अमेरिका: 11 यहूदियों को मारने वाले को मौत की सजा

DW
शुक्रवार, 4 अगस्त 2023 (09:18 IST)
America: अमेरिका के इतिहास के सबसे घातक यहूदी विरोधी हमलावर को मौत की सजा होगी। 2018 में हमलावर ने पिट्सबर्ग में यहूदी समुदाय के 11 उपासकों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। 50 वर्षीय रॉबर्ट बोवर्स पर 2018 में ट्री ऑफ लाइफ सिनेगॉग में नरसंहार की व्यवस्थित योजना बनाने और उसे अंजाम देने का आरोप साबित हुआ है। दो अगस्त को जूरी ने अपना फैसला सुनाया।
 
बोवर्स ने 5 पुलिसकर्मियों और 2 उपासकों को घायल भी कर दिया था। हमले के वक्त यहूदी मंडलियोंके सदस्य सब्त की पूजा और अध्ययन के लिए जमा हुए थे।
 
नफरत से प्रेरित हमला
 
बोवर्स को यहूदियों के प्रति ऑनलाइन घृणा फैलाने और श्वेत वर्चस्ववादी मान्यताओं को बढ़ावा देने का भी दोषी पाया गया। उसे संघीय जूरी ने 63 आपराधिक मामलों में भी दोषी ठहराया और हमले के लिए मौत की सजा दी। अब एक जज आधिकारिक रूप से सजा सुनाएंगे। जूरी सदस्यों ने पाया कि बोवर्स का हमला यहूदियों के प्रति उसकी नफरत से प्रेरित था। इसके लिए उसने अमेरिका में सबसे बड़े और सबसे ऐतिहासिक यहूदी समुदायों में से एक स्थान ट्री ऑफ लाइफ को चुना।
 
यहां वह ज्यादा से ज्यादा तबाही कर सकता था। साथ ही, स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीययहूदी समुदायों के भीतर भय पैदाकरना चाहता था। जूरी ने पाया कि इसके लिए बोवर्स में पश्चाताप भी नहीं है। उसने केवल तभी आत्मसमर्पण कर दिया जब उसका गोला-बारूद खत्म हो गया।
 
फैसले के बाद एक प्रेस कांफ्रेंस में, ट्री ऑफ लाइफ कांग्रेगेशन पर हमले में जीवित बचे रब्बी जेफरी मायर्स ने हिब्रू कैलेंडर में "प्यार के दिन" पर फैसले के समय को महत्व दिया।
 
पीड़ित सजा से सहमत
 
उन्होंने कहा कि जूरी का फैसला बिना किसी डर के यहूदी धर्म का पालन करने के उनके अधिकार का समर्थन  करता है। हमले में मारी गईं रोज मॉलिंगर और उनकी घायल बेटी एंड्रिया वेडनर के परिवार ने जूरी सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि उन्हें न्याय मिला है।
 
लगभग हर पीड़ित परिवार ने दोषी के लिए मौत ही उचित सजा माना था। न्यू लाइट कांग्रेगेशन के सह-अध्यक्ष, स्टीफन कोहेन और बारबरा कैपलान ने कहा कि कई सदस्य शूटर को आजीवन कारावास देने के पक्ष में हैं, बदला लेने के बारे में सवाल उठाते हैं और यह भी पूछते हैं कि क्या उसकी मौत से खोए हुए जीवन की भरपाई होगी!
 
हालांकि उन्होंने कहा कि एक मण्डली के रूप में, वे जूरी के फैसले को स्वीकार करते हैं। बोवर्स के प्रमुख बचाव वकील जूडी क्लार्क ने टिप्पणी नहीं करने का फैसला किया।
 
बचाव पक्ष की दलील
 
बोवर्स के वकीलों ने दावा किया कि उसे स्किजोफ्रेनिया नाम की गंभीर मानसिक बीमारी थी, उसने यह सब भ्रम में किया और उसे यह लगा कि यहूदी श्वेत लोगों के नरसंहार में मदद कर रहे थे।
 
उन्होंने तर्क दिया कि मानसिक बीमारी ने बोवर्स को ऑनलाइन मिलने वाले चरमपंथी विचारों से प्रभावित होने के प्रति अधिक संवेदनशील बना दिया। अभियोजन पक्ष ने इस बात से इंकार किया कि मानसिक बीमारी का इससे कोई लेना-देना है। उसने सब होश में किया।
 
राष्ट्रपति बाइडेन के शासन में आने के बाद यह पहला मृत्युदंड है। उन्होंने 2020 में इसे खत्म करने के की बात कही थी। बाइडेन के न्याय विभाग ने संघीय मृत्युदंड पर रोक लगा दी है। साथ ही, सैकड़ों नए मामलों में मौत की सजा को अधिकृत करने से इंकार कर दिया है।
 
लेकिन संघीय अभियोजकों ने मुख्य रूप से बुजुर्ग पीड़ितों की असुरक्षा और एक धार्मिक समुदाय को नफरत के आधार पर निशाना बनाने का हवाला देते हुए कहा कि बोवर्स के लिए मौत ही उचित सजा थी।
 
-पीवाई/सीके (एपी)
 
Edited by: Ravindra Gupta

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरूर पढ़ें

हिमालय में बर्फ की कमी से आ सकता है जल संकट

अमेरिका ने चलाया चीन विरोधी वैक्सीन प्रोपेगैंडा: रॉयटर्स

स्विट्जरलैंड में शुरू हुआ यूक्रेन के लिए शांति सम्मेलन

मुंबई की प्यास बुझाने वाले गांव अब पानी को तरस रहे

बिना गड़बड़ी के क्यों नहीं हो रही हैं प्रतियोगी परीक्षाएं

सभी देखें

समाचार

टीम इंडिया को वानखेड़े में किया गया सम्मानित, BCCI ने दिए 125 करोड़ रुपए, मुंबई की सड़कों पर उमड़ा जनसैलाब

परिवार से मिल सकेगा अमृतपाल सिंह, दिल्ली से बाहर जाने की अनुमति नहीं

Jio 25331 करोड़ के AGR के साथ शीर्ष पर, Airtel की सबसे तेज वृद्धि

अगला लेख
More