जुवार फसलों का दुश्मन आर्मी वर्म पहुंचा भारत

Webdunia
शुक्रवार, 10 अगस्त 2018 (11:27 IST)
अफ्रीका के खेतों में तबाही मचाने वाला विनाशकारी कीड़ा आर्मी वर्म अब भारत पहुंच गया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि कीड़ों का झुंड धीरे-धीरे समूचे एशिया की फसलों को बर्बाद कर देगा जिससे खाद्य सुरक्षा का संकट गहरा जाएगा।
 
 
दो साल पहले अफ्रीकी महाद्वीप में एक कीड़े की प्रजाति वहां की फसलों को चट कर गई। अंग्रेजी में आर्मी वर्म (वैज्ञानिक नाम: स्पोडोप्टेरा फ्रूजीपेर्डा) नामक इस कीट का मुख्य भोजन जुवार की फसल होती है। इसके अलावा यह 186 तरह के पौधों की प्रजातियों को भी अपना निवाला बनाता है। छोटे से आकार के इस कीड़़े की डाइट भले ही कम हो, लेकिन ये इतनी जल्दी अपनी आबादी बढ़ाते हैं कि देखते ही देखते पूरा खेत साफ कर सकते हैं। यही वजह है कि पिछले दो वर्षों में अफ्रीका में जुवार, सोयाबीन आदि की फसल के नष्ट हो जाने से अरबों पाउंड का नुकसान हुआ। इन फसलों से अफ्रीका के 30 करोड़ लोगों का पोषण होता है।
 
 
अब यह खतरनाक कीड़ा भारत पहुंच चुका है। इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च की नई रिपोर्ट बताती है कि कर्नाटक के चिक्काबालापुर जिले में आर्मी वर्म पाया गया है। इसने यहां की 70 फीसदी जुवार की फसल को अपना निशाना बनाया है और यह सब्जियों तक पहुंच चुका है। भारत में सालाना 20 मीट्रिक टन जुवार पैदा होता है। इस कीड़े को रोकने के लिए उपाय न किए गए तो यह पूरे उपमहाद्वीप में फैल सकता है।
 
 
ऑक्सफर्डशर के सेंटर फॉर एग्रीकल्चर ऐंड बायोसाइंस इंटरनेशनल (कैबी) के वैज्ञानिकों ने अफ्रीका में इस कीट को रोकने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाया था। अब उनके सामने एशिया की फसलों को बचाने की चुनौती है। भारत के लिए कैबी के डायरेक्टर डॉ. गोपी रामास्वामी इस विनाशकारी कीड़े को खत्म करने के लिए जल्द कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। वह कहते हैं, ''ऐसा अनुमान है कि यह कीड़़ा ट्रांसपोर्टेशन के दौरान अफ्रीका से भारत आ गया हो। यह भी हो सकता है कि कीड़ों का झुंड खुद उड़कर आय़ा हो क्योंकि ये एक दिन में हजारों किलोमीटर तक उड़ सकते हैं। फिलहाल भारत को अफ्रीका में लागू किए गए मॉडल को अपनाना होगा जिससे फसलें बर्बाद न हो।''
 
 
मुख्य तौर पर अमेरिका में पाए जाने वाले आर्मी वर्म के बारे में कहा जाता है कि ये 2016 में नाइजीरिया पहुंचे। कुछ ही समय में ये अफ्रीका के 44 देशों में फैल गए और अपना पेट भरने के लिए फसलों को अपनी खुराक बनाई। संयुक्त राष्ट्र के फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन के मुताबिक इस कीट पर लगाम लगाने के लिए करीब 1.2 करोड़ डॉलर खर्च हुए हैं।  
 
 
कैबी के प्रोग्राम एक्जीक्यूटिव डॉ। रोजर डे के मुताबिक, ''सभी देशों को सतर्क रहने की जरूरत है। यह कीड़ा लंबी दूरी तय कर सकता है और तेजी से फैलता है। हमें यह जानना होगा कि ये कीड़ा किन परिस्थितयों में बढ़ता है। मसलन, ठंड के मौसम में ये फ्लोरिडा या टेक्सस में पाया गया और गर्मियों में यह कनाडा की तरफ चला गया। जिस तरह से यह बदल रहे मौसम के अनुसार अपनी जगह बदल रहा है, मुमकिन है कि इसका अगला ठिकाना चीन हो। चीन के लिए इससे निपटना बड़ी चुनौती होगी क्योंकि यह दुनिया में दूसरे नंबर पर ज्वार का सबसे ज्यादा उत्पादन करता है।
 
 
इस कीड़े से निपटने का एक उपाय जेनेटिकली मॉडिफाइड (जीएम) फसलों को विकसित करना हो सकता है। इससे ज्वार के बीज में ही इतनी ताकत होगी कि फसल पर कीड़े का असर नहीं होगा। लेकिन यह क्या वाकई समाधान हो सकता है, इस पर एक राय नहीं है क्योंकि कीड़े जल्द ही प्रतिरोधक क्षमता बढा लेते हैं। एक प्राकृतिक उपाय यह हो सकता है कि इन कीड़ों को खाने वाले कीड़ों और पतंगों को खेतों में छोड़ा जाए। इसके अलावा कीटनाशकों का छिड़काव भी एक उपाय है। दरअसल, इस कीड़े को खत्म करने के कई सुझाव वैज्ञानिकों ने दिए हैं, लेकिन इनकी बढ़ती आबादी और बदलती जगह से यह बहस चल रही है कि कौन सा समाधान सबसे उपयुक्त होगा।
 
 
रिपोर्ट विनम्रता चतुर्वेदी
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

अभिजीत गंगोपाध्याय के राजनीति में उतरने पर क्यों छिड़ी बहस

दुनिया में हर आठवां इंसान मोटापे की चपेट में

कुशल कामगारों के लिए जर्मनी आना हुआ और आसान

पुतिन ने पश्चिमी देशों को दी परमाणु युद्ध की चेतावनी

जब सर्वशक्तिमान स्टालिन तिल-तिल कर मरा

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

अगला लेख