यूरोप में कहां-कहां अलगाववाद

Webdunia
शुक्रवार, 6 अक्टूबर 2017 (11:29 IST)
स्पेन का स्वायत्त प्रदेश कैटेलोनिया आजादी की मांग कर रहा है। स्पेन के इतर यूरोप के दूसरे देशों में भी ऐसे कई हिस्से हैं जो स्वतंत्र होने की चाह रखते हैं। डालते हैं एक नजर कुछ ऐसे ही विवादों पर।
 
पश्चिमी यूरोप
सोवियत संघ के विघटन और यूगोस्लाविया के टूटने के बाद पूर्वी यूरोप में तमाम नए देशों का उदय हुआ। पूर्वी यूरोप में ऐसे बिखराव नजर आते हैं लेकिन पूर्व की तुलना में पश्चिमी यूरोप को हमेशा से मजबूत और अधिक ठोस माना जाता रहा। अब कैटेलोनिया समेत पश्चिमी यूरोप के अनेक देशों में स्वतंत्रता के ये आंदोलन जोर पकड़ रहे हैं। इनमें से कुछ आंदोलन शांतिपूर्ण ढंग से हो रहे हैं तो कुछ में बल प्रयोग भी हो रहा है।
 
कैटेलोनिया, स्पेन
आजादी की जो आवाज कैटेलोनिया में उठ रही है वो पश्चिमी यूरोप के अन्य हिस्सों के मुकाबले अधिक तेज है। तानाशाह फ्रांकों के शासनकाल में यहां की भाषा और संस्कृति को दबाया गया लेकिन प्रदेश की राजनीतिक स्वायत्तता बनी रही। अब यह क्षेत्र वित्तीय कारणों से अलग होना चाहता है। यहां के नेताओं और लोगों को लगता है कि स्पेन उनकी धन-दौलत का लाभ उठा रहा है। स्पेन की जीडीपी में कैटेलोनिया का 20 फीसदी योगदान है।
 
बास्क कंट्री, स्पेन
स्पेन में कैटेलोनिया का पड़ोसी प्रदेश बास्क कंट्री भी आजादी की मांग उठाता रहा है। यह इकलौता ऐसा इलाका है जो स्पेन सरकार को कर राजस्व नहीं देता। बास्क कंट्री अपनी कर वसूली के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र है। कैटेलोनिया की ही तरह इस क्षेत्र को तानाशाह फांक्रों के शासन में बहुत दबाया गया लेकिन आजादी आंदोलन ने अलगावादी समूह को जन्म दिया। इस संघर्ष में पिछले 50 सालों के दौरान अब तक 800 लोग मारे गए हैं।
 
स्कॉटलैंड
स्कॉटलैंड पिछले 300 सालों से ब्रिटेन का हिस्सा है। स्कॉटलैंड की अपनी संसद भी है और यहां की स्कॉटिश नेशनल पार्टी स्कॉटलैंड की आजादी का समर्थन करती है। 2014 में आजादी को लेकर यहां एक जनमत संग्रह भी हुआ, जो विफल रहा। लेकिन ब्रेक्जिट के बाद स्कॉटलैंड में आजादी की भावनाएं एक बार फिर चरम पर पहुंच गईं। स्कॉटलैंड अगले साल एक बार फिर जनमत संग्रह कराने की कोशिशों में जुटा है।
 
फ्लैंडर्स, बेल्जियम
न्यू फ्लेमिश एलायंस के आजादी समर्थक नेता बार्ट डी वेवर वर्तमान में बेल्जियम के चैंबर ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स का नेतृत्व करते हैं। वेवर को विश्वास है कि बेल्जियम एक दिन जरूर टूटेगा और और यहां रहने वाले फ्लेमिश भाषियों का फ्लैंडर्स क्षेत्र आर्थिक रूप से मजबूत बनेगा। अगर ऐसा कभी होता है तो बेल्जियम के पास बेहद ही छोटा हिस्सा रह जायेगा।
 
पडानिया, इटली
उत्तरी इटली का यह अलगाववादी आंदोलन आर्थिक हितों से प्रेरित है। पो नदी घाटी वाला यह इलाका इटली का औद्योगिक केंद्र हैं। उत्तर के लोगों को लगता है कि वे दक्षिणी इलाके की तुलना में अधिक मेहनत कर पैसा कमाते हैं। 1990 के दशक में इस पडानिया क्षेत्र की लीगा नॉर्ड पार्टी ने इटली से पूरी तरह से अलग होने की मांग उठाई थी हालांकि अब आजादी से अधिक जोर वित्तीय स्वतंत्रता पर हो गया है
 
दक्षिणी टिरोल
इटली का ही एक अन्य उत्तरी क्षेत्र दक्षिणी टिरोल प्रथम विश्व युद्ध के अंत तक ऑस्ट्रो-हंगेरियन साम्राज्य का हिस्सा था। दूसरे विश्व युद्ध के बाद इस क्षेत्र को अधिक राजनीतिक और भाषाई स्वतंत्रता मिली और समृद्ध क्षेत्र को अपना राजस्व नियंत्रित करने की आज भी अनुमति है। अब तक यह क्षेत्र इस व्यवस्था से संतुष्ट भी था लेकिन ऋण संकट के बाद यहां अलगाववादी भावनाओं में उभार आया है।

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