लग्न से जानिए किस रोग का शिकार हो सकते हैं आप

पं. प्रणयन एम. पाठक
कोई व्यक्ति शारीरिक रूप से बलवान है, तो कोई अत्यंत कमजोर। किसी का शरीर रोग का घर है, तो कोई पूर्ण स्वस्थ है। जो जातक जिस लग्न में जन्म लेता है, उसे उस लग्न की ही बीमारियों का सामना करना पड़ता है।


 
मेष- जिस जातक का जन्म मेष लग्न में होता है उसे गले के रोग, त्वचा संबंधी रोग एवं एलर्जी, सनकीपन, रक्तविकार जैसे फोड़े-फुंसी आदि रोग अधिक होते हैं। जातक को रोगों से बचने के लिए अपनी कुंडली द्वारा उपाय करने चाहिए। 
 
 


 


वृषभ- वृषभ लग्न वाले जातक को गुप्त रोग की पूर्ण आशंका रहती है। शुगर तथा मुंह के रोग अधिक होते हैं।
 
 


 


मिथुन- मिथुन लग्न में जन्मे जातक को रक्तविकार, खून की कमी या परेशानी, रक्त से संबंधित कोई  दोष, कान में दर्द तथा कंधों में कष्ट की आशंका बनी रहती है।
 
 


 


कर्क- कर्क लग्न के जातक को पीलिया रोग, दिल की बीमारी, फेफड़े संबंधी रोग, शुगर आदि  बीमारियों की बलवती आशंका होती है।
 
 


 


सिंह- सिंह लग्न वाले जातकों को पेट संबंधी रोग, वायु का कुपित होना, वायु गोला, स्नायु तंत्र में  गड़बड़ी तथा गठिया आदि रोग होते हैं।
 
 


 


कन्या- इस जातक को पैर में चोट, मोच, कमर दर्द, भ्रम आदि रोग होने की आशंका रहती है।
 
 

 


तुला- इस जातक को जलोदर या जल संबंधी रोग, कैंसर या भयावह बीमारी की आशंका रहती है।  घुटने और गठिया जैसी बीमारी भी होती है।
 
 


 


वृश्चिक- वृश्चिक लग्न वाले जातक को शस्त्राघात भय बना रहता है। इसे चोट, दुर्घटना और सिरदर्द  जैसे रोग भी होते हैं।
 
 


 


धनु- इस जातक को कंधों में दर्द, जीवनसाथी से कष्ट, यौन रोग, गले में खराबी जैसे रोग होने की  आशंका रहती है।
 
 




 

मकर- मकर लग्न के जातकों को मानसिक चिंता अधिक रहती है। इसे त्वचा रोग तथा मानसिक  बीमारी अधिक होती है।
 
 


 


कुंभ- इस जातक को जिगर एवं हृदयरोग होते हैं।
 
 


 


मीन- मोटापे तथा हड्डी टूटना आदि रोग होते हैं। 


 

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