2023 की इन अफवाहों में कितनी सच्चाई है?

DW
रविवार, 31 दिसंबर 2023 (09:05 IST)
काथरीन वेसोलोस्की
स्वीडन में सेक्स टूर्नामेंट का आयोजन हो रहा है, वोलोदिमीर जेलेंस्की बेली डांस कर रहे हैं, वगैरह-वगैरह। 2023 में इस तरह की कई फर्जी खबरें सामने आईं। डीडब्ल्यू के फैक्ट चेक में जानते हैं कि आखिर सच्चाई क्या है।
 
1. 5. नहीं, चिया यानी सब्जा के बीज से डायबिटीज का इलाज नहीं किया जा सकता
जैसे-जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल बढ़ रहा है वैसे-वैसे एआई की मदद से जेनरेट किए गए वीडियो की संख्या भी बढ़ती जा रही है। इन वीडियो में, सफेद लैब कोट और गले में स्टेथोस्कोप पहने डॉक्टर अक्सर स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह देते दिखाई देते हैं। हाल ही में इसी तरह का वीडियो वायरल हुआ था जिसमें एआई-जनरेटेड एक डॉक्टर ने दावा किया कि चिया के बीज से डायबिटीज को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।
 
जबकि सच्चाई यह है कि यह दावा और दावा करने वाला डॉक्टर दोनों ही फर्जी है। अध्ययनों के मुताबिक, चिया के बीज से शरीर पर बेहतर प्रभाव पड़ता है। कई हफ्तों तक तय मात्रा में चिया बीज खाने से टाइप 2 के डायबिटीज और हाइपरटेंशन वाले लोगों का ब्लड प्रेशर काफी कम पाया गया। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि चिया के बीज से न तो डायबिटीज नियंत्रित हो सकता है और न ही पूरी तरह खत्म हो सकता है।
 
2. नहीं, स्वीडन कोई सेक्स टूर्नामेंट आयोजित नहीं कर रहा है
जुलाई में दुनिया भर में ‘खबर' प्रसारित हुई कि स्वीडन ने सेक्स को खेल का दर्जा दे दिया है और वहां एक सेक्स टूर्नामेंट होने वाला है। कई अंतरराष्ट्रीय मीडिया आउटलेट्स ने भी इस पर खबर चलाई। इन मीडिया संस्थानों में भारत के सबसे प्रतिष्ठित समाचार पत्रों में से एक 'टाइम्स ऑफ इंडिया' भी शामिल है। एक रिपोर्ट में कहा गया कि स्वीडन एक टूर्नामेंट आयोजित करना चाहता था जिसमें प्रतिभागी दिन में छह घंटे तक एक-दूसरे के साथ सेक्स करेंगे और देखेंगे कि उनमें से कौन सबसे बेहतर प्रदर्शन कर रहा है।
 
डीडब्ल्यू के फैक्ट चेक से पता चला कि यह पूरी तरह फर्जी खबर थी। स्वीडन के प्रमुख दैनिक समाचार पत्रों में से एक ‘योटेबॉग्स पोस्टन' ने बताया था कि देश के कई स्ट्रिप क्लबों के मालिक द्रागन ब्रातिच चाहते थे कि सेक्स को खेल का दर्जा मिले। जनवरी 2023 में उन्होंने स्पोर्ट्स कंफेडरेशन की सदस्यता के लिए आवेदन किया था। हालांकि, स्वीडिश स्पोर्ट्स कंफेडरेशन ने डीडब्ल्यू से पुष्टि की थी कि एक शख्स था, जिसने दावा किया था कि कोई सेक्स फेडरेशन है और उसने सदस्यता के लिए आवेदन भी दिया, लेकिन मई में उसका आवेदन खारिज कर दिया गया।
 
3. नहीं, इस्तेमाल किए गए कंडोम को साफ करके नया बताकर बेचने वाली वायरल तस्वीर केन्या की नहीं थी
इस्तेमाल किए गए कंडोम की दर्जनों तस्वीरों वाली एक पोस्ट 2023 की शुरुआत में फेसबुक पर काफी तेजी से वायरल हुई थी। इस पोस्ट में दावा किया गया था कि केन्या के छह छात्रों को इस्तेमाल किए गए कंडोम को साफ करने और उन्हें नए के रूप में बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। 
 
