रिपोर्ट चारु कार्तिकेय
भारत में कोरोनावायरस महामारी के फैलने के 9 महीनों बाद केंद्र सरकार ने पहली बार माना है कि देश के कुछ हिस्सों में इसका सामुदायिक प्रसार होने का अंदेशा है।
रविवार 18 अक्टूबर को केंद्र सरकार ने देश में कोरोनावायरस के प्रसार से संबंधित कुछ अच्छी खबर भी दी और कुछ बुरी भी। केंद्र सरकार द्वारा जून में बनाए गए विशेषज्ञों के एक पैनल ने बताया कि देश महामारी के चरम स्थान को पार कर चुका है और अगर बचाव के पर्याप्त कदमों में कोई ढील न दी जाए तो अब यहां से स्थिति में लगातार सुधार ही नजर आएगा। हालांकि समिति ने संक्रमण के मामलों के कम होने के कारण नहीं बताए।
समिति ने यहां तक कहा कि अगर पूरे प्रोटोकॉल का पालन किया गया तो देश फरवरी 2021 के अंत तक महामारी के प्रसार को रोकने में सफल हो जाएगा। हालांकि समिति ने चेतावनी भी दी कि आने वाले त्योहारों और सर्दियों के मौसम की वजह से और ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि अगर लापरवाही हुई तो आने वाले महीनों में संक्रमण के मामले गंभीर रूप से बढ़ सकते हैं। समिति के अनुसार ऐसा होने पर एक महीने में संक्रमण के 26 लाख से भी ज्यादा नए मामले सामने आ सकते हैं।
दुर्गा पूजा और दशहरा जैसे त्योहारों की तैयारियों के बीच, सावधान रहने की यह चेतावनी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने भी दोहराई। उन्होंने कहा कि केरल में ओणम के समय लापरवाही हुई और उसकी वजह से राज्य में संक्रमण के मामले बढ़ गए। उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों के केरल में जो हुआ उससे सबक लेना चाहिए।
दुर्गा पूजा और दशहरा जैसे त्योहारों की तैयारियों के बीच केंद्र सरकार द्वारा जून में बनाए गए विशेषज्ञों के एक पैनल ने चेतावनी दी है त्योहारों और सर्दियों के मौसम में अगर लापरवाही हुई तो 1 महीने में संक्रमण के 26 लाख से भी ज्यादा नए मामले सामने आ सकते हैं।
सामुदायिक प्रसार की आशंका
सामुदायिक प्रसार पर पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में हर्षवर्धन ने सरकार की तरफ से यह पहली बार माना कि देश के कुछ हिस्सों में संक्रमण के सामुदायिक प्रसार के होने की आशंका है। उन्होंने कहा कि इसकी आशंका कई राज्यों के कुछ जिलों में देखी गई है, लेकिन उन्होंने नाम सिर्फ पश्चिम बंगाल का लिया। इसके पहले कई बार सरकार से देश में सामुदायिक प्रसार के बारे में पूछा गया है लेकिन सरकार ने हमेशा उससे इंकार किया है।
केरल और दिल्ली की सरकारें इससे पहले सामुदायिक प्रसार की आशंका व्यक्त कर चुकी हैं। सामुदायिक प्रसार महामारी के फैलने का वो चरण होता है जब संक्रमण लोगों के बीच तेज गति से फैलने लगता है और संक्रमण के मूल स्त्रोत का पता लगाना मुश्किल हो जाता है। विशेषज्ञ समिति ने भी यह माना है कि इस समय देश में 30 प्रतिशत लोगों में कोविड-19 के एंटीबॉडी होने की आशंका है। इसका मतलब है लगभग 40 करोड़ लोगों के संक्रमित हो जाने की आशंका व्यक्त की जा रही है, जबकि संक्रमण के कुल मामलों का आधिकारिक आंकड़ा सिर्फ 75 लाख के आसपास है।