हस्त रेखा से जानिए साधु-साधक एवं ज्ञानी बनने के योग

पं. प्रणयन एम. पाठक
हस्त रेखा से जानिए कौन बनता है संत एवं साधु... 
 
हस्त रेखाओं में साधु, ज्ञानी, योगी, विद्वान, धर्माचार्य आदि योगों के संबंध में विभिन्न प्रकार के चिह्न व आकृतियां होती हैं, जो निम्न प्रकार हैं- 


 
1. जिसके हाथ में गुरु पर्वत और तर्जनी लंबी हो, चन्द्र पर्वत उच्च हो तथा बुधांगुली नुकीली हो, साथ ही मस्तक रेखा लंबी और नीचे झुकी हो, वह ज्ञानी, वैदज्ञ एवं दर्शनशास्त्र का ज्ञाता होता है।
 
 


 


2. जिसके शनि, गुरु उच्च हो, शनि पर्वत पर त्रिकोण चिह्न हो और सूर्य रेखा व्यवस्थित हो, वह योगी और साधु होकर प्रसिद्धि प्राप्त करके गौरवान्वित होता है। 
 

 


 


3. जिसका अंगूठा मोटा व टेढ़ा हो, वह इच्छाशक्ति से दूसरों को प्रभावित करने की क्षमता रखता है। अतएव वह अच्छा भागवत वक्ता हो सकता है। लेकिन जिनका सूर्य पर्वत और अनामिका कमजोर हो एवं गुरु उंगली प्रबल हो या अंगुलियां अलग-अलग एवं चौड़ी तथा हथेली मोटी हों, वे उपदेश देने में सफल नहीं हो पाते है।

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