सऊदी अरब में सरेआम सिगरेट पीती महिलाएं

Webdunia
मंगलवार, 18 फ़रवरी 2020 (11:55 IST)
सऊदी अरब ने हाल के महीनों में महिलाओं के प्रति उदारवादी कदम उठाए हैं जिसमें ड्राइविंग और शॉपिंग को लेकर नियमों में ढील दी गई है। महिलाएं नए अधिकारों का जमकर इस्तेमाल भी कर रही हैं।
 
सऊदी अरब में खुलेआम सिगरेट पीती महिलाएं। शायद ही ऐसी कल्पना कभी किसी ने की होगी। हालांकि अब यह सच होता दिख रहा है। रियाद के कैफे में रीमा ई-सिगरेट का लंबा कश लेती हैं और बहुत सारा धुआं बाहर फेंकती हैं। इस दौरान उनके लिए आजादी के मायने ही बदल गए। रीमा को इस कैफे में पहचानने वाला कोई नहीं है।
 
रियाद में निजी कंपनी के लिए काम करने वाली 27 साल की रीमा कहती हैं कि सार्वजनिक रूप से धूम्रपान मेरी नई आजादी की जीत का हिस्सा है। मुझे खुशी है मैं इसको चुन सकती हूं। अगले कुछ महीनों में सार्वजनिक रूप से महिलाओं का धूम्रपान आम बात होगी।
 
रुढ़िवादी देश में इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। हाल के सालों में क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने बदलावों की मुहिम शुरू की है। प्रिंस सलमान ने देश की छवि को उदारवादी बनाने के लिए आर्थिक और सामाजिक स्तरों पर नयापन लाने की कोशिश की है।
 
सऊदी अरब में महिलाएं अब कार चला सकती हैं, खेल प्रतियोगिताएं और कंसर्ट में जा सकती हैं, साथ ही महिलाओं को पासपोर्ट हासिल करने के लिए पुरुष अभिभावक से अनुमति की आवश्यकता नहीं लेनी होती है।
 
रीमा पिछले 2 साल से सिगरेट पी रही हैं। सिगरेट के नुकसान से परिचित होने के बावजूद उन्होंने यह कदम उठाया है। हालांकि वे चिंतित हैं कि परिवार को इसके बारे में पता चल जाएगा। रीमा कहती हैं कि मैं उन्हें अपनी निजी स्वतंत्रता के बारे में नहीं बताऊंगी, क्योंकि वे नहीं समझेंगे कि महिलाएं भी पुरुषों की तरह धूम्रपान करने के लिए स्वतंत्र हैं।
 
रीमा की ही तरह 26 साल की नजला (बदला हुआ नाम) ने कहा कि तेजी से सामाजिक बदलावों के बावजूद दोहरे मापदंड अभी भी मौजूद हैं। वे कहती हैं कि अगर महिलाएं धूम्रपान करती हैं तो उसे कलंक और बदनामी के रूप में देखा जाता है। पुरुषों के बीच नजला अकेली महिला है, जो सिगरेट पी रही हैं और वे कहती हैं कि इससे वे 'समाज को चुनौती' देना चाहती हैं।
 
वे कहती हैं कि मेरे अधिकारों का तभी सम्मान होगा, जब मेरा परिवार मुझे एक स्मोकर की तरह अपनाएगा। नजला बताती हैं कि जब उनकी एक दोस्त के परिवार को पता चला कि वे सिगरेट पीती हैं तो उनके परिवार ने उसे नशामुक्ति क्लिनिक में भर्ती करा दिया। नजला जब हाईस्कूल में थीं, तब उन्होंने धूम्रपान शुरू किया था। 2015 के एक शोध के मुताबिक हाईस्कूल की 65 फीसदी छात्राएं चोरी-छिपे सिगरेट का सेवन करती हैं। (फ़ाइल चित्र)
 
एए/एनआर (एएफपी)

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