Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

चीन से बाहर निकलने की फिराक में क्यों है टिकटॉक

हमें फॉलो करें चीन से बाहर निकलने की फिराक में क्यों है टिकटॉक

DW

, सोमवार, 1 जून 2020 (09:00 IST)
डिजनी के केविन मायर को अपना सीईओ बनाने वाला टिकटॉक क्या चीन से बाहर जाने की सोच रहा है। हाल के महीनों में उसने कई ऐसे कदम उठाए हैं जिनसे इन आशंकाओं को मजबूती मिल रही है।
 
छोटे-छोटे वीडियो बनाने वाले ऐप की मूल कंपनी बाइट डांस ने चुपके-चुपके हाल के महीनों में ऐसे कई कदम उठाए हैं। इन कदमों से ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि कंपनी अपना कामकाज चीन के बाहर से चलाना चाहती है। यह रणनीति सिर्फ टिकटॉक के लिए ही नहीं है। टिकटॉक चीन में नहीं दिखाई देता और बाइटडांस इसी तरह के अपने दूसरे कारोबार का नियंत्रण भी चीन से बाहर रखना चाहती है। इनमें भारत में चलने वाला सोशल मीडिया ऐप हेलो भी शामिल है।
बाइटडांस ने टिकटॉक के इंजीनियरिंग और रिसर्च और डेवलपमेंट ऑपरेशनों का विस्तार कैलिफोर्निया के माउंटेन व्यू में कर लिया है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने कम से कम 3 स्रोतों से इस बात की पुष्टि की है। इनमें से एक सूत्र ने यह भी जानकारी दी कि वहां 150 से ज्यादा इंजीनियरों को काम पर लगाया गया है।
 
बाइडांस ने न्यूयॉर्क में एक इन्वेस्टर रिलेशंस डायरेक्टर भी नियुक्त किया है, जो प्रमुख निवेशकों के साथ संपर्क में रहेगा। पहले यह काम बीजिंग से होता था। नए डायरेक्टर मिशेल हुआंग सॉफ्ट बैंक के निवेशक हैं, जो इससे पहले एक जापानी कंपनी के बाइटडांस में निवेश पर काम कर रहे थे। हुआंग ने प्रतिक्रिया जताने के लिए भेजे गए ई-मेल का जवाब नहीं दिया।
कंपनी के कामकाज में ये बदलाव ऐसे समय में हो रहे हैं, जब अमेरिका और चीन के बीच कारोबार, तकनीक और कोविड-19 की महामारी को लेकर तनाव बढ़ा हुआ है। इसके साथ ही अमेरिकी नियामक टिकटॉक पर भी सख्त नजर रख रहे हैं। बीते महीनों में टिकटॉक पूरी दुनिया में तेजी से लोकप्रिय हुआ है। कंपनी अमेरिका को अपना सबसे बड़ा बाजार मान रही है।
 
वॉल्ट डिजनी के स्ट्रीमिंग के पूर्व प्रमुख केविन मायर को कंपनी ने बाइटडांस का सीईओ नियुक्त किया है, जो लॉस एंजिल्स में रहेंगे। उन्हें ग्लोबल कॉर्पोरेट डेवलपमेंट का भी नेतृत्व सौंपा गया है। अब तक बहुत से ऐसे काम, जो बीजिंग से हो रहे थे, वे अब लॉस एंजिल्स में उनके हवाले किया जा रहा है। बाइटडांस सिंगापुर, वारसा, जकार्ता समेत दुनिया के कई इलाकों में इंजीनियरों की नियुक्ति कर रहा है।
 
कंपनी के संगठन में इन बदलावों को बाइटडांस के कर्मचारी भी संशय की निगाह से देख रहे हैं। ये लोग कंपनी के वैश्विक कामकाज को चीन से ही संचालित करना चाहते हैं। उन्हें चिंता है कि उनका महत्व कम हो सकता है और कई लोग तो दूसरी जगहों पर काम भी ढूंढने लगे हैं।
webdunia
अमेरिका की ओर
 
