दुनिया के लिए कितना जरूरी है रूसी टाइटेनियम?

DW
शनिवार, 5 मार्च 2022 (08:05 IST)
रूस पर लगाए गए तमाम आर्थिक प्रतिबंधों के पूरी दुनिया पर दूरगामी प्रभाव पड़ सकते हैं। इसकी मुख्य वजह है विमानन, समुद्री और कार उद्योगों में इस्तेमाल किया जाने वाला रूसी कच्चा माल।
 
यूक्रेन पर हमला करने के बाद अमेरिका और यूरोप ने रूसी बैंकों, रूसी रईसों और अन्य संस्थाओं पर वित्तीय प्रतिबंध लगाए हैं। हालांकि रूसी कमोडिटी निर्यातक वीएसएमपीओ-एवीआईएसएमए (VSMPO-Avisma) पर अभी तक कोई प्रतिबंध नहीं लगा है, जो विमान निर्माता कंपनी बोइंग और एयरबस को टाइटेनियम की आपूर्ति करता है।
 
एयरबस ने कहा है कि वह अपनी आधी टाइटेनियम मांग के लिए रूस पर निर्भर है, जबकि एक अमेरिकी उद्योग सूत्र ने कहा कि वीएसएमपीओ-एवीआईएसएमए बोइंग की जरूरतों का एक तिहाई मुहैया कराता है। इस बीच कुछ रूसी बैंकों को वैश्विक वित्तीय प्रणाली स्विफ्ट से भी अलग कर दिया है। यह कदम टाइटेनियम सहित कई रूसी निर्यातों की आपूर्ति को भी प्रभावित कर सकता है। 
 
टाइटेनियम का उत्पादन कहां होता है?
टाइटेनियम स्पंज कीमती धातु टाइटेनियम खनिज कणों से बनता है और इसका इस्तेमाल कई उद्योगों में किया जाता है। चीन इस समय दुनिया में टाइटेनियम स्पंज का सबसे बड़ा उत्पादक है। यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक पिछले साल वैश्विक टाइटेनियम उत्पादन 2,10,000 टन था, जिसमें चीन का 57 प्रतिशत हिस्सा था। जापान 17 फीसदी के साथ दूसरे और रूस 13 फीसदी के साथ तीसरे स्थान पर था। पिछले साल कजाखस्तान ने 16,000 टन और यूक्रेन ने 3,700 टन का उत्पादन किया था। 
 
ये आंकड़े बताते हैं कि रूस का टाइटेनियम भंडार बहुत बड़ा नहीं है। लेकिन वह इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यूएसजीएस का कहना है, "2021 में यूक्रेन टाइटेनियम खनिज का प्रमुख स्रोत था, जिसे रूस में आयात किया गया था।" वियतनाम और मोजाम्बिक समेत कुछ अन्य देशों में भी यह खनिज संपदा है।
 
यूएसजीएस का अनुमान है कि यूक्रेन ने पिछले साल 5,25,000 टन टाइटेनियम खनिज सांद्र का उत्पादन किया था।
 
टाइटेनियम के प्रमुख आयातक
आयात और निर्यात कंसल्टेंसी सीआरयू का कहना है कि चीन टाइटेनियम का दुनिया का सबसे बड़ा खरीदार है, जिसने पिछले साल 16,000 टन से अधिक टाइटेनियम स्पंज खरीदा। अमेरिका ने 2020 में 19,000 टन ऐसे स्पंज का आयात किया, लेकिन एक साल बाद यह आयात घटकर 16,000 टन हो गया। 
 
जापान, चीन और अमेरिका को सबसे अधिक टाइटेनियम स्पंज निर्यात करता है। सीआरयू के मुताबिक कोरोना महामारी के बाद निर्माण और विमानन उद्योगों में हालिया सुधार ने टाइटेनियम स्पंज की कीमत बढ़ा दी है।
 
इस धातु का इस्तेमाल मुख्य रूप से एयरोस्पेस उद्योग में किया जाता है। विमान के लैंडिंग गियर और विमान के ब्लेड के अलावा, इसका उपयोग टर्बाइनों के निर्माण में भी किया जाता है। समुद्री उद्योग में टाइटेनियम शीट का इस्तेमाल जहाज और पनडुब्बियां बनाने के लिए किया जाता है और ऑटो क्षेत्र में इसे इंटरनल कंबशन इंजन के पुर्जे तैयार करने के लिए किया जाता है।
 
धातु की रक्षा के अलावा यह तापमान को नियंत्रित करने में भी मदद करता है। इसका इस्तेमाल मानव जोड़ों के लिए कृत्रिम विकल्प के निर्माण और दंत प्रत्यारोपण में भी किया जाता है।
 
एए/ओएसजे (रॉयटर्स)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

अभिजीत गंगोपाध्याय के राजनीति में उतरने पर क्यों छिड़ी बहस

दुनिया में हर आठवां इंसान मोटापे की चपेट में

कुशल कामगारों के लिए जर्मनी आना हुआ और आसान

पुतिन ने पश्चिमी देशों को दी परमाणु युद्ध की चेतावनी

जब सर्वशक्तिमान स्टालिन तिल-तिल कर मरा

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

अगला लेख