सचिन ने अपनी बेटी का नाम ‘सारा’ ही क्यों रखा

मनोज खांडेकर

Webdunia
सारा… अमूमन यह नाम कम ही सुनने को मिलता है। हाल ही में यह नाम उस वक्त सुर्खियों में आया जब सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट से रिटायरमेंट का ऐलान किया। उस वक्त सचिन ने अपने दो अनमोल हीरों का जिक्र किया था, जिसमें से एक अर्जुन का नाम था तो दूसरा उनकी बड़ी बेटी सारा का। सारा जिसके नाम के मायने कीमती, बहुमूल्य या फिर बेशकीमती होते हैं। उसका यह नाम रखे जाने के पीछे एक दिलचस्प कहानी है ।

FILE
यह तो सब जानते हैं कि सचिन बतौर कप्तान ज्यादा सफल साबित नहीं रहे हैं। उनकी कप्तानी का सबसे सुनहरा दौर सितंबर 1997 में था, जब भारत और चिरपरिचित विरोधी पाकिस्तान के बीच टोरेंटो में पांच वनडे मैचों की फ्रेंडशिप सीरीज खेली गई थी। सौरव गांगुली के ऑलराउंड खेल की बदौलत भारत ने 3-1 से सीरीज पर कब्जा जमाया। बारिश की वजह से एक मैच रद्द हो गया था। बतौर कप्तान सचिन की यह पहली सीरीज जीत थी।

13 सितंबर से 21 सितंबर के बीच यह मुकाबला खेले गए थे। यह वही वक्त था जब तेंदुलकर दंपति अपने आंगन में किलकारी गूंजने का इंतजार कर रहे थे। सचिन अपनी कप्तानी में परचम लहराकर लौटे और करीब एक महीने बाद 24 अक्टूबर को अंजलि ने बेटी को जन्म दिया। सहारा कप में मिली जीत सचिन के ज़हन में बसी थी, बस फिर क्या था, सहारा कप के नाम पर सचिन ने बेटी का नाम सारा तय कर दिया।

हालांकि सचिन के लिए बतौर बल्लेबाज यह सीरीज कुछ खास साबित नहीं हुई थी। सचिन ने पांच मैचों में 99 रन बनाए जिसमें केवल एक अर्धशतक शामिल था। सौरव गांगुली ने 222 रन बनाए और टोरंटो की स्विंग गेंदबाजी के लिए मददगार विकेटों पर 15 विकेट भी हासिल किए थे।

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

लीड्स की हार का एकमात्र सकारात्मक पहलू: बल्लेबाजी में बदलाव पटरी पर

ICC के नए टेस्ट नियम: स्टॉप क्लॉक, जानबूझकर रन पर सख्ती और नो बॉल पर नई निगरानी

बर्फ से ढंके रहने वाले इस देश में 3 महीने तक फुटबॉल स्टेडियमों को मिलेगी 24 घंटे सूरज की रोशनी

The 83 Whatsapp Group: पहली विश्वकप जीत के रोचक किस्से अब तक साझा करते हैं पूर्व क्रिकेटर्स

क्या सुनील गावस्कर के कारण दिलीप दोषी को नहीं मिल पाया उचित सम्मान?