जन्मदर बढ़ाने के लिए गर्भपात पर अंकुश लगाएगा चीन

DW
मंगलवार, 16 अगस्त 2022 (19:13 IST)
चीन ने गर्भपात को बढ़ावा न देने और फर्टिलिटी इलाज को और सुलभ बनाने का फैसला किया है। ऐसा देश में गिरती जन्मदर को बढ़ाने के लिए किया जा रहा है, जो दुनिया में सबसे नीची दरों में से 1 हो गई है। चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ने कहा है कि कर और बीमा व्यवस्था से लेकर शिक्षा और आवास के क्षेत्रों में भी परिवारों को सहारा देने वाले कदम उठाए जाएंगे।
 
स्थानीय सरकारों को नवजात बच्चों की देखभाल करने वाली सुविधाएं और परिवार के अनुकूल कार्यस्थलों को बढ़ावा देने के लिए कहा जाएगा। प्राधिकरण ने कहा कि जनता में जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रजनन स्वास्थ्य के विषय में जानकारी दी जाएगी और साथ ही 'अनचाहे गर्भ से बचने और चिकित्सीय रूप से गैरजरूरी गर्भपात' को भी कम करने के बारे में जागरूकता फैलाई जाएगी।
 
प्राधिकरण स्थानीय सरकारों को देश की राष्ट्रीय चिकित्सा व्यवस्था में धीरे धीरे असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी को शामिल करने के लिए मार्गदर्शन भी करेगा। उसने कहा कि ये कदम 'आबादी के दीर्घकालिक संतुलित विकास' के लिए बेहद जरूरी हैं।
 
चीन की चिंता
 
जनसांख्यिकी विशेषज्ञों का कहना है कि ये दिशा-निर्देश ऐसे समय में आए हैं, जब चीन की कड़ी 'जीरो कोविड' नीति की वजह से लोगों के बच्चा पैदा करने की इच्छाओं को गहरा नुकसान पहुंचा हो। इस नीति के तहत कोविड के प्रसार को रोकने के लिए लोगों की जिंदगियों पर कड़ी पाबंदियां लगाई गईं।
 
2021 में चीन की फर्टिलिटी दर 1.16 थी, जो दुनिया में सबसे कम दरों में से है और एक स्थायी आबादी के लिए ओईसीडी की आदर्श दर 2.1 से भी नीचे है। जनसांख्यिकी विशेषज्ञों का कहना है कि 1.4 अरब आबादी वाली चीन में इस साल जन्म लेने वाले बच्चों की संख्या में रिकॉर्ड गिरावट आने का अनुमान है।
 
2021 में 1 करोड़ 6 लाख बच्चे पैदा हुए थे, जो 2020 के मुकाबले 11.5 प्रतिशत कम थे। इस साल 1करोड़ से भी कम बच्चों के पैदा होने का अनुमान है। यह संभवत: पहली बार है जब जनसंख्या बढ़ाने के दिशानिर्देशों में गर्भपात को कम करने का जिक्र किया गया है।
 
गर्भपात सेवाएं कई सालों से आसानी से उपलब्ध रही हैं। 2015 से 2019 के बीच देश में 95 लाख से ज्यादा गर्भपात कराए गए थे। चीन आधिकारिक रूप से स्वीकार कर चुका है कि वो जनसंख्या की दृष्टि से गिरावट के कगार पर है।
 
सीके/एए (रॉयटर्स)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

अभिजीत गंगोपाध्याय के राजनीति में उतरने पर क्यों छिड़ी बहस

दुनिया में हर आठवां इंसान मोटापे की चपेट में

कुशल कामगारों के लिए जर्मनी आना हुआ और आसान

पुतिन ने पश्चिमी देशों को दी परमाणु युद्ध की चेतावनी

जब सर्वशक्तिमान स्टालिन तिल-तिल कर मरा

लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए प्रचार अभियान थमा, 89 सीट पर होगा मतदान

चुनावी रैलियों में कांग्रेस पर PM नरेन्द्र मोदी के 5 प्रहार

खरगे का इमोशनल दांव, कम से कम मेरे अंतिम संस्कार में तो शामिल हो जाना

अगला लेख