लम? नहीं छोड़ पा रहे ऑफ स्टंप की गेंद, सचिन से सीख लेने का सही वक्त

अर्जुन पुरस्कार मेरा मजाक उड़ाने वालों को जवाब है: पैरा शटलर नित्या