Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

31,000 साल पहले भी हाथ-पांव काट कर जान बचाई जाती थी

हमें फॉलो करें 31,000 साल पहले भी हाथ-पांव काट कर जान बचाई जाती थी

DW

, रविवार, 11 सितम्बर 2022 (07:57 IST)
वैज्ञानिकों के मुताबिक 31,000 साल पहले हुए सफल अंग-विच्छेद के प्रमाण मिले हैं। बोर्नेयो के एक सुदूर कोने में मिली हड्डियों ने प्राचीन इलाज का इतिहास दोबारा लिख दिया है।
 
अंग-विच्छेद यानी शरीर के हाथ-पांव में किसी हिस्से के बेकार या खराब हो जाने पर उसे काट कर अलग कर देना ताकि बाकी शरीर को नुकसान से बचाया जा सके। इससे पहले अंग विच्छेद का प्रमाण फ्रांस में 7,000 साल पुराने कंकाल में मिला था।
 
विशेषज्ञ मानते आये हैं कि एक जगह टिक कर खेतीबाड़ी करने वाले समुदायों में इस तरह के ऑपरेशन किये जाते थे। हालांकि नई खोज से यह पता चलता है कि आज के इंडोनेशिया में ईस्ट कालीमंतान प्रांत में रहने वाले पाषाण युग के घुमक्कड़ शिकारियों के पास शरीर रचना और चोट की उन्नत चिकित्सा की जानकारी थी।
 
ऑस्ट्रेलिया की ग्रिफिथ यूनिवर्सिटी के रिसर्च फेलो टिम मैलोनी इस रिसर्च का नेतृत्व कर रहे थे। उनका कहना है, "इस चिकित्सा के विकास के बारे में जो हमारी समझ है वह बिल्कुल बदल गई है।"
 
लियांग टेबो गुफा में मिला कंकाल
यह कंकाल 2020 में लियांग टेबो गुफा में मिला था जो अपनी 40,000 साल पुराने भित्ती चित्रों के लिये जाना जाता है। चमगादड़ों और कई तरह के परिंदों के साथ ही कभी कभी बिच्छुओं की बाधाओं से पार जा कर वैज्ञानिकों ने बड़ी मेहनत से खुदाई कर इस कंकाल को निकाला है जो गाद के नीचे बिल्कुल सुरक्षित बचा हुआ था। इस कंकाल का एक टखना और पैर नहीं है। बाकी बचे पैर के हड्डी का आकार थोड़ा अलग है जो दिखाता है कि साफ तौर पर जान बूझ कर एक हिस्सा काट कर निकाला गया है जिसके बाद उसमें थोड़ा विकास हुआ है।
 
मैलोनी ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया, "यह बिल्कुल साफ और तिरछा है। वास्तव में आप चीरे की आकृति और सतह को हड्डी में देख सकते हैं।" अगर यह किसी जानवर के हमले, दबने कर टूटने या फिर गिरने की वजह से होता तो हड्डियां टूटी होतीं और साथ ही जिस तरह कंकाल के पैर में उसके बाद विकास हुआ है वह वैसा नहीं होता। दांत और वहां जमी गाद के आधार पर वैज्ञानिकों ने कंकाल की उम्र 31,000 साल लगाई है और मरने वाले इंसान की उम्र 20 साल रही होगी।
 
ऑपरेशन के बाद 9 साल तक जिंदा रहा
अंग-विच्छेद की तकलीफ के बावजूद ऐसा लगता है कि ऑपरेशन के बाद भी यह इंसान छह से नौ साल तक जिंदा रहा था। यह नतीजा उसके पैर की हड्डियों में हुए विकास को देख कर निकाला गया है। साथ ही ऑपरेशन के बाद उसके शरीर में संक्रमण के कोई निशान नहीं मिले हैं। रिसर्च टीम ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि इससे पता चलता है, "अंगों की संरचना, मांसपेशियों और नाड़ी तंत्र की विस्तृत जानकारी थी। ऑपरेशन के बाद नर्सिंग और देखभाल जरूर हुई होगी। घाव को नियमित रूप से साफ किया गया, पट्टियां बदली गईं और विसंक्रमित भी किया गया।" 
 
इंसान कई सदियों से एक दूसरे का ऑपरेशन कर रहा है। दांत निकालना और हड्डियों में छेद इसमें शामिल है। हालांकि अंग-विच्छेद काफी जटिल है और पश्चिमी देशों में यह महज 100 साल पहले संभव हुआ। इससे पहले सबसे पुराने अंग विच्छेद का प्रमाण 7000 साल पुराने एक कंकाल में मिला था। इस कंकाल की खोज फ्रांस में 2010 में हुई थी।

इससे इस बात की पुष्टि हुई कि मानव ने रोज रोज के शिकार और भोजन की खोज से मुक्त हो कर खेती बाड़ी वाली बस्तियां बसाने के बाद उन्नत सर्जरी का विकास किया। हालांकि बोर्नेयो की खोज यह दिखाती है कि घुमक्कड़ शिकारी भी सर्जरी की चुनौतियों के पार निकल चुके थे और यह काम कम से कम 24,000 साल और पहले हो गया।
 
पत्थर की ब्लेड, जड़ी बूटियों का ज्ञान
इस कंकाल के सामने आने के बाद भी कई सवालों के जवाब अभी ढूंढे जाने हैं। जैसे कि, अंग-विच्छेद कैसे और क्यों हुआ? संक्रमण और दर्द को कैसे रोका गया? क्या इस तरह के ऑपरेशन दुर्लभ थे या बहुत आम बात?
 
रिसर्च टीम यह संभावना जता रही है कि सर्जन ने शायद पत्थर की ब्लेड का इस्तेमाल किया होगा और समुदायों के पास वर्षावनों में ऐसे पौधों की जानकारी रही होगी जो इलाज में इस्तेमाल हो सकते हैं।
 
लियांग टेबो के पास अगले साल और खोज होने की उम्मीद की जा रही है जिनसे वहां रहने वाले लोगों के बारे में और जानकारी मिलने की उम्मीद है।
 
एनआर/वीके (एएफपी)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

यूएन: पूर्ण लैंगिक समानता अभी भी सदियों दूर, लगेंगे अभी भी 300 साल और