शाकाहार से एक कदम आगे जा चुका है जर्मनी

Webdunia
शनिवार, 24 दिसंबर 2016 (11:22 IST)
यूरोप घूमने आने वाले वेजीटेरियन लोगों के मन कई बार यह बात आती होगी कि पता नहीं वहां शाकाहारी खाना मिलेगा या नहीं। लेकिन अब कोई समस्या नहीं है।
यूरोप में शाकाहारी ही नहीं ऐसे शुद्ध वीगन खाने की भी यहां कोई कमी नहीं है, जिनमें जानवरों से मिलने वाली किसी चीज का इस्तेमाल नहीं किया गया है। खुद को ट्रेंडी वीगन कहने वाले दो फैशन ब्लॉगर्स तो एक वीगन फास्ट फूड रेस्तरां चलाते हैं, जहां खूब भीड़ रहती है।

डैंडी डाइनर पूरी तरह से वीगन फास्ट फूड रेस्तरां है। इसकी शुरुआत दो फैशन ब्लॉगरों याकोब हाउप्ट और डाविड रोथ ने की। याकोब हाउप्ट कहते हैं, "आप खुद को पहनावे से दिखाते हैं, कि किस ब्रांड का कपड़ा पहन रहे हैं। और आप अपने को इससे दिखाते हैं कि आप क्या खा रहे हैं, क्या नहीं खा रहे हैं। खाने के मामले में वीगन होना इस समय मेगाट्रेंड बन है और अब हम वीगन फास्टफूड के राजा हैं।"
 
ट्रेंड्स के लिए अपनी समझ को उन्होंने अपना बिजनेस मॉडल बना लिया। अपने वेबपेज पर वे सालों से मर्दों के फैशन पर ब्लॉग लिखते हैं। दोनों ही पशुओं से जुड़ी हर चीज से परहेज करते हैं। उनका फास्टफूड रेस्तरां इस समय पूरी तरह फैशन में है।
 
वीगन अर्थव्यवस्था इस समय जर्मनी में जोरों पर है। सोया की कॉफी और बगैर अंडे का केक बेचने वाले कॉफी हाउसों की बर्लिन में भरमार हो गई है। अब तो ऐसे कपड़ों की भी मांग बढ़ गई है जिसमें किसी भी तरह के पशु उत्पाद का इस्तेमाल नहीं हुआ है। चाहे वह बेल्ट हो या जूता। इनमें भी माइक्रोफाइबर का इस्तेमाल होता है। सर्विस सेक्टर ने भी इस ट्रेंड को अपना लिया है।
 
आन्या राइषर्ट ने वीगन लोगों के लिए पहला सैलून बनाने में हाथ बंटाया है। इस सैलून में कुर्सी और सोफे से लेकर साबुन, शैंपू और क्रीम किसी में पशु उत्पाद का इस्तेमाल नहीं हुआ है। राइषर्ट कहती हैं, "यदि आप किसी दूसरी जगह हों तो अक्सर पूछा जाता है कि शैम्पू में क्या है। ज्यादातर लोगों को कुछ पता नहीं है। वे भीगे बालों के साथ सैलून में जाते हैं, बाल कटवाते हैं और फिर चले जाते हैं। वे जब यहां आते हैं तो उन्हें पता होता है कि उनका वीगन ड्रिंक के साथ स्वागत होगा।"
 
वीगन जिंदगी जीना पिछले सालों में बहुत आसान हो गया है। दुनिया के पहले वीगन सुपरमार्केट के रैक्स, वैकल्पिक मीट व मिल्क प्रोडक्ट से भरे पड़े हैं, सोया कर्ड से लेकर टोफू सलामी तक। पहली दुकान 2011 में खुली थी। अब यूरोप में दस दुकानें हैं।
 
- वीके/एके
Show comments

अभिजीत गंगोपाध्याय के राजनीति में उतरने पर क्यों छिड़ी बहस

दुनिया में हर आठवां इंसान मोटापे की चपेट में

कुशल कामगारों के लिए जर्मनी आना हुआ और आसान

पुतिन ने पश्चिमी देशों को दी परमाणु युद्ध की चेतावनी

जब सर्वशक्तिमान स्टालिन तिल-तिल कर मरा

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

अगला लेख