हालांकि, रिवर्स इमेज सर्च से पता चला कि यह दावा पूरी तरह झूठा था। 2020 की एक खबर के मुताबिक, इस्तेमाल किए गए करीब 3,24,000 कंडोम को वाकई में साफ करके फिर से बेचा गया था लेकिन वियतनाम में, केन्या में नहीं। साथ ही, छह छात्रों ने नहीं, बल्कि एक छोटे कारखाने के कर्मचारियों ने ऐसा किया था।
 
4. सीने के अंदर जीवित कॉकरोच की कोई एक्स-रे तस्वीर नहीं है
मई 2023 में कई फेसबुक यूजर्स ने लिखा कि केन्या के सरकारी अस्पताल में एक मरीज का एक्स-रे किया गया, तो उसके सीने में जिंदा कॉकरोच मिला। हालांकि, रिवर्स इमेज सर्च से पता चला कि एक्स-रे वाली वह तस्वीर फर्जी थी। फोटो में छेड़छाड़ करके उसे बनाया गया था। एक्स-रे वाली मूल तस्वीर रेडियोलॉजी वेबसाइट पर प्रकाशित हुई थी, जिसमें कोई कॉकरोच नहीं था।
 
5. नहीं, यह वोलोदिमीर जेलेंस्की का बेली डांस नहीं है
फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद दोनों देशों को लेकर कई सारी अफवाहें और फर्जी खबरें ऑनलाइन प्लैटफॉर्म पर फैलाई गईं। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को बदनाम करने के लिए उन्हें कई बार निशाना बनाया गया। सितंबर महीने में एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ, जिसमें दिख रहा था कि जेलेंस्की शरीर पर पूरी तरह चिपके हुए सुनहरे कपड़े पहनकर बेली डांस कर रहे हैं। हालांकि, डीडब्ल्यू की जांच से पता चला कि यह फर्जी वीडियो था, जिसे डीपफेक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके तैयार किया गया था। इसमें एक डांसर के शरीर पर राष्ट्रपति जेलेंस्की का चेहरा लगाया गया था।

6. नहीं, जो बाइडेन ने डायपर नहीं पहना हुआ था
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की उम्र 81 साल हो चुकी है। इस बात की वजह से बार-बार यह दावा किया जाता है कि अब वह काफी बूढ़े हो चुके हैं और पद को संभालने की स्थिति में नहीं हैं। जून 2023 में कुछ देशों में एक फर्जी तस्वीर प्रसारित हुई थी, जिसमें वह फर्श पर घुटनों के बल बैठे हुए दिख रहे थे और उनकी पतलून से डायपर बाहर दिख रहा था।
 
हालांकि, रिवर्स इमेज सर्च से पता चला कि फोटो के साथ छेड़छाड़ की गई थी। बाइडेन उस महीने वाकई में अमेरिकी वायु सेना अकादमी समारोह में गिर गए थे, लेकिन घटना के कई वीडियो और तस्वीरों में डायपर का कोई सबूत नहीं दिखा।
 
7. नहीं, इस टिक टॉकर ने बिना सहमति के जन्म देने के मामले में कोई मुकदमा नहीं जीता
2022 में टिक टॉकर कास थियाज ने एक वीडियो बनाया था, जिसमें उसने दावा किया था कि वह अपने माता-पिता पर मुकदमा कर रही है कि उसे पैदा करने के लिए उसकी सहमति क्यों नहीं ली गई थी। जून 2022 के एक अन्य वीडियो में उसने यह मुकदमा जीतने की बात कही। नवंबर 2023 में उसने दावा किया कि उसके माता-पिता अब हर महीने उसे 5,000 डॉलर का हर्जाना देंगे। उस वीडियो को अब तक 35 लाख से अधिक बार देखा जा चुका है।
 
हालांकि, वीडियो पर किए गए कमेंट से पता चलता है कि कई यूजर्स उस पर विश्वास करते हैं, लेकिन थियाज की टिक टॉक प्रोफाइल से यह जानकारी मिलती है कि वह अपने खाते के जरिए व्यंग्य करती हैं।
 
8. नहीं, इस बात का कोई सबूत नहीं है कि 1955 में खोया हुआ अमेरिकी विमान 37 साल बाद फिर से सामने आया
फेसबुक पर वायरल एक पोस्ट में दावा किया गया कि 1955 में एक हवाई जहाज न्यूयॉर्क से उड़ा, लापता हो गया और 37 साल बाद मायामी, फ्लोरिडा में फिर से उतरा।
 
