कब्रिस्तान में खुदाई से खुले ये राज

Webdunia
गुरुवार, 21 जुलाई 2016 (11:12 IST)
दक्षिण इसराइल के एक कब्रिस्तान में खुदाई से मिले कंकाल सदियों पुरानी मान्यता को चुनौती दे रहे हैं। बाइबल में लिखा है कि प्राचीन फिलीस्तीन के लोग सभ्य नहीं थे जबकि फिलीस्तीनी कब्रिस्तान के कंकाल कुछ और ही कहानी कहते हैं।
इसराइल के ऐशकेलॉन शहर में मौजूद एक कब्रिस्तान में करीब 30 सालों के खुदाई के काम को अंजाम देने वाले रिसर्चर बताते हैं कि यहां की बलुई मिट्टी में मिले फिलीस्तीनी लोगों के कंकालों के पास गहने, वाइन और टेराकोटा की इत्र की बोतलें मिलीं हैं जो उनकी प्राचीन सभ्यता के सबूत हैं। और फिलीस्तीनियों को असभ्य माने जाने की धारणा पर सवाल खड़े करता है।
 
बुक ऑफ सैमु्अल में प्राचीन फिलीस्तीन के गोलिएथ को एक 'दैत्याकार योद्धा' बताया गया है, जिसे इसराइल के यहूदी किंग डेविड ने मारा था। करीब तीन हजार साल पहले बेबिलोनिया का सेना के आक्रमण में फिलीस्तीन मिट गया था। अब तक फिलीस्तीनियों के बारे में केवल वही सब पता था जो ओल्ड टेस्टामेंट में उनके पड़ोसी और दुश्मनों यानि प्राचीन इसराइलियों ने लिखा था।
 
फिलीस्तीनी लोग आखिर थे कौन? पता चला है कि ये व्यापारी और समु्द्री यात्री थे और इंडो-यूरोपीयन मूल की भाषाएं बोलते थे। इनमें खतना नहीं होता था और ये सूअर से लेकर कुत्ते तक सब कुछ खाते थे। इसके सबूत ऐशकेलॉन के अलावा चार अन्य फिलीस्तीनी साइटों गाजा, गाथ, ऐशडोड और एकरॉन में मिले हैं। इनका जीवन कठिनाइयों में बीता।
 
इस कब्रिस्तान की खुदाई का काम 1985 में लियॉन लेवी इक्सपीडिशन के तौर पर हार्वर्ड युनिवर्सिटी के सेमेटिक म्युजियम और कुछ अन्य संस्थानों के सहयोग से शुरु हुआ था। यहां मिले 145 शवों के अवशेषों से सिर्फ उस वक्त के अंतिम संस्कार के तरीकों का ही पता नहीं चलता बल्कि उनकी हड्डियों की जांच से उनके जीवन से भी पर्दा उठता है।
 
कंकाल की हड्डियों की डीएनए, रेडियोकार्बन और अन्य एडवांस तरीकों की जांच हो रही है। ऐशकेलॉन में ऐसी पहली कब्र के बारे में 2013 में पता चला था। ऐशकेलॉन शहर प्राचीन फिलीस्तीनी बंदरगाह वाला शहर था, जहां कभी 13,000 लोग रहा करते थे। आज यह क्षेत्र दक्षिण इसराइल के एक लोकप्रिय राष्ट्रीय पार्क में पड़ता है।
 
इन लोगों के शवों के पास से मिले लाल और काले रंग के बर्तन देखकर पता चला है कि वे एजियन सी में प्राचीन यूनान और मध्यपूर्व के नगर और सभ्यताएं जब नष्ट हो रही थीं तो ये उस कांस्य युगीन सभ्यता से आये थे। सन 1200 से ईसा पूर्व 600 तक आज के गाजा इलाके से तेल अवीव के बीच की समुद्री पट्टी में इनके बसे होने के साक्ष्य मिले हैं।
 
ऐशकेलॉन के इस 3,000 साल पुराने कब्रिस्तान में लगभग 200 लोगों की हड्डियां मिली हैं। फिलीस्तीनी लोगों के बारे में आज तक की सबसे सही जानकारी इन हड्डियों के रेडियोकार्बन डेटिंग और यहां मिले बर्तनों की जांच से ही मिलेगी। धार्मिक मान्यताओं और पौराणिक कहानियों के कई किरदारों और घटनाओं से पर्दा उठने का इंतजार जारी है।
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