रिपोर्ट चारु कार्तिकेय
रविवार, 17 जनवरी 2021 तक देश में 2,24,301 प्रथम पंक्ति के कार्यकर्ताओं को कोविड-19 के खिलाफ टीका लग चुका लग था। उत्तरप्रदेश में टीका लेने के बाद एक सरकारी अस्पताल के कर्मचारी की मृत्यु हो गई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि दुष्प्रभाव के अधिकतर मामले दर्द, सूजन, हल्का बुखार, बदन दर्द, मतली, चक्कर आना और त्वचा पर दाने आना जैसी एलर्जी संबंधी प्रतिक्रियाओं तक सीमित हैं। हालांकि जिन 447 लोगों को दुष्प्रभाव हुए, उनमें से 3 को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ गई। बाद में उनमें से 2 को अस्पताल से छुट्टी भी मिल गई, लेकिन 1 व्यक्ति अभी भी ऋषिकेश एम्स अस्पताल में डॉक्टरों की निगरानी है।
लेकिन उत्तरप्रदेश के मुरादाबाद में एक सरकारी अस्पताल के एक कर्मचारी की टीका लगने के 24 घंटों बाद मृत्यु हो गई। जिले के मुख्य मेडिकल अधिकारी (सीएमओ) ने कहा है कि 46 वर्षीय अस्पताल कर्मचारी महिपाल सिंह की मृत्यु का टीके से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने बताया कि महिपाल को शनिवार को टीका लगाया गया था और रविवार को उन्हें सांस फूलने और सीने में जकड़न की शिकायत हुई और कुछ समय बाद उनकी मौत हो गई।
मीडिया में आई रिपोर्टों के अनुसार सीएमओ ने कहा है कि महिपाल के निधन का कोविड-19 के टीके से कोई संबंध लग नहीं रहा है और आगे की जानकारी उनकी पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने पर दी जाएगी। इसके अलावा भारत बायोटेक की कोवैक्सिन को लेकर विवाद बना हुआ है। मीडिया में आई रिपोर्टों में बताया जा रहा है कि कोवैक्सीन लेने से पहले जिस स्वीकृति पत्र पर हस्ताक्षर करना पड़ता है, उस पर स्पष्ट लिखा हुआ है कि यह एक क्लिनिकल ट्रॉयल है और इसी वजह से लोगों में इस टीके को लेकर संशय बना हुआ है।
केंद्र सरकार के अस्पतालों में इस समय कोवैक्सीन ही दी जा रही है। दिल्ली स्थित केंद्रीय अस्पताल राम मनोहर लोहिया अस्पताल के रेजीडेंट डॉक्टरों के संगठन ने अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट को चिट्ठी लिखकर कहा है कि चूंकि कोवैक्सीन का परीक्षण अभी तक पूरा नहीं हुआ है और इस वजह से उसे लेने को लेकर अस्पताल के रेजीडेंट डॉक्टरों को इस टीके को लेकर आशंकाएं हैं। इसलिए उन्होंने मांग की है कि उन्हें कोवैक्सीन की जगह सीरम इंस्टीट्यूट का टीका कोविशील्ड दिया जाए।
हालांकि उनकी इस मांग पर अस्पताल ने अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है। देश में टीकाकरण तय कार्यक्रम के तहत आगे बढ़ रहा है। सभी राज्यों को सप्ताह में कम से कम 4 दिन टीकाकरण करने के लिए कहा गया है ताकि अस्पतालों की सेवाएं भी बाधित न हों।