हालांकि, फ्रांस की समाचार एजेंसी एएफपी की फैक्ट-चेक टीम के शोध से पता चला कि इस बात का कोई सबूत नहीं है। अमेरिकी अधिकारियों के पास ऐसा कोई डेटा नहीं है जिससे पता चलता है कि 1955 में किसी हवाई जहाज ने न्यूयॉर्क से उड़ान भरी थी और गायब हो गया। यह कहानी मूल रूप से एक अमेरिकी टैब्लॉइड में प्रकाशित की गई थी जो अपनी काल्पनिक सामग्री के लिए जाना जाता है।
 
9. नहीं, ओशनगेट पनडुब्बी को खाली बरामद नहीं किया गया था
18 जून को पांच लोग ओशनगेट कंपनी की टाइटन नाम की पनडुब्बी में सवार होकर 1912 में डूब चुके टाइटैनिक जहाज के मलबे को देखने के लिए निकले थे। समुद्र की गहराई में उतरने के करीब पौने दो घंटे बाद उसका संपर्क टूट गया था। टाइटन में उसके पायलट समेत पांच लोग सवार थे। इसके बाद बड़े पैमाने पर बचाव अभियान शुरू हुआ, जिसने पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित किया।
 
इस दौरान सीएनएन के एक लेख का कथित स्क्रीनशॉट तेजी से वायरल हुआ, जिसमें दावा किया गया था कि टाइटन पनडुब्बी खाली पायी गई। हालांकि, डीडब्ल्यू की जांच में पाया गया कि यह स्क्रीनशॉट पूरी तरह फर्जी था।
 
स्क्रीनशॉट को बारीकी से देखने पर पता चला कि यह खबर सीएनएन के मौजूदा डिजाइन से मैच नहीं करती है। कथित कवर तस्वीर में ‘टाइटन' पनडुब्बी की जगह ‘साइक्लॉप्स' नामक एक अन्य पनडुब्बी दिखाई गई। साथ ही, उस लेख में कई तरह की गलतियां भी थीं।
 
10. नहीं, डिज्नी वर्ल्ड ने सिंड्रेला कासल को नहीं गिराया
डिज्नी के बारे में अफवाहें फैलना नई बात नहीं है। अक्सर ऐसा होता रहता है। नवंबर में एक वेबसाइट ने दावा किया कि फ्लोरिडा के ऑरलैंडो स्थित डिज्नी वर्ल्ड मनोरंजन पार्क में एक ही रात में सिंड्रेला के प्रसिद्ध कासल को तोड़ दिया गया। यह दावा एक टिक टॉक वीडियो से वायरल हुआ, जिसे 10 लाख से ज्यादा बार देखा गया।
 
हालांकि, वेबसाइट पर दी गई कानूनी जानकारी से पता चलता है कि लेख और वीडियो दोनों ही व्यंग्य थे। मनोरंजन पार्क की हाल में खिंची गई तस्वीरों में यह कासल अपनी जगह पर खड़ा दिख रहा है।
नहीं, यह वोलोदिमीर जेलेंस्की का बेली डांस नहीं है
फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद दोनों देशों को लेकर कई सारी अफवाहें और फर्जी खबरें ऑनलाइन प्लैटफॉर्म पर फैलाई गईं। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को बदनाम करने के लिए उन्हें कई बार निशाना बनाया गया। सितंबर महीने में एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ, जिसमें दिख रहा था कि जेलेंस्की शरीर पर पूरी तरह चिपके हुए सुनहरे कपड़े पहनकर बेली डांस कर रहे हैं। हालांकि, डीडब्ल्यू की जांच से पता चला कि यह फर्जी वीडियो था, जिसे डीपफेक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके तैयार किया गया था। इसमें एक डांसर के शरीर पर राष्ट्रपति जेलेंस्की का चेहरा लगाया गया था।

सम्बंधित जानकारी

साइबर फ्रॉड से रहें सावधान! कहीं digital arrest के न हों जाएं शिकार

भारत: समय पर जनगणना क्यों जरूरी है

भारत तेजी से बन रहा है हथियार निर्यातक

अफ्रीका को क्यों लुभाना चाहता है चीन

रूस-यूक्रेन युद्ध से भारतीय शहर में क्यों बढ़ी आत्महत्याएं

25 नवंबर से संसद का शीतकालीन सत्र, 16 विधेयक पेश करने की तैयारी, वक्फ बिल पर सबकी नजर, अडाणी मामले पर हंगामे के आसार

असम के CM हिमंत का बड़ा फैसला, करीमगंज जिले का बदला नाम

Share Bazaar में भारी गिरावट, निवेशकों के डूबे 5.27 लाख करोड़ रुपए

अगला लेख