तुर्की ने संयुक्त राष्ट्र में अपना नाम बदल कर किया 'तुर्किए'

DW
सोमवार, 6 जून 2022 (08:44 IST)
तुर्की ने संयुक्त राष्ट्र से कहा है कि उसे अब सभी भाषाओं में 'तुर्किए नाम से संबोधित किया जाए। राष्ट्रपति रेचप तैयप एर्दोवान की सरकार अब पूरी दुनिया में इसी नाम को लोकप्रिय कराने की कोशिश में लगी हुई है।
 
संयुक्त राष्ट्र के मुख्य प्रवक्ता स्टेफन दुजारिच ने यह जानकारी देते हुए घोषणा की कि 'बदलाव तत्काल प्रभाव से लागू है।' उन्होंने यह भी बताया कि बदलाव का अनुरोध करते हुए अंकारा से आधिकारिक पत्र बुधवार, 1 जून को न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय में प्राप्त हुआ।
 
तुर्की के विदेश मंत्री मेवलुत कोवुसोग्लु ने चिट्ठी पर हस्ताक्षर करते हुए अपनी एक तस्वीर ट्वीट भी की थी। उन्होंने कहा था कि इस बदलाव से उनके देश की 'ब्रांड वैल्यू को बढ़ाने' के लिए राष्ट्रपति एर्दोवान द्वारा की गई एक पहल पूरी हो जाएगी।
 
माना जाता है कि एर्दोवान सरकार देश के नाम को टर्की चिड़िया के नाम से और टर्की शब्द से जुड़े कुछ नकारात्मक मायनों से अलग करने की कोशिश कर रही है। 1923 में आजादी की घोषणा के बाद देश ने खुद को 'तुर्किए' नाम ही दिया था।
 
दिसंबर में एर्दोवान ने आदेश दिया था कि देश की संस्कृति और मूल्यों का बेहतर प्रतिनिधित्व करने के लिए 'तुर्किए' नाम का इस्तेमाल किया जाए और निर्यात होने वाले उत्पादों पर 'मेड इन टर्की' की जगह 'मेड इन तुर्किए' लिखा जाए। मंत्रालयों ने भी आधिकारिक दस्तावेजों में 'तुर्किए' का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है।
 
कुछ महीनों पहले सरकार ने एक प्रमोशनल वीडियो भी जारी किया था जिसमें पूरी दुनिया से आए पर्यटकों को मशहूर स्थलों पर 'हेलो तुर्किए' कहते हुए दिखाया गया था।
 
टर्की का मतलब 'बेवकूफ'
 
देश के अंग्रेजी भाषा के सरकारी टीवी चैनल टीआरटी वर्ल्ड ने भी 'तुर्किए' कहना शुरू कर दिया है, हालांकि अभी भी कभी-कभी उसके पत्रकारों के मुंह से 'टर्की' निकल जाता है।
 
कुछ महीनों पहले चैनल की वेबसाइट पर एक लेख में बताया गया था कि 'टर्की' को गूगल करने पर 'कुछ भ्रमित करने वाली तस्वीरें, लेख और परिभाषाएं सामने आती हैं, जो देश को दूसरी चीजों के नाम से मिला देते हैं, जैसे मेलाग्रेस या टर्की चिड़िया।'
 
लेख में यह भी लिखा था कि कैंब्रिज डिक्शनरी में टर्की का मतलब 'एक बेवकूफ व्यक्ति' या 'कोई ऐसी चीज जो बुरी तरह से असफल हो जाती है' बताया गया है।
 
सीके/एए (एपी, एएफपी)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

अभिजीत गंगोपाध्याय के राजनीति में उतरने पर क्यों छिड़ी बहस

दुनिया में हर आठवां इंसान मोटापे की चपेट में

कुशल कामगारों के लिए जर्मनी आना हुआ और आसान

पुतिन ने पश्चिमी देशों को दी परमाणु युद्ध की चेतावनी

जब सर्वशक्तिमान स्टालिन तिल-तिल कर मरा

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

अगला लेख