टिकटॉक के लिए अमेरिका में इंजीनिरिंग टीम का विस्तार करना अपने संसाधनों को चीन से हटाने जैसा है। अब तक उसके ऐप का सारा काम यहीं से होता रहा है। हालांकि गूगल जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए चीन में इंजीनियर को नौकरी पर रखना कोई हैरानी की बात नहीं है।
पहले टिकटॉक के सारे इंजीनियर चीन में बैठे मैनेजरों को रिपोर्ट करते थे लेकिन कंपनी ऊंचे स्तर के एग्जीक्यूटिव की नियुक्ति अमेरिका में करना चाहती है ताकि इंजीनिरिंग विभाग पूरी तरह वहीं से काम करे। चीन वाली टीम से संपर्क को काटना हालांकि मुश्किल होगा। चीन में बैठे कुछ इंजीनियर टिकटॉक के साथ ही चीन के सोशल मीडिया ऐप डूयिन का भी संचालन करते हैं। दोनों ऐप का बुनियादी ढांचा एक ही है। ऐसे में उन्हें अलग करना मुश्किल होगा।
 
टिकटॉक ऐप कई देशों में बहुत लोकप्रिय हो रहा है। इनमें भारत और अमेरिका भी शामिल हैं। अमेरिका में कंपनी के चीनी स्वामित्व और निजी डाटा को संभालने को लेकर चिंता जताई जा रही है। कंपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल कर यूजरों के ऐप पर व्यवहार के मुताबिक वीडियो का सुझाव देती है।
 
पिछले साल से टिकटॉक को अमेरिका में अधिकारियों की कड़ी निगरानी का सामना करना पड़ रहा है। अधिकारी इस बात की पड़ताल कर रहे हैं कि ऐप से राष्ट्रीय सुरक्षा को तो कहीं कोई खतरा नहीं है। अमेरिका की ट्रेजरी कमेटी ऑन फॉरेन इन्वेस्टमेंट इन यूनाइटेड स्टेट्स, सीफीआईयूएस ने कंपनी की भी जांच भी की है। इस जांच के केंद्र में निजी जानकारियों की देखरेख ही था।
 
कैसा जोखिम?
 
कानूनी जानकारों का कहना है कि नियामक एजेंसियां टिकटॉक के हाल के कदमों की पड़ताल कर यह पता लगाएंगी कि इनसे कोई जोखिम तो नहीं है? और साथ ही यह भी कि आखिरकार किस तरह के बदलाव हो रहे है? सीफीआईयूएस के वकील पॉर मार्क्वार्ट का कहना है कि पुनर्गठन की कोशिशों के साथ एक मसला विश्वसनीयता का भी होता है। सीफीआईयूएस यह जानना चाहेगा कि वास्तव में कामकाज पूरी तरह स्वतंत्र है और किसी संभावित शत्रुतापूर्ण दखलंदाजी से मुक्त है या नहीं?
 
चीन के कदमों और कंपनियों को संशय की निगाह से देखने के पीछे अमेरिका के मन में चीनी दखलंदाजी का डर है। उसे यह आशंका बनी रहती है कि कहीं ये कंपनियां चीन की सरकार के इशारे पर कुछ ऐसा तो नहीं करेंगी जिनसे अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है?
 
2018 में जब बाइटडांस ने म्यजिूक ऐप म्यूजिकली का अधिग्रहण किया तो कुछ सांसदों ने सीफआईयूएस से इसकी समीक्षा करने का आग्रह किया। रिपब्लिकन सीनेटर मार्को रूबियो भी उनमें शामिल थे। जब उनसे हाल के टिकटॉक के उठाए कदमों के बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि जब तक टिकटॉक और दूसरी कोई कंपनी इस तरह से काम करती है कि उससे चीनी सरकार या कम्युनिस्ट पार्टी लाभ उठाए तो ऐसे एप्लीकेशन के इस्तेमाल पर खतरा रहेगा, क्योंकि सच्चाई यह है कि यूजरों की जानकारी खतरे में होगी।
 
एनआर/एमजे (रॉयटर्स)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

आज का इतिहास : भारतीय एवं विश्व इतिहास में 1 जून की प्रमुख घटनाएं