* क्यों बनवाएं अपनी जन्म पत्रिका, पढ़ें कुछ रोचक तथ्य...
जन्म कुंडली जातक का शरीर है। जिस प्रकार डॉक्टर रोग पहचान कर इलाज करता है, ठीक उसी प्रकार एक कुशल ज्योतिष भी निदान बताने में समर्थ होता है। पीड़ा तो होगी, लेकिन उस पीड़ा का अहसास कम होगा।
जन्म कुंडली में विराजमान ग्रहों के चक्कर से कोई नहीं बच सकता। रावण जैसा राजा नीति कुशल, विद्वान, बलशाली और सभी ग्रहों को वशीभूत करने वाला भी शनि की कुदृष्टि से नहीं बच पाया।
ग्रह किसी को भी नहीं बख्शते। जैसे- राजा हरिशचंद्र को भी ग्रहों ने श्मशान में चौकीदारी करवा दी।
* राजा नल व दमयंती को भी ग्रहों ने नहीं छोड़ा और चोरी का इल्जाम लगा।
* भगवान राम को वन-वन भटकना पड़ा।
* गांडीवधारी अर्जुन को लूट लिया गया।
* एक ग्वाले को प्रसिद्ध राजा नेपोलियन बोनापार्ट बना दिया।
चाहे कोई भी समाज हो, कोई भी धर्म हो ग्रहों की प्रतिकूल स्थिति से कोई नहीं बच सकता।
उदाहरणार्थ यदि किसी की जन्म पत्रिका में यह मालूम है कि इसका किसी ट्रक से एक्सीडेंट होगा, उसे उस ग्रहों को अनुकूल बनाने वाले उपाय करने से टक्कर तो होगी, लेकिन साइकल से होगी।
यदि पहले से जाना जाए कि इसका तलाक हो सकता है तो उस तलाक करवाने वाले ग्रहों को अनुकूल बनाकर उसे टाला जा सकता है।