एक नई रिपोर्ट से पता चला है कि दुनिया की 30 सबसे बड़ी खाद्य और पेय निर्माता कंपनियां भारत जैसे कम आय वाले देशों में ऐसे उत्पाद बेचती हैं जो लोगों को स्वास्थ्य पर बुरा असर डालते हैं।
नीदरलैंड्स स्थित गैर लाभकारी संगठन 'एक्सेस टू न्यूट्रिशन इनिशिएटिव' (एटीएनआई) ने नेस्ले, यूनिलीवर और पेप्सिको जैसी बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के 52,000 से ज्यादा उत्पादों का मूल्यांकन करने के बाद हाल ही में यह रिपोर्ट जारी की है।
हेल्थ स्टार रेटिंग प्रणाली
एटीएनआई द्वारा प्रकाशित यह पांचवां सूचकांक है, जो अब तक का सबसे बड़ा मूल्यांकन है। संगठन ने उत्पादों की गुणवत्ता की जांच के लिए ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में विकसित हेल्थ स्टार रेटिंग (एचएसआर) प्रणाली का उपयोग करके कुल 52,414 उत्पादों का विश्लेषण किया।
इस रेटिंग में पाया गया कि भारत जैसे कम आय वाले देशों में जो खाद्य और पेय उत्पाद बेचे जा रहे थे, उनकी रेटिंग उच्च आय वाले देशों में बेचे जा रहे उत्पादों की तुलना में कम थी।
कम आय वाले देशों में इन कंपनियों को 5 में से 1.8 की रेटिंग और उच्च आय वाले देशों में इन्हें 2.3 की रेटिंग दी गई। जिन उत्पादों को 3.5 से ज्यादा स्कोर मिलता है, उन्हें स्वास्थ्य के लिए बेहतर माना जाता।
कम आय वाले देशों में मोटापे से क्या संबंध
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दुनिया भर में एक अरब से ज्यादा लोग मोटापे का शिकार हैं। विश्व बैंक के अनुसार, इस आबादी का 70 फीसदी हिस्सा कम और मध्यम आय वाले देशों में पाया जाता है।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स से बात करते हुए एटीएनआई के शोध निदेशक मार्क विजने ने कहा, "यह बिल्कुल साफ है कि ये कंपनियां दुनिया के सबसे गरीब देशों में जो उत्पाद बेच रही हैं वो स्वास्थ्य के लिहाज से बिल्कुल भी ठीक नहीं हैं। " उन्होंने ऐसे देशों की सरकारों को ज्यादा सचेत रहने की बात कही।
नेस्ले के प्रवक्ता ने ईमेल से दिए जवाब में बताया, "हमने पौष्टिक खाद्य पदार्थों की बिक्री बढ़ाने के साथ-साथ लोगों को संतुलित आहार की तरफ ले जाने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि नेस्ले विकासशील देशों में पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने में सहयोग करने के लिए तत्पर है। "
पेप्सिको के प्रवक्ता ने इस मामले पर समाचार एजेंसी रॉयटर्स के सवालों का जवाब देने से इनकार कर दिया।