विदेशी कैदियों के लिए बंगाल में बनेगा सेफ हाउस

Webdunia
शनिवार, 2 नवंबर 2019 (12:34 IST)
पश्चिम बंगाल सरकार ने देश में पहली बार विदेशी कैदियों के लिए 2 सेफ हाउस यानी सुरक्षित आवास बनाने का फैसला किया है। यहां उन विदेशी कैदियों को रखा जाएगा जिनकी सजा पूरी हो चुकी है लेकिन जो अब भी जेल में हैं।
 
दमदम जेल
 
प्रस्तावित आवासों में एक बांग्लादेशी कैदियों के लिए होगा और दूसरा बाकी देशों के कैदियों के लिए। भारतीय जेलों में बंद विदेशी कैदियों में से 52 फीसदी बंगाल में ही हैं। इनमें से भी 55 फीसदी बांग्लादेशी हैं। इस बीच, बंगाल में बांग्लादेशी कैदियों की भारी तादाद को ध्यान में रखते हुए बीजेपी ने घुसपैठ की दलील देते हुए राज्य में एक बार फिर एनआरसी की आवाज उठाई है। इसके लिए पार्टी ने नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) के ताजा आंकड़ों का सहारा लिया है।
 
सेफ हाउस 
 
भारत में ऐसे सेफ हाउस की अवधारणा नई है। पश्चिम बंगाल की जेलों में क्षमता से ज्यादा कैदी होने की वजह से सरकार को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। भीड़भरी जेलों में विदेशी कैदियों को रखना खतरनाक साबित हो सकता है। इसी वजह से सरकार ने ऐसे तमाम कैदियों को सेफ हाउस में शिफ्ट करने का फैसला किया है, जो अपनी सजा पूरी होने के बावजूद अलग-अलग कारणों से जेल से रिहा नहीं हो सके हैं।
 
जेल विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया, 'नीतिगत रूप से 2 सेफ हाउस बनाने का फैसला कर लिया गया है। इनके निर्माण का काम भी शीघ्र शुरू होने की उम्मीद है। वहां सिर्फ उन कैदियों को ही रखा जाएगा, जो सजा पूरी होने के बावजूद अपने देश भेजे जाने का इंतजार कर रहे हैं।'
 
कोलकाता की जेल में बंद कुछ महिला कैदी
 
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) के जेल संबंधी ताजा आंकड़ों में कहा गया है कि बंगाल की जेलों में 361 ऐसे कैदी हैं, जो न तो सजायाफ्ता हैं और न ही अंडरट्रॉयल। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के दूसरे राज्यों के मुकाबले बंगाल में विदेशी कैदियों की तादाद ज्यादा है। इनमें बांग्लादेशी सबसे ज्यादा हैं। भारतीय जेलों में कुल 1,403 बांग्लादेशी कैदी हैं जिनमें से 1,284 यानी 91 फीसदी कैदी बंगाल की जेलों में बंद हैं। इसके अलावा म्यांमार के 53, नाइजीरिया के 25, पाकिस्तान के 5, नेपाल के 3 और चीन के 2 कैदी यहां हैं।
 
सरकार की सबसे बड़ी चिंता ऐसे विदेशी कैदी हैं जिनकी सजा पूरी हो चुकी है। एक अधिकारी बताते हैं, 'विदेशी कैदियों को उनके देश वापस भेजने की प्रक्रिया काफी जटिल है और इसमें केंद्र और राज्य सरकार की कई एजेंसियां शामिल रहती हैं। इसके अलावा यह भी देखना होता है कि संबंधित देश के साथ भारत का समझौता है या नहीं? इस प्रक्रिया में काफी समय लग जाता है।' वे बताते हैं कि 'सेफ हाउस में भी जेल जैसी ही सुरक्षा होगी लेकिन वहां पाबंदियां जेलों के मुकाबले कम होंगी।'
 
बांग्लादेशी कैदी
 
इस बीच बीजेपी ने बंगाल में भारी तादाद में बांग्लादेशी कैदियों को एक अहम मुद्दा बनाते हुए एक बार फिर यहां असम के तर्ज पर नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस (एनआरसी) लागू करने की मांग उठा दी है। प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष कहते हैं, 'बांग्लादेशी कैदियों की भारी तादाद से साफ है कि बंगाल में एनआरसी लागू करना बेहद जरूरी है। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने राज्य को बांग्लादेशी घुसपैठियों की सबसे सुरक्षित शरणस्थली बना दी है।'
 
घोष कहते हैं कि बीजेपी जब भी घुसपैठ का मुद्दा उठाती है, उसे साम्प्रदायिक करार दिया जाता है। लेकिन अब एनसीआरबी के ताजा आंकड़ों से साफ है कि बांग्लादेश से लगातार होने वाली घुसपैठ राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन गई है।
 
बांग्लादेश की 2,216.7 किमी लंबी सीमा पश्चिम बंगाल से लगी है और इसका काफी हिस्सा खुला है। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय कहते हैं, 'बांग्लादेश से लगातार बड़े पैमाने पर होने वाली घुसपैठ राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ ही भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए भी गंभीर खतरा बन रही है। राज्य सरकार वोटबैंक की राजनीति के तहत घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है।'
 
पार्टी ने वर्ष 2021 में होने वाले विधानसभा चुनावों में घुसपैठ को अपना प्रमुख मुद्दा बनाने का फैसला किया है। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह भी बार-बार बंगाल में एनआरसी लागू करने की बात कहते रहे हैं। पार्टी ने अपने समर्थन में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की ओर से जारी उन आंकड़ों का भी सहारा लेने का फैसला किया है जिनमें कहा गया है कि वर्ष 2019 में अब तक 1,364 घुसपैठियों को सीमा पार करने का प्रयास करने के दौरान पकड़ा जा चुका है।
 
दूसरी ओर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है, लेकिन बीजेपी घुसपैठ का दोष राज्य सरकार के माथे पर मढ़कर केंद्र की नाकामी पर पर्दा डालने का प्रयास कर रही है।
 
तृणमूल कांग्रेस महासचिव और राज्य के संसदीय कार्य मंत्री पार्थ चटर्जी सवाल करते हैं, 'क्या बंगाल या किसी दूसरे राज्य की सरकार अंतरराष्ट्रीय सीमा की रखवाली करती है? यह जिम्मा केंद्र का है। ऐसे में अगर कोई विदेशी नागरिक भारत में अवैध तरीके से घुसता है तो यह बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की गलती है।' मंत्री कहते हैं कि राज्य सरकार पर बांग्लादेश से घुसपैठ को बढ़ावा देने के आरोप निराधार हैं।

-रिपोर्ट प्रभाकर, कोलकाता
Show comments

अभिजीत गंगोपाध्याय के राजनीति में उतरने पर क्यों छिड़ी बहस

दुनिया में हर आठवां इंसान मोटापे की चपेट में

कुशल कामगारों के लिए जर्मनी आना हुआ और आसान

पुतिन ने पश्चिमी देशों को दी परमाणु युद्ध की चेतावनी

जब सर्वशक्तिमान स्टालिन तिल-तिल कर मरा

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

अगला लेख