ऐतिहासिक एआई कानून को यूरोपीय संसद की हरी झंडी

DW
रविवार, 17 मार्च 2024 (11:44 IST)
यूरोपीय संघ के सांसदो ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के ऐतिहासिक कानून को अंतिम मंजूरी दे दी। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर यूरोपीय संघ का कानून इस साल के अंत तक लागू हो जाएगा। तेजी से बदल रही प्रौद्योगिकी को नियंत्रित करने के लिए उत्सुक और देशों को भी ये नये नियम रास्ता दिखा सकते हैं। स्ट्रासब्रुग स्थित यूरोपीय संसद में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अधिनियम 46 के मुकाबले 523 वोटों से पारित हो गया।
 
नया कानून यूरोपीय संघ के 27 सदस्य देशों के नागरिकों को, तेजी से बदलती प्रौद्योगिकी से जुड़े संभावित खतरों से सुरक्षा प्रदान करेगा और साथ ही साथ इनोवेशन को भी बढ़ावा देगा।
 
यूरोपीय संसद के अध्यक्ष रोबेर्टा मेतसोला ने अधिनियम के पारित होने के बाद कहा, "यूरोपीय संघ के लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित हमारा ये ऐतिहासिक एआई कानून डिजिटल और टेक इनोवेशन के लिहाज से हमें दुनिया में अग्रणी बनाएगा, क्योंकि यूरोप के पास पूरी दुनिया में गुणवत्ता को स्थापित कर जिम्मेदारी से अगुवाई करने की क्षमता है।"
 
यूरोपीय संसद के उद्योग मामलों के प्रमुख थियरी ब्रेटन ने संसद के अपूर्व समर्थन का स्वागत किया। उनहोंने कहा, "यूरोप अब भरोसेमंद एआई में एक वैश्विक मानक-निर्धारक बन गया है।"
 
यूरोपीय संघ के नये एआई नियम क्या हैं?
नये कानून के तहत जोखिम के आधार पर अलग अलग प्रकार की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की श्रेणियां बनाई गई हैं। ज्यादा खतरे की आशंका वाले एआई टूलों के लिए सख्त नियम या उन पर सीधे रोक लगा देने की व्यवस्था की गई है।
 
माना जाता है कि अधिकांश एआई प्रणालियां निम्न जोखिम वाली श्रेणी में आती हैं, जैसे कि कंटेट की सिफारिश या स्पैम को फिल्टर करने के लिए उपयोग होने वाले मॉडल। एआई के उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों, जैसे चिकित्सा या ऊर्जा नेटवर्क जैसे अति गंभीर बुनियादी ढांचों, में ज्यादा निगरानी या स्क्रूटनी रखी जाएगी।
 
नियमों के तहत, ऐसे मॉडल तैयार करने वाली कंपनियों को जोखिम आकलन कराना होगा, यूजर्स को स्पष्ट जानकारी मुहैया करानी होगी और ये सुनिश्चित करना होगा कि उनके उत्पाद जनता के बीच जारी होने से पहले कानून का पालन करें। अलगोरिदम के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले कंपनी डाटा को भी कुछ विशेष गुणवत्ता और पारदर्शिता मानकों पर खरा उतरना होगा।
 
सार्वजनिक स्थानों पर चेहरे की रियल-टाइम पहचान पर रोक लगाई जाएगी। हालांकि कानून पर अमल के लिए कुछ अपवाद भी रखे गए हैं। किसी व्यक्ति की नस्ल, धर्म या यौन रुझान का आकलन करने के लिए बायोमीट्रिक सूचना का इस्तेमाल करने वाली प्रणालियों और प्रिडेक्टिव पॉलिसिंग में भी एआई के इस्तेमाल पर रोक रहेगी।
 
कानून का उल्लंघन करने का दोषी पाए जाने पर कंपनियों को 75 लाख यूरो से लेकर साढ़े तीन करोड़ यूरो (82 लाख डॉलर से तीन करोड़ 82 लाख डॉलर) का जुर्माना देना होगा।
 
आगे क्या होगा?
एआई कानून को यूरोपीय संघ के प्रत्येक सदस्य देश से अनुमोदन की जरूरत है। अप्रैल में सभी सदस्यों की मुहर लग जाने की उम्मीद है। इस तरह ये कानून इस साल के आखिर तक अमल में आ जाएगा।
 
कानून के अधिकृत होने के 12 महीने बाद, चैटजीपीटी जैसे जेनरेटिव एआई मॉडलों से जुड़े नियम हरकत में आए जाएंगे। दो साल के भीतर कंपनियों को अधिकांश अन्य प्रावधानों का पालन करना शुरू कर देना होगा। कानून लागू होने के छह महीने बाद निषिद्ध एआई प्रणालियों पर बैन लगा दिया जाएगा।

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