कुंडली से जानें क्यों होता है पति-पत्नी में झगड़ा

क्या आपके दांपत्य जीवन में तनाव है, जानिए ज्योतिषीय कारण

Webdunia

* कुंडली से जानें पति-पत्नी में कब और क्यों होता है झगड़ा

FILE


यदि पति-पत्नी में बार-बार झगड़े की स्थिति आती है और इसमें तीव्रता भी आ जाती है, तो यह चिंता का विषय होता है।

आइए, देखते हैं क्यों होता है पति-पत्नी में झगड़ा कुछ इसके ज्योतिषीय कारण :

आगे पढ़ें कुंडली मिलान से संबंधित जानकारी...



कुंडली मिलान

FILE


विवाह पूर्व कुंडली मिलान आवश्यक होता है। जब दो व्यक्ति जिंदगीभर विवाह बंधन में बंधकर एकसाथ रहने का फैसला करते हैं तो सामान्यतया वे एक-दूसरे के वास्तविक स्वभाव से अ‍नभिज्ञ रहते हैं। अत: कुंडली मिलान इसमें बड़ी सहायता करता है।

यदि वर-वधू की कुंडली में शास्त्र अनुसार 18 गुण से कम का गुण मिलान हुआ है, तो झगड़े की आशंका अधिक होती है। गुण-दोष, भकूट का मिलान न होना, राशि मै‍त्री का न होना आदि बातें सामने आती हैं।

आगे पढ़ें मंगल दोष


मंगल दोष

FILE


विवाह पूर्व कुंडली मिलान के साथ-साथ ही मंगल दोष भी देखा जाता है। यदि किसी एक की पत्रिका मंगली है और दूसरे की नहीं, तो ऐसी स्थिति में झगड़े की आशंका बनती है।

आगे पढ़ें कुंडली में सप्तमेश की स्थित ि


सप्तमेश की स्थिति

FILE


झगड़े की संभावना को हम कुंडली में सप्तमेश की स्थिति से बहुत अच्छे से समय सकते हैं, जो इस प्रकार है-

* यदि सप्तमेश 6ठे, 8वें या 12वें घर में स्थित हो। इसके अलावा व्यवहार रूप में यह भी देखा गया है कि यदि सप्तमेश पंचम में स्थित हो तो भी यह कलह का एक कारण बनता है। कुंडली में सप्तम भाव में क्रूर ग्रहों यथा शनि, मंगल, सूर्य, राहु या केतु की पूर्ण दृष्टि हो या इन ग्रहों में से अधिकांश की यु‍ति सप्तम घर में हो।

* यदि कुंडली में सप्तम भाव में षष्ठेश, अष्टमेश अथवा द्वादशेश स्थित हों।

* सप्तमेश अस्त हो, वक्री हो अथवा निर्बल।

* यदि सप्तमेश शनि, मंगल, सूर्य या राहु से युत हो।

* यदि सप्तमेश षष्ठेश, अष्टमेश तथा द्वादशेश से युत हो।

* कुंठली में सप्तमेश, षष्ठेश, अष्टमेश अथवा द्वादशेश के नक्षत्र में स्थित हो।

आगे पढ़ें कुंडली में सुख स्थान


सुख स्थान का पीड़ित होना

FILE


कुंडली में चतुर्थ स्थान को सुख स्थान कहा गया है और यदि चतुर्थ भाव या चतुर्थेश पाप ग्रहों युत या दृष्ट होता है या चतुर्थेश निर्बल होता है तो पत्नी से झगड़ा या खिन्नता बनी रहती है।

वृश्चिक लग्न का होन ा

यदि आपकी अथवा जीवनसाथी की कुंडली में वृश्चिक लग्न हो तो झगड़े की आशंका ज्यादा रहती है।

आगे पढ़ें ग्रहों की दशाएं...


विशोंतरी महादशाएं

FILE


* यदि आपकी या जीवनसाथी की कुंडली में ऐसे ग्रहों की दशाएं चल रही हैं तो षष्ठेश, अष्टमेश या द्वादशेश की दशाएं हैं तो भी झगड़ा होता है।

* यदि जीवनसाथी या आपकी कुंडली में ऐसे ग्रहों की दशाएं चल रही हैं, जो छठे, आठवें या बारहवें भाव में स्‍थित हैं तो भी झगड़ा होता है।

गोचर ग्र ह

* यदि आपकी अथवा जीवनसाथी की चंद्र कुंडली में चंद्रमा सप्तम, अष्टम या द्वादश भाव में गोचर का रहा हो।

* इसी प्रकार आपकी अथवा जीवनसाथी की चंद्र कुंडली में मंगल व सूर्य सप्तम, अष्ठम या द्वादश भाव में गोचर कर रहा हो, यही स्थिति राहु की भी रहती है।


FILE


शनि की साढ़े सात ी

यदि आपकी अथवा जीवनसाथी की राशि पर शनि की साढ़ेसाती अथवा ढैया का प्रभाव हो तो झगड़े की आशंका रहती है।

अन्य यो ग

यदि आपकी अथवा जीवनसाथी की कुंडली में भाग्येश, दशमेश, आयेश, धनेश और चतुर्थेश की स्‍थिति अशुभ तथा निर्बल हो तो भी झगड़े की स्‍थिति बनती है। उक्त स्‍थिति में उपाय रूप में पति को शुक्र संबंधी तथा पत्नी को गुरु संबंधी उपाय करने चाहिए।

शुक्र संबंधी उपयोग में श्वेत वस्तुओं यथा- शकर, मिश्री, चावल, दूध आदि का दान प्रात:काल करना श्रेष्ठ है। गुरु संबंधी उपायों में पीले अनाज, वस्त्र, हल्दी, पीले फूल, फल आदि का दा‍न किया जा सकता है। पति-पत्नी में से कोई एक या दोनों को ब्लू सफायर, स्फटिक या फिरोजा रत्न पहनना चाहिए ।

वेबदुनिया पर पढ़ें

Show comments

ज़रूर पढ़ें

Akshay Tritiya 2024: अक्षय तृतीया पर क्या है खरीदारी का सबसे शुभ मुहूर्त?

अक्षय तृतीया का जैन धर्म से क्या है कनेक्शन, जानें महत्व

Akshaya tritiya 2024: अक्षय तृतीया पर घटी थी ये 10 पौराणिक घटनाएं

Akshaya tritiya 2024: अक्षय तृतीया पर सोने के अलावा भी खरीद सकते हैं ये 5 चीजें

Akshaya tritiya 2024 : 23 साल बाद अक्षय तृतीया पर इस बार क्यों नहीं होंगे विवाह?

सभी देखें

नवीनतम

Maa laxmi : रूठी हुई मां लक्ष्मी को कैसे मनाएं?

Aaj Ka Rashifal: आज किसे मिलेंगे धनलाभ के अवसर, जानें 07 मई का राशिफल

07 मई 2024 : आपका जन्मदिन

07 मई 2024, मंगलवार के शुभ मुहूर्त

ChaturSagar Yog : चतुरसागर योग क्या होता है, जातक बन सकता है विश्व प्रसिद्ध