भारत में ओमिक्रॉन से संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं जिसकी वजह से जानकार लोगों को पूरी सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं। दुनिया में भी कोरोना वायरस का यह नया वेरिएंट नए नए देशों में फैलता जा रहा है।
भारत में अभी तक ओमिक्रॉन से संक्रमण के 23 मामलों की पुष्टि हो गई है। इनमें से नौ मामले राजस्थान में, 10 महाराष्ट्र में, 2 कर्नाटक में हैं और दिल्ली और गुजरात में एक एक मामला है।
और भी कोविड पॉजिटिव लोगों पर ओमिक्रॉन से ही संक्रमित होने का संदेह है लेकिन इनके सैंपलों की जेनेटिक जांच के नतीजे अभी आए नहीं हैं। दिल्ली में तो पिछले 24 घंटों में जांच किए गए सैंपलों में आई कमी के बावजूद संक्रमण के मामले बढ़ गए।
टीका लेना जरूरी
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने एक ट्वीट में सबसे टीका लेने की और मास्क पहनने की अपील की।
केंद्र सरकार के ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश के 94 करोड़ वयस्क नागरिकों में से करीब 51 प्रतिशत को कोरोना वायरस के खिलाफ टीके के दोनों डोज लग चुके हैं। इसके अलावा करीब 85 प्रतिशत वयस्क नागरिकों को कम से कम एक डोज लग चुकी है।
ओमिक्रॉन के अधिकांश मामले ऐसे लोगों में सामने आए हैं जो हाल ही में विदेश यात्रा से लौटे थे। हालांकि कर्नाटक में एक डॉक्टर को भी संक्रमण हुआ है और वो कहीं भी नहीं गए थे। डॉक्टरों का कहना है कि नया वेरिएंट का स्थानीय आबादी में फैलना शुरू हो चुका है।
सर्जन अरविंदर सिंह सोइन ने ट्विटर पर लिखा, "ओमिक्रॉन यहां आ चुका है, इसका सामुदायिक प्रसार शुरू हो चुका है।
दुनिया के और भी कई देशों में अब ओमिक्रॉन के पहले मामलों की पुष्टि हो चुकी है। इनमें नेपाल, जापान, थाईलैंड, रूस, क्रोएशिया, अर्जेंटीना आदि देश शामिल हैं। ओमिक्रॉन के मामले सबसे पहले पकड़ने वाले देश दक्षिण अफ्रीका में रोजाना सामने आने वाले मामलों में पांच गुना उछाल आई है।
सभी एहतियात बरतें
जहां करीब 15 दिनों पहले जांच किए जाने वाले हर 100 सैंपलों में से सिर्फ दो पॉजिटिव आ रहे थे, वहीं अब करीब 25 पॉजिटिव आ रहे हैं। राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने कहा है कि संक्रमण की यह दर देश में पहले कभी नहीं देखी गई।
हालांकि संक्रमण से मरने वालों की संख्या में कोई नाटकीय बढ़ोतरी अभी तक नहीं देखी गई हैं। रामाफोसा ने सभी देशवासियों को टीका लेने की अपील की है। अभी तक देश की कुल आबादी में से करीब 25 प्रतिशत लोगों का ही टीकाकरण पूरा हुआ है।
इस बीच ऑक्सफोर्ड/ऐस्ट्राजेनेका टीके को बनाने वाले टीम की मुख्य वैज्ञानिक सारा गिल्बर्ट ने कहा है लोगों को सावधान रहने की अपील की है। गिल्बर्ट ने कहा, "जब तक हमें और जानकारी नहीं मिल जाती हमें और सावधान रहना चाहिए और इस नए वेरिएंट के प्रसार की गति को कम करने के लिए कदम उठाने चाहिए।"
हालांकि उन्होंने यह भी बताया कि जरूरी नहीं है कि संक्रमण और कम हल्की बीमारी के खिलाफ सुरक्षा में कमी आने से गंभीर बीमारी और मृत्यु के खिलाफ सुरक्षा में भी कमी आ जाएगी।