अकेलापन दूर करता थाईलैंड का यह स्कूल

Webdunia
गुरुवार, 10 मई 2018 (11:22 IST)
सांकेतिक चित्र
थाइलैंड में जनसंख्या का एक बढ़ा हिस्सा बुजुर्ग हो रहा है। शारीरिक समस्याओं के इतर बुजुर्ग एक लड़ाई अपने अकेलेपन से भी लड़ते हैं। थाईलैंड के बुजुर्ग अपने इसी अकेलेपन से निपटने के लिए इस स्कूल में आते हैं।
 
बुजुर्गों की टोली
सुर्ख लाल और सफेद रंग की यूनिफॉर्म में ये बुजुर्गों की टोली बस में बैठ कर स्कूल जा रही है। ये सारे बुजुर्ग थाइलैंड के आयुथया प्रांत के एक स्कूल में पढ़ते हैं।
 
पढ़ाना मकसद नहीं
स्कूल का मकसद इन्हें पढ़ाने से ज्यादा इनका अकेलापन दूर करना है। इन बुजुर्गों के लिए भी स्कूल जाना वक्त बिताने का एक अच्छा तरीका है। ये सभी बुजुर्ग अपने अकेलेपन से जूझ रहे हैं।
 
उत्साह का सैलाब
जमीन पर बैठी नजर आ रही 77 वर्षीय सोमजित तीरारोज एक विधवा हैं। सोमजित कहती हैं कि अब उन्हें बुधवार का इतंजार रहता है क्योंकि इसी दिन वह स्कूल जाती हैं, अपने दोस्तों से मिलती हैं, बातचीत-हंसी ठहाके मारती हैं।
 
मदद देता स्कूल
सोमजित कहती हैं कि उनके लिए पति की मौत का गम भुलाना आसान नहीं था लेकिन इस स्कूल से उन्हें बहुत सहारा मिला। यह समस्या सोमजित की अकेली नहीं है। थाइलैंड की एक बड़ी आबादी बुजुर्ग हो रही है।
 
बूढ़ी होती आबादी
चीन समेत थाईलैंड की भी एक बड़ी आबादी तेजी से बुजुर्ग हो रही है। थाईलैंड में फिलहाल 75 लाख लोग 65 साल या इससे अधिक उम्र के हैं। वर्ल्ड बैंक के आंकड़ों के मुताबिक साल 2040 तक देश में बुजुर्गों की संख्या बढ़कर 1.7 करोड़ तक पहुंच जाएगी।
 
बदलते तौर-तरीके
पारंपरिक रूप से थाइलैंड में बुजुर्ग सदस्य परिवार के साथ ही रहते हैं, जहां इनका ध्यान बच्चे रखते हैं। लेकिन अब काम की तलाश में एक बड़ी आबादी शहरों की ओर आ गई है, जिसके चलते गांवों, कस्बों में घर के बुजुर्ग अकेले रह गए।
 
हो रहा है गर्व
63 साल के चुचार्ट सुपकर्ड बताते हैं कि उन्होंने इस स्कूल 12 हफ्तों का कोर्स ज्वाइंन किया था। उन्होंने कहा कि इस कोर्स के जरिए वह अपना तनाव कम कर सकें, साथ ही कुछ अच्छी बातें भी सीख सकें। वे स्कूल जाने को लेकर गर्व महसूस करते हैं।
 
कोई कोताही नहीं
ये बुजुर्ग स्कूल जाने को लेकर बेहद ही उत्साहित रहते हैं। तभी तो अपनी स्कूल यूनीफॉर्म समेत हर एक चीज का खास ख्याल रखते हैं। वे कहते हैं अगर कभी वे स्कूल नहीं जा पाते, तो उन्हें बहुत खराब महसूस होता है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

अभिजीत गंगोपाध्याय के राजनीति में उतरने पर क्यों छिड़ी बहस

दुनिया में हर आठवां इंसान मोटापे की चपेट में

कुशल कामगारों के लिए जर्मनी आना हुआ और आसान

पुतिन ने पश्चिमी देशों को दी परमाणु युद्ध की चेतावनी

जब सर्वशक्तिमान स्टालिन तिल-तिल कर मरा

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

अगला लेख