कन्या लग्न की विशेषता

कन्या लग्न हेतु शुभाशुभ ग्रह

भारती पंडित
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कन्या लग्न के व्यक्ति बौद्धिक रुचि वाले होते हैं। बड़े ही व्यवहारकुशल, मेहनती और सलीकेदार होते हैं। बुध की प्रतिकूल स्थिति इन्हें वाचाल, वहमी, चिढ़चिढ़ा भी बना सकती है। ये व्यक्ति नेतृत्व से घबराते हैं। घर से लगाव होता है। आर्थिक नियोजन भी अच्छा होता है। पढ़ने-लिखने का शौक होता है। अपना कार्य निकलवाने में कुशल होते हैं। ये व्यक्ति राजकीय सेवाओं में भी देखे जाते हैं।

शुभ ग्रह : शुक्र धनेश व नवमेश तथा बुध लग्नेश व दशमेश होकर प्रबल कारक बन जाते हैं। इनकी शुभ स्थिति दशा-महादशा में प्रबल सुखकारक होती है। यदि ये ग्रह अशुभ हों तो इनका उपाय करना चाहिए।

अशुभ ग्रह : बृहस्पति, चंद्रमा व मंगल इस लग्न के लिए अति अशु‍भ है। मंगल दशा में मारकेश है अत: इनकी दशा-महादशा में सावधानी रखते हुए योग्य उपाय करते रहना चाहिए।

तटस्थ ग्रह : सूर्य और शनि इस लग्न के लिए तटस्थ (निष्क्रिय) ग्रहों का काम करते हैं।
इष्ट देव : गणपति
रत्न : पन्ना
रंग : हरा, सफेद
तारीख, वार : 5, 6, 7 बुधवार, शुक्रवार

इस लग्न के व्यक्तियों को धनु, मीन, मेष व कर्क राशि लग्न के लोगों से विवाह करने से बचना चाहिए। इन लोगों का पाचन तंत्र कमजोर होता है अत: खानपान का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए।

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