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सेना और पुलिस से राजनीति में आए

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, सोमवार, 8 अप्रैल 2019 (10:50 IST)
चुनाव के समय नौकरशाहों का राजनीति में आना सामान्य है लेकिन सेना और पुलिस से राजनीति में आने वालों की संख्या भी कम नहीं है। बीजू पटनायक, राजेश पायलट और अयूब खान। इन तीनों में एक बात कॉमन थी कि ये सेना से राजनीति में आए थे। राजेश पायलट और बीजू पटनायक दोनों पायलट थे जबकि अयूब खान आर्मी में कैप्टन के पद से रिटायर हुए थे। आज भी राजनीति में बहुत से ऐसे नेता हैं जो फौज या पुलिस से राजनीति में आए हैं। एक नजर डालते हैं ऐसे नेताओं पर।
 
 
वीके सिंह
भारतीय थल सेना के प्रमुख रहे विजय कुमार सिंह हाल के दिनों में सेना से राजनीति में आने वाले एक बड़े चेहरा हैं। वीके सिंह सेना से रिटायर होने के बाद पहले अन्ना आंदोलन से जुड़े। फिर भाजपा में शामिल होकर गाजियाबाद से चुनाव लड़ा। विदेश राज्यमंत्री बने। इस बार गाजियाबाद से फिर चुनावी मैदान में हैं।
 
 
सत्यपाल सिंह
मोदी सरकार में मंत्री रहे सत्यपाल सिंह राजनीति में आने से पहले पुलिस में थे। सत्यपाल मुंबई के पुलिस कमिश्नर थे। 2014 में नौकरी से इस्तीफा देकर उन्होंने भाजपा की सदस्यता ली। बागपत से चुनाव लड़े और जीते। इस बार फिर चुनावी मैदान में हैं।
 
 
सुशील कुमार शिंदे
भारत के पूर्व गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे राजनीति में आने से पहले पुलिस में थे। वो एक कॉन्स्टेबल की पोस्ट पर भर्ती हुए थे। छह साल तक वो सीआईडी में भी रहे। फिर नौकरी छोड़कर 1971 में कांग्रेस में आ गए। बड़ी बात ये है कि पुलिस में सबसे जूनियर पद कॉन्स्टेबल से कैरियर की शुरूआत कर देश की आंतरिक सुरक्षा मंत्रालय के मुखिया बने।
 
 
अमरिंदर सिंह
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह थल सेना में कैप्टन की रैंक से रिटायर हुए थे। अमरिंदर सिंह ने 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भी हिस्सा लिया था। वो युद्ध से पहले सेना से रिटायर हो गए थे लेकिन युद्ध के समय सेना में वापस शामिल हो गए थे।
 
 
एन बीरेन सिंह
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह पहले सीमा सुरक्षा बल बीएसएफ में कॉन्स्टेबल थे। 1991 में नौकरी छोड़कर वो पत्रकारिता में आ गए। 2001 में राजनीति में आकर कांग्रेस में शामिल हुए। 2016 में कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थामा। 2017 में मणिपुर के मुख्यमंत्री बने।
 
 
बीसी खंडूरी
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूरी थल सेना में मेजर जनरल के पद से रिटायर हुए। सेना से रिटायर होने के बाद वो भाजपा में शामिल हो गए थे। 2019 के चुनाव में उनके पुत्र मनीष खंडूरी कांग्रेस में आ गए और चुनाव लड़ रहे हैं।
 
 
राज्यवर्धन राठौर
ओलंपियन और मोदी सरकार के मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर सेना में कर्नल रहे हैं। सेना से रिटायरमेंट लेकर वे भाजपा में शामिल हुए। इस बार वो फिर भाजपा के टिकट पर जयपुर ग्रामीण सीट से मैदान में हैं।
 
 
अजय कुमार
झारखंड कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार राजनीति में आने से पहले आईपीएस थे। पहले वो पटना और झारखंड बनने के बाद जमशेदपुर के एसपी रहे थे। उन्हें एनकाउंटर स्पेशलिस्ट माना जाता था। 2011 में वो राजनीति में आ गए। झारखंड विकास मोर्चा पार्टी में शामिल हुए। 2014 में कांग्रेस में आ गए। वो राज्यसभा सांसद भी हैं। (तस्वीर में सबसे बाएं)
 
 
जेजे सिंह
जोगिंदर जसवंत सिंह भारतीय थल सेना के जनरल के पद से रिटायर हैं। वो सेनाध्यक्ष बनने वाले पहले सिख थे। 2017 में अकाली दल में शामिल होने के बाद वो अमरिंदर सिंह के खिलाफ चुनाव भी लड़े थे। हार गए। अब 2019 में लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। (तस्वीर में सबसे दाएं)
 
 
नमोनारायण मीणा
मनमोहन सिंह की दोनों सरकारों में मंत्री रहे नमोनारायण मीणा राजनीति में आने से पहले भारतीय पुलिस सेवा में थे। रिटायर होने के बाद वे राजनीति में आ गए। 2019 के चुनाव में राजस्थान की टोंक-सवाई माधोपुर सीट से मैदान में हैं। उनके छोटे भाई हरीश मीणा राजस्थान पुलिस के डीजी रहे थे और फिलहाल कांग्रेस से विधायक हैं। (तस्वीर में सबसे बाएं)
 
 
किरण बेदी
भारत की पहली महिला आईपीएस रहीं किरण बेदी भी राजनीति में सक्रिय हैं। 2007 में नौकरी छोड़ने के बाद वो सामाजिक कामों में सक्रिय रहीं। 2015 में भाजपा में शामिल हो गईं। भाजपा ने उन्हें दिल्ली में मुख्यमंत्री पद का प्रत्याशी भी बनाया। लेकिन भाजपा दिल्ली में बुरी तरह हार गई। फिलहाल वो पांडिचेरी की उपराज्यपाल हैं।
 
 
अभिमन्यु सिंह संधु
हरियाणा सरकार में मंत्री अभिमन्यु राजनीति में आने से पहले सेना में रहे हैं। वो कैप्टन के पद से रिटायर होकर 1997 में भाजपा में शामिल हो गए थे।
 
 
शंकर रॉयचौधुरी
1994 से 1997 तक थलसेना के अध्यक्ष रहे शंकर रॉयचौधुरी भी राजनीति का रुख कर चुके हैं। वो राज्यसभा सांसद रहे।
 
 
सचिन पायलट
राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट भारत की प्रादेशिक सेना (टेरिटोरियल आर्मी) से जुड़े हुए हैं। वो साल 2012 में सेना में कमीशन हुए थे। वो केंद्रीय मंत्री रहते सेना में भर्ती होने वाले पहले शख्स हैं।
 
 
अनुराग ठाकुर
हिमाचल के हमीरपुर से बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर भी प्रादेशिक सेना से जुड़े हैं। वो 2016 में कमीशन हुए थे।
 

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