Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

पाकिस्तान के पंजाब में लगा कौमार्य परीक्षण पर बैन

हमें फॉलो करें पाकिस्तान के पंजाब में लगा कौमार्य परीक्षण पर बैन

DW

, मंगलवार, 5 जनवरी 2021 (18:06 IST)
पाकिस्तान में लाहौर हाई कोर्ट ने पंजाब प्रांत में बलात्कार पीड़ितों के कौमार्य परीक्षण पर प्रतिबंध लगा दिया है। एक्टिविस्टों को उम्मीद है की जल्द यह प्रतिबंध पूरे देश में लागू होगा और बलात्कार पीड़ितों को थोड़ी राहत मिलेगी।
 
बलात्कार पीड़ितों का कौमार्य परीक्षण का इस्तेमाल पाकिस्तान में महिला की तथाकथित प्रतिष्ठा के मूल्यांकन के लिए लंबे समय से होता रहा है। इसमें 'दो उंगलियों वाला टेस्ट' भी शामिल है। कौमार्य परीक्षण के आलोचकों ने परीक्षण को बैन करवाने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दी थी।
विश्व स्वास्थ्य संगठन पहले ही कह चुका है कि इस तरह के परीक्षण की कोई वैज्ञानिक उपयोगिता नहीं होती और इससे बलात्कार पीड़ितों के मानवाधिकारों का उल्लंघन होता है। कौमार्य परीक्षण को अवैध बताते हुए लाहौर हाई कोर्ट ने कहा कि यह पीड़िता की व्यक्तिगत मर्यादा को चोट पहुंचाता है और इस वजह से यह जीने के अधिकार और मर्यादा के अधिकार के खिलाफ है।
 
इस तरह के परीक्षण के पैरोकार दावा करते हैं कि इससे महिला की यौन गतिविधियों के इतिहास का पता लगाया जा सकता है। इस तरह के नतीजों का इस्तेमाल अक्सर बलात्कार पीड़ितों को बदनाम करने के लिए किया जाता है। पाकिस्तानी समाज का अधिकांश हिस्सा प्रतिष्ठा की एक दमनकारी व्यवस्था के तहत काम करता है जिसमें बलात्कार पीड़ितों को सामाजिक लांछनों का सामना करना पड़ता है और बड़ी संख्या में महिलाओं पर हिंसक हमलों की पुलिस से शिकायत भी नहीं की जाती।
 
जिस याचिका पर अदालत ने यह फैसला दिया, उसे दायर करने वाले वकीलों ने एक बयान जारी कर कहा कि यह फैसला तहकीकात संबंधी और न्यायिक प्रक्रियाओं को सुधारने और उन्हें यौन हमले और बलात्कार के पीड़ितों के प्रति और न्यायपूर्ण बनाने की दिशा में एक अतिआवश्यक कदम है।
 
इससे पहले पाकिस्तान के राष्ट्रपति ने दिसंबर में दो उंगलियों वाले टेस्ट पर बैन लगा दिया था। यह कदम एक नए बलात्कार विरोधी कानून के तहत उठाया गया था। इस पर तो इस नए कानून के तहत प्रतिबंध लग गया है लेकिन योनिच्छद या हाईमन में खरोंचें और चोट के निशानों की दृश्य जांच की अनुमति अब भी है।
 
लाहौर हाई कोर्ट के फैसले से पंजाब प्रांत में हर तरह का कौमार्य परीक्षण प्रतिबंधित हो गया है और यह पाकिस्तान में इस तरह का पहला आदेश है। इसी तरह के एक और मामले पर सिंध हाई कोर्ट में भी सुनवाई चल रही है और महिला अधिकार एक्टिविस्टों को उम्मीद है कि लाहौर हाई कोर्ट का फैसला देशव्यापी प्रतिबंध के लिए मिसाल बनेगा। भारत में दो उंगलियों वाली जांच को 2013 में ही और बांग्लादेश में 2018 में बैन कर दिया गया था।
 
सीके/एए (एएफपी)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

अमेरिका के किसानों को कॉन्ट्रैक्ट फ़ार्मिंग से फ़ायदा हुआ या नुक़